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'''गढ़वाल चित्रकला''' शैली का विस्तार मध्यकाल के गढ़वाल [[राज्य]]<ref>[[जम्मू और कश्मीर]]</ref> में हुआ।  
[[चित्र:Garhwal-Painting.jpg|thumb|250px|गढ़वाल चित्रकला]]
'''गढ़वाल चित्रकला''' शैली का विस्तार मध्यकाल के गढ़वाल राज्य<ref>[[जम्मू और कश्मीर]]</ref> में हुआ।  
*गढ़वाल राज्य के नरेश पृथपाल शाह (1625-1660) के दरबार में रहने वाले दो [[चित्रकार|चित्रकारों]] - शामनाथ तथा हरदास ने इस शैली को जन्म दिया।  
*गढ़वाल राज्य के नरेश पृथपाल शाह (1625-1660) के दरबार में रहने वाले दो [[चित्रकार|चित्रकारों]] - शामनाथ तथा हरदास ने इस शैली को जन्म दिया।  
*गढ़वाल शैली में पर्वतीय एवं प्राकृतिक दृश्यों, पशु-पक्षियों आदि का कुशलतापूर्वक मनोहरी चित्रांकन किया गया है।  
*गढ़वाल शैली में पर्वतीय एवं प्राकृतिक दृश्यों, पशु-पक्षियों आदि का कुशलतापूर्वक मनोहरी चित्रांकन किया गया है।  
*उत्तर [[भारत]] में इस शैली का एक सम्मानित स्थान है।
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10:52, 12 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

गढ़वाल चित्रकला

गढ़वाल चित्रकला शैली का विस्तार मध्यकाल के गढ़वाल राज्य[1] में हुआ।

  • गढ़वाल राज्य के नरेश पृथपाल शाह (1625-1660) के दरबार में रहने वाले दो चित्रकारों - शामनाथ तथा हरदास ने इस शैली को जन्म दिया।
  • गढ़वाल शैली में पर्वतीय एवं प्राकृतिक दृश्यों, पशु-पक्षियों आदि का कुशलतापूर्वक मनोहरी चित्रांकन किया गया है।
  • उत्तर भारत में इस शैली का एक सम्मानित स्थान है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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