"फागुन लाग्यौ सखि जब तें -रसखान": अवतरणों में अंतर
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फागुन लाग्यौ सखि जब तें, तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यौ है । | फागुन लाग्यौ सखि जब तें, तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यौ है । | ||
नारि नवेली बचै नहीं एक, विसेष इहैं सबै प्रेम अच्यौ है ॥ | |||
नारि नवेली बचै नहीं एक, विसेष इहैं सबै प्रेम | |||
साँझ-सकारे कही रसखान सुरंग गुलाल लै खेल रच्यौ है । | साँझ-सकारे कही रसखान सुरंग गुलाल लै खेल रच्यौ है । | ||
को सजनी निलजी न भई, अरु कौन भटू जिहिं मान बच्यौ है ॥ | को सजनी निलजी न भई, अरु कौन भटू जिहिं मान बच्यौ है ॥ | ||
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फागुन लाग्यौ सखि जब तें, तब तें ब्रजमंडल धूम मच्यौ है । |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |