"आरती संग्रह": अवतरणों में अंतर
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* [[गंगा चालीसा]] | |||
* [[शीतला चालीसा]] | |||
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* [[बुधवार व्रत की आरती]] | * [[बुधवार व्रत की आरती]] | ||
* [[शुक्रवार व्रत की आरती]] | * [[शुक्रवार व्रत की आरती]] | ||
* [[अन्नपूर्णा देवी की आरती]] | |||
* [[विन्ध्येश्वरी चालीसा]] | |||
* [[विन्ध्येश्वरी माता की आरती]] | |||
* [[वैष्णो माता की आरती]] | |||
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* [[लक्ष्मी चालीसा]] | * [[लक्ष्मी चालीसा]] | ||
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* [[संतोषी चालीसा]] | * [[संतोषी चालीसा]] | ||
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12:13, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण
पूजा के अंत में हम सभी भगवान की आरती करते हैं। आरती पूजन के अन्त में इष्टदेवता की प्रसन्नता के हेतु की जाती है। इसमें इष्टदेव को दीपक दिखाने के साथ उनका स्तवन तथा गुणगान किया जाता है। यह एक देवता के गुणों की प्रशंसा गीत है। आरती आम तौर पर एक पूजा या भजन सत्र के अंत में किया जाता है। यह पूजा समारोह के एक भाग के रूप में गाया जाता है।