"अब तेरी सरन आयो राम -मलूकदास": अवतरणों में अंतर
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|मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक | |मुख्य रचनाएँ= रत्नखान, ज्ञानबोध, भक्ति विवेक | ||
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जबै सुनियो साधके मुख, पतित पावन नाम॥2॥ | जबै सुनियो साधके मुख, पतित पावन नाम॥2॥ | ||
यही जान पुकार कीन्ही अति सतायो काम॥3॥ | यही जान पुकार कीन्ही अति सतायो काम॥3॥ | ||
बिषयसेती भयो आजिज कह मलूक | बिषयसेती भयो आजिज कह मलूक ग़ुलाम॥4॥ | ||
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14:47, 25 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
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अब तेरी सरन आयो राम॥1॥ |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |