"राकेश शर्मा": अवतरणों में अंतर
('राकेश शर्मा एक ऐसे प्रथम भारतीय हैं, जिन्हें अंतरिक...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
(5 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 17 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
राकेश शर्मा | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=राकेश शर्मा|लेख का नाम=राकेश शर्मा (बहुविकल्पी)}} | ||
==जन्म और शिक्षा== | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को [[पटियाला]] ([[पंजाब]]) में हुआ था। सैनिक शिक्षा | |चित्र=Rakesh-Sharma-2.jpg | ||
==अंतरिक्ष उड़ान | |चित्र का नाम=राकेश शर्मा | ||
|पूरा नाम=राकेश शर्मा | |||
== | |अन्य नाम= | ||
भारत सरकार | |जन्म=[[13 जनवरी]], [[1949]] | ||
|जन्म भूमि=[[पटियाला]] ([[पंजाब]]) | |||
|मृत्यु= | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अभिभावक= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|गुरु= | |||
|कर्म भूमि=[[भारत]] | |||
|कर्म-क्षेत्र=[[भारतीय वायुसेना]] के पूर्व पायलट | |||
|मुख्य रचनाएँ= | |||
|विषय= | |||
|खोज= | |||
|भाषा=[[हिन्दी]], [[अंग्रेज़ी]] | |||
|शिक्षा= | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि='[[अशोक चक्र (पदक)|अशोक चक्र]]', 'हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन' | |||
|प्रसिद्धि=[[भारत]] के प्रथम अंतरिक्ष यात्री | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|शीर्षक 3= | |||
|पाठ 3= | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|अन्य जानकारी=[[नवम्बर]], [[2006]] में राकेश शर्मा '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) की समिति में सदस्य रूप में शामिल थे। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}}'''राकेश शर्मा''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Rakesh Sharma'', जन्म:[[13 जनवरी]], [[1949]] [[पटियाला]], [[पंजाब]]) [[भारत]] के प्रथम अंतरिक्ष यात्री थे। उन्हें अंतरिक्ष यान में उड़ने और [[पृथ्वी]] का चक्कर लगाने का अवसर [[2 अप्रैल]], [[1984]] में मिला था। वे विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री थे। स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने लो ऑर्बिट में स्थित सोवियत स्पेस स्टेशन की उड़ान भरी थी और सात [[दिन]] स्पेस स्टेशन पर बिताए थे। भारत और [[सोवियत संघ]] की मित्रता के गवाह इस संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के दौरान राकेश शर्मा ने भारत और [[हिमालय]] क्षेत्र की फ़ोटोग्राफी भी की। भारतवासियों के लिए लिए वह गर्व का क्षण था, जब [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गांधी]] के पूछने पर कि अंतरिक्ष से भारत कैसा लगता है, तब राकेश शर्मा ने कहा था- 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'। | |||
==जन्म और शिक्षा== | |||
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को [[पटियाला]] ([[पंजाब]]) में [[हिन्दू]] [[गौड़|गौड़]] [[परिवार]] में हुआ था। उन्होंने अपनी सैनिक शिक्षा [[हैदराबाद]] में ली थी। वे पायलट बनना चाहते थे। [[भारतीय वायुसेना]] द्वारा राकेश शर्मा टेस्ट पायलट भी चुन लिए गए थे, लेकिन ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। [[20 सितम्बर]], [[1982]] को '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) ने उन्हें [[सोवियत संघ]] (उस वक्त) की अंतरिक्ष एजेंसी इंटरकॉस्मोस के अभियान के लिए चुन लिया।<ref name="ab">{{cite web |url= http://hindi.in.com/hindi/-video-/327431/0|title=राकेश शर्मा|accessmonthday=11 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>[[चित्र:Rakesh Sharma.jpg|thumb|left|राकेश शर्मा]] | |||
==अंतरिक्ष में उड़ान== | |||
इसके बाद उन्हें सोवियत संघ के [[कज़ाकिस्तान]] में मौजदू बैकानूर में प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया। उनके साथ रविश मल्होत्रा भी भेजे गए थे। [[2 अप्रैल]], [[1984]] का वह ऐतिहासिक दिन था, जब सोवियत संघ के बैकानूर से सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी। भारतीय मिशन की ओर से थे- राकेश शर्मा, अंतरिक्ष यान के कमांडर थे वाई. वी. मालिशेव और फ़्लाइट इंजीनियर जी. एम स्ट्रकोलॉफ़। सोयूज टी-11 ने तीनों यात्रियों को सोवियत रूस के ऑबिटल स्टेशन सेल्यूत-7 में पहुँचा दिया था। | |||
==कार्यभार== | |||
सेल्यूत-7 में रहते हुए राकेश शर्मा ने [[भारत]] की कई तस्वीरें उतारीं। अंतरिक्ष में उन्होंने सात दिन रहकर 33 प्रयोग किए। भारहीनता से पैदा होने वाले असर से निपटने के लिए राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में अभ्यास किया। उनका काम रिमोट सेंसिंग से भी जुड़ा था। इस दौरान तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेस स्टेशन से मॉस्को और [[नई दिल्ली]] से साझा संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया। यह ऐसा गौरवपूर्ण क्षण था, जिसे करोड़ों भारतवासियों ने अपने [[टेलीविज़न]] सेट पर देखा और संजो लिया।<ref name="ab"/> | |||
====मिशन की समाप्ति==== | |||
राकेश शर्मा जब अंतरिक्ष यात्रा से [[भारत]] लौटकर आये थे तो [[इंदिरा गाँधी]] ने पूछा था कि हमारा भारत अंतरिक्ष से कैसा लगता है, तब राकेश ने जवाब दिया था- 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'। विंग कमाडर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद राकेश शर्मा 'हिन्दुस्तान एरोनेट्किस लिमिटेड' में टेस्ट पायलट के तौर पर कार्य करते रहे। इसी समय वह पल भी आया था, जब वे एक हादसे में बाल-बाल बच गए थे। | |||
====इसरो सदस्य==== | |||
[[नवम्बर]], [[2006]] में राकेश शर्मा '[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]]' (इसरो) की समिति में भी सदस्य रूप में शामिल थे। इस समिति ने नए भारतीय अंतरिक्ष उडा़न कार्यक्रम को अनुमति दी थी। अब [[बेंगलुरु]] में रहने वाले राकेश शर्मा ऑटोमेटेड वर्कफ़्लोर कम्पनी के बोर्ड चेयमैन की हैसियत से काम कर रहे हैं।<ref name="ab"/> | |||
==सम्मान== | |||
अंतरिक्ष मिशन पूर्ण हो जाने के बाद भारत सरकार ने राकेश शर्मा और उनके दोनों अंतरिक्ष साथियों को '[[अशोक चक्र (पदक)|अशोक चक्र]]' से सम्मानित किया। अपनी सफल अन्तरिक्ष यात्रा से वापस लौटने पर उन्हें "हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन" सम्मान से भी विभूषित किया गया था।<ref>{{cite web |url=http://agoodplace4all.com/?p=4700|title=प्रथम भारतीय अन्तरिक्ष यात्री – राकेश शर्मा|accessmonthday=7 जनवरी|accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{अंतरिक्ष यात्री}} | |||
[[Category: | [[Category:अंतरिक्ष यात्री]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
11:54, 26 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
राकेश शर्मा | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- राकेश शर्मा (बहुविकल्पी) |
राकेश शर्मा
| |
पूरा नाम | राकेश शर्मा |
जन्म | 13 जनवरी, 1949 |
जन्म भूमि | पटियाला (पंजाब) |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय वायुसेना के पूर्व पायलट |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
पुरस्कार-उपाधि | 'अशोक चक्र', 'हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन' |
प्रसिद्धि | भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | नवम्बर, 2006 में राकेश शर्मा 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) की समिति में सदस्य रूप में शामिल थे। |
राकेश शर्मा (अंग्रेज़ी:Rakesh Sharma, जन्म:13 जनवरी, 1949 पटियाला, पंजाब) भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री थे। उन्हें अंतरिक्ष यान में उड़ने और पृथ्वी का चक्कर लगाने का अवसर 2 अप्रैल, 1984 में मिला था। वे विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री थे। स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने लो ऑर्बिट में स्थित सोवियत स्पेस स्टेशन की उड़ान भरी थी और सात दिन स्पेस स्टेशन पर बिताए थे। भारत और सोवियत संघ की मित्रता के गवाह इस संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के दौरान राकेश शर्मा ने भारत और हिमालय क्षेत्र की फ़ोटोग्राफी भी की। भारतवासियों के लिए लिए वह गर्व का क्षण था, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पूछने पर कि अंतरिक्ष से भारत कैसा लगता है, तब राकेश शर्मा ने कहा था- 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'।
जन्म और शिक्षा
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी, 1949 को पटियाला (पंजाब) में हिन्दू गौड़ परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी सैनिक शिक्षा हैदराबाद में ली थी। वे पायलट बनना चाहते थे। भारतीय वायुसेना द्वारा राकेश शर्मा टेस्ट पायलट भी चुन लिए गए थे, लेकिन ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। 20 सितम्बर, 1982 को 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) ने उन्हें सोवियत संघ (उस वक्त) की अंतरिक्ष एजेंसी इंटरकॉस्मोस के अभियान के लिए चुन लिया।[1]
अंतरिक्ष में उड़ान
इसके बाद उन्हें सोवियत संघ के कज़ाकिस्तान में मौजदू बैकानूर में प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया। उनके साथ रविश मल्होत्रा भी भेजे गए थे। 2 अप्रैल, 1984 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब सोवियत संघ के बैकानूर से सोयूज टी-11 अंतरिक्ष यान ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी। भारतीय मिशन की ओर से थे- राकेश शर्मा, अंतरिक्ष यान के कमांडर थे वाई. वी. मालिशेव और फ़्लाइट इंजीनियर जी. एम स्ट्रकोलॉफ़। सोयूज टी-11 ने तीनों यात्रियों को सोवियत रूस के ऑबिटल स्टेशन सेल्यूत-7 में पहुँचा दिया था।
कार्यभार
सेल्यूत-7 में रहते हुए राकेश शर्मा ने भारत की कई तस्वीरें उतारीं। अंतरिक्ष में उन्होंने सात दिन रहकर 33 प्रयोग किए। भारहीनता से पैदा होने वाले असर से निपटने के लिए राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में अभ्यास किया। उनका काम रिमोट सेंसिंग से भी जुड़ा था। इस दौरान तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेस स्टेशन से मॉस्को और नई दिल्ली से साझा संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया। यह ऐसा गौरवपूर्ण क्षण था, जिसे करोड़ों भारतवासियों ने अपने टेलीविज़न सेट पर देखा और संजो लिया।[1]
मिशन की समाप्ति
राकेश शर्मा जब अंतरिक्ष यात्रा से भारत लौटकर आये थे तो इंदिरा गाँधी ने पूछा था कि हमारा भारत अंतरिक्ष से कैसा लगता है, तब राकेश ने जवाब दिया था- 'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'। विंग कमाडर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद राकेश शर्मा 'हिन्दुस्तान एरोनेट्किस लिमिटेड' में टेस्ट पायलट के तौर पर कार्य करते रहे। इसी समय वह पल भी आया था, जब वे एक हादसे में बाल-बाल बच गए थे।
इसरो सदस्य
नवम्बर, 2006 में राकेश शर्मा 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (इसरो) की समिति में भी सदस्य रूप में शामिल थे। इस समिति ने नए भारतीय अंतरिक्ष उडा़न कार्यक्रम को अनुमति दी थी। अब बेंगलुरु में रहने वाले राकेश शर्मा ऑटोमेटेड वर्कफ़्लोर कम्पनी के बोर्ड चेयमैन की हैसियत से काम कर रहे हैं।[1]
सम्मान
अंतरिक्ष मिशन पूर्ण हो जाने के बाद भारत सरकार ने राकेश शर्मा और उनके दोनों अंतरिक्ष साथियों को 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया। अपनी सफल अन्तरिक्ष यात्रा से वापस लौटने पर उन्हें "हीरो ऑफ़ सोवियत यूनियन" सम्मान से भी विभूषित किया गया था।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 राकेश शर्मा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 जनवरी, 2013।
- ↑ प्रथम भारतीय अन्तरिक्ष यात्री – राकेश शर्मा (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 7 जनवरी, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख