"पा (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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'चीनी कम' के बाद निर्देशक बाल्की ने [[अमिताभ बच्चन]] के साथ | '''पा''' एक प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म है, जिसके निर्देशक आर. बाल्की हैं। 'चीनी कम' के बाद निर्देशक बाल्की ने [[अमिताभ बच्चन]] के साथ दूसरी फ़िल्म बनाई है, जो लीक से हटकर थी। बाल्की अमिताभ को एक नये अंदाज़ में दर्शकों के सामने लाये। यह पात्र सिर्फ़ अमिताभ ही बखूबी निभा सकते थे। बाल्की ने अमिताभ को एक नया रूप दिया है। इस फ़िल्म में 70 साल के बच्चन ने एक 12 साल के '[[प्रोजेरिया|प्रोजोरिया]]' नामक बीमारी से पीड़ित बच्चे का पात्र निभाया, जिसमें व्यक्ति अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा का दिखाई देता है। अमिताभ को [[अभिषेक बच्चन]] के बेटे के रूप में दिखाया गया। मात्र 15 कड रुपये की लागत से बनने वाली इस फ़िल्म ने 'सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म' का राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम किया। निर्देशक बाल्की की फ़िल्म 'पा' को ख़ूब सराहा गया। 'पा' 'ए.बी. कॉर्प. लिमिटेड' की होम प्रोडक्शन फ़िल्म है। | ||
==कथानक== | ==कथानक== | ||
विदेश मे पढ़ते अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) और विद्या (विद्या बालन) को कुछ मुलाक़ातों के बाद प्यार हो जाता है। अमोल एक बड़े राजनेता का बेटा है और खुद भी नेता बनना चाहता है। वहीं विद्या डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करना चाहती है। प्यार मे दोनों की नज़दीकियाँ कम होती हैं और अंत मे विद्या अमोल के बच्चे की माँ बनने वाली | विदेश मे पढ़ते अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) और विद्या (विद्या बालन) को कुछ मुलाक़ातों के बाद प्यार हो जाता है। अमोल एक बड़े राजनेता का बेटा है और खुद भी नेता बनना चाहता है। वहीं विद्या डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करना चाहती है। प्यार मे दोनों की नज़दीकियाँ कम होती हैं और अंत मे विद्या अमोल के बच्चे की माँ बनने वाली है, पर अमोल को अपने कैरियर की दौड़ में कोई रुकावट नहीं चाहिए। विद्या बच्चे को जन्म देती है, जो 'प्रोजोरिया' नाम की लाइलाज बीमारी से पीड़ित है। | ||
12 साल की उम्र में 60 साल के बूढ़े जैसा दिखने वाला विद्या का बेटा ऑरो (अमिताभ बच्चन) दूसरे सामान्य बच्चों जैसा ही है। स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना, घर में नानी | 12 साल की उम्र में 60 साल के बूढ़े जैसा दिखने वाला विद्या का बेटा ऑरो (अमिताभ बच्चन) दूसरे सामान्य बच्चों जैसा ही है। स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना, घर में नानी माँ के साथ मौज मस्ती करना ऑरो की ज़िंदगी का हिस्सा है। ऑरो को हर वक़्त मन ही मन अपने पा की तलाश है। वहीं, दूसरी और अमोल अब सांसद बन चुका है। स्कूल में एक प्रतियोगिता के दौरान ऑरो की मुलाक़ात अमोल आप्टे से होती है, जो स्कूल के कार्यक्रम में ऑरो को पुरस्कार देते हैं। अमोल से मिलने के बाद ऑरो को उसमें अपनापन लगता है और दोनों एक दूसरे के नजदीक आते है, लेकिन ऑरो को अभी मालूम नहीं है कि अमोल ही उसके पा है। फ़िल्म की कहानी का नयापन और पेश करने का रोचक अंदाज़दर्शकों को बांधकर रखता है।<ref>{{cite web |url=http://filmkahani.com/00-decade-movie-reviews/paa-movie-review.html|title=पा (Paa Movie)|accessmonthday=4 फ़रवरी |accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | ||
==निर्देशन== | ==निर्देशन== | ||
निर्देशक बाल्की ने छोटे-छोटे दृश्यों के द्वारा हास्य, व्यंग्य और | निर्देशक बाल्की ने छोटे-छोटे दृश्यों के द्वारा हास्य, व्यंग्य और भावनाओं को प्रस्तुत किया है। फ़िल्म में भावनात्मक दृश्य की बहुत ही स्वाभाविक हैं। बाल्की ने इसके लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए और सीमा में रहकर बखूबी काम किया। कुछ दृश्यों में हँसी और आँसू एक साथ आते हैं। फ़िल्म 'पा' में ऑरो और उसकी माँ (विद्या बालन) के रिश्ते को भी ख़ूबसूरती के साथ चित्रित किया गया है। ऑरो और उसकी नानी (अरुंधती नाग) की नोंकझोंक, ऑरो और उसके दोस्त विष्णु (प्रतीक) की बातचीत चेहरे पर मुस्कान लाती है। | ||
==स्वस्थ वातावरण== | |||
==स्वस्थ | 13 वर्षीय ऑरो की हालत 65 वर्षीय वृद्ध जैसी रहती है, लेकिन निर्देशक और लेखक आर. बाल्की ने फ़िल्म में उसके प्रति सभी का व्यवहार एक आम इंसान जैसा दिखाया है। स्कूल में ऑरो के साथ पढ़ने वाले उसके दोस्त उसकी हालत का कभी मज़ाक नहीं बनाते, न ही ऑरो को लाचार दिखाकर उसके प्रति हमदर्दी जताने की कोशिश की गई है। ऑरो एक बेहद स्मार्ट बच्चा है। वह नेट पर चैटिंग करता है, गणित के सवाल चुटकियों में हल करता है, जैकी चेन की फ़िल्म देखता है और प्ले स्टेशन पर गेम खेलता है। ऑरो के पात्र को जिस तरह से हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है, वही इस फ़िल्म की विशेषता है। | ||
13 वर्षीय ऑरो की हालत 65 वर्षीय वृद्ध जैसी रहती है, लेकिन निर्देशक और लेखक आर. बाल्की ने | |||
ऑरो एक बेहद स्मार्ट बच्चा है। वह नेट पर चैटिंग करता है, गणित के सवाल चुटकियों में हल करता है, जैकी चेन की फ़िल्म देखता है और प्ले स्टेशन पर गेम खेलता है। ऑरो के पात्र को जिस तरह से हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है, वही इस फ़िल्म की विशेषता है। | |||
13 वर्षीय ऑरो अपनी माँ और नानी के साथ रहता है। अपने पिता के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। स्कूल के पुरस्कार समारोह में ऑरो की मुलाकात युवा नेता अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) से होती है और दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं। बाद में ऑरो को पता चलता है कि अमोल ही उसके पा हैं। ऑरो का सपना है कि उसके माता-पिता फिर एक हो जाए और वह अपने मकसद में सफल होता है। | 13 वर्षीय ऑरो अपनी माँ और नानी के साथ रहता है। अपने पिता के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। स्कूल के पुरस्कार समारोह में ऑरो की मुलाकात युवा नेता अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) से होती है और दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं। बाद में ऑरो को पता चलता है कि अमोल ही उसके पा हैं। ऑरो का सपना है कि उसके माता-पिता फिर एक हो जाए और वह अपने मकसद में सफल होता है। | ||
==अभिनय== | ==अभिनय== | ||
इस | इस फ़िल्म को देखने के लिए अमिताभ बच्चन का अभिनय एक बहुत बड़ा कारण है। ऑरो के चरित्र को उन्होंने स्क्रीन पर जीवंत कर दिया है। अभिनय, शारारिक भाषा और आवाज़ में कहीं भी अमिताभ बच्चन नज़र नहीं आते। नि:संदेह अमिताभ उत्कृष्ट अभिनय के लिए बधाई और पुरस्कार के पात्र हैं। अभिषेक बच्चन ने युवा नेता के हाव-भाव को अच्छी तरह से पेश किया है। एक अभिनेता के रूप में उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है। विद्या बालन का अभिनय भी प्रशंसनीय है। ऑरो की नानी के रूप में अरुंधती नाग का अभिनय बेहतरीन है। | ||
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|+ पा फ़िल्म के | |+ पा फ़िल्म के पात्रों का परिचय<ref>{{cite web |url=http://www.imdb.com/title/tt1532957/fullcredits#cast |title=Paa (2009)|accessmonthday=3 फ़रवरी|accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref> | ||
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| अमिताभ बच्चन | |||
| ऑरो | |||
| [[चित्र:Amitabh-Bachchan-Paa.jpg|50px|अमिताभ बच्चन]] | |||
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| 2. | |||
| अभिषेक बच्चन | |||
| अमोल आप्टे | |||
| [[चित्र:Abhishek-bachchan-in-paa.jpg|50px|अभिषेक बच्चन]] | |||
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| 3. | |||
| विद्या बालन | |||
| डॉ. विद्या | |||
| [[चित्र:Vidya-balan.jpg|50px|विद्या बालन]] | |||
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| 4. | |||
| परेश रावल | |||
| श्री. आप्टे | |||
| [[चित्र:Paresh Rawal.jpg|50px|परेश रावल]] | |||
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| 5. | |||
| अरुंधती नाग | |||
| डॉ. विद्या की माँ | |||
| [[चित्र:Arundhati-naag.jpg|50px|अरुंधती नाग]] | |||
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| 6. | |||
| जया भादुड़ी बच्चन | |||
| आवाज़ दी | |||
| [[चित्र:Jaya 5.jpg|50px|जया भादुड़ी बच्चन]] | |||
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| 7. | |||
| जगदीश राजपुरोहित | |||
| पारिवारिक चिकित्सक | |||
| [[चित्र:Jagdish-rajpurohit.gif|50px|जगदीश राजपुरोहित]] | |||
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इलिया राजा का संगीत फ़िल्म की भावना और संवेदना के अनुरूप है। 'मुड़ी-मुड़ी' गीत काफ़ी लोकप्रिय है। | |||
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|+ पा फ़िल्म के गाने<ref>{{cite web |url=http://www.imdb.com/title/tt1532957/soundtrack|title=Paa (2009)|accessmonthday=4 फ़रवरी|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= | language=हिंदी}}</ref> | |||
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! क्रमांक | ! क्रमांक | ||
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| 1. | | 1. | ||
| गुमसुम गुम गुमसुम क्यूँ हो तुम | | गुमसुम गुम गुमसुम क्यूँ हो तुम | ||
| आर. | | आर. भवतारिणी, श्रवण | ||
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| 2. | | 2. | ||
| | | मुड़ी-मुड़ी कहाँ मैं मुड़ी इत्तफ़ाक से | ||
| शिल्पा राव | | शिल्पा राव | ||
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| 7. | | 7. | ||
| गली | | गली मुड़ी इत्तफ़ाक से | ||
| शान | | शान | ||
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==मेकअप== | ==मेकअप== | ||
क्रिस्टेन टिंस्ले और डामिनी टील का फ़िल्म में अहम योगदान है। इन्होंने अमिताभ का बेहतरीन मेकअप किया है। इस भूमिका लिए मेकअप करने में उन्हें पूरे पांच घंटे लगते थे। अमिताभ बच्चन को नये रूप मे पहचानना एक बार को बहुत ही मुश्किल है। | क्रिस्टेन टिंस्ले और डामिनी टील का फ़िल्म में अहम योगदान है। इन्होंने अमिताभ का बेहतरीन मेकअप किया है। इस भूमिका लिए मेकअप करने में उन्हें पूरे पांच घंटे लगते थे। अमिताभ बच्चन को नये रूप मे पहचानना एक बार को बहुत ही मुश्किल है। ऑरो के लिए यह फ़िल्म देखी जा सकती है। बाल्की ने एक बार फिर कुछ नया करके दिखाया है और कम से कम एक बार ज़रूर देखने लायक़ फ़िल्म है। | ||
==संवाद== | ==संवाद== | ||
फ़िल्म की कहानी अच्छी है। पूरी फ़िल्म ऑरो के इर्द-गिर्द ही घूमती है। फ़िल्म के संवाद और गीत फ़िल्म के अनुकूल हैं। | |||
==छायांकन== | ==छायांकन== | ||
पी.सी. श्रीराम का छायांकन उल्लेखनीय है। | पी.सी. श्रीराम का छायांकन उल्लेखनीय है। | ||
==पुरस्कार== | ==पुरस्कार== | ||
[[प्रतिभा पाटील|राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील]] ने 57वें राष्ट्रीय | [[प्रतिभा पाटील|राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील]] ने 57वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में बॉलीवुड के महानायक [[अमिताभ बच्चन]] को फ़िल्म 'पा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्रदान किया। बच्चन को चौथी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 'राष्ट्रीय पुरस्कार' मिला। इसके पहले उन्हें यह पुरस्कार 'सात हिंदुस्तानी', 'अग्निपथ' और 'ब्लैक' के लिए मिल चुका है। अमिताभ के पुत्र अभिषेक बच्चान द्वारा निर्मित 'पा' फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार का भी पुरस्कार जीता। मात्र 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म का खिताब भी अपने नाम किया।<ref>{{cite web |url=http://www.nnilive.com/2010-10-12-09-46-12/391-natinol-award.html |title=अमिताभ बच्चन को फ़िल्म "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार|accessmonthday=4 फ़रवरी |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}} </ref> | ||
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*राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - अमिताभ बच्चन | |||
*राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ सहनायिका - अरुंधती नाग | |||
*राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म - आर. बाल्की | |||
*राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टेस्ट - क्रिस्टेन टिंस्ले, डामिनी टील | |||
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*स्टार स्क्रीन पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - विद्या बालन | |||
*स्टार स्क्रीन पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार - प्रदीप कात्रे | |||
*स्टार स्क्रीन पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री - अरुंधती नाग | |||
*सर्वश्रेष्ठ जोड़ी पुरस्कार - अमिताभ बच्चन अभिषेक के संग। | |||
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*आइफा पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - अमिताभ बच्चन | |||
*आइफा पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - विद्या बालन | |||
*आइफा पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ मेकअप आर्टिस्ट - क्रिस्टेन टिंस्ले, डामिनी टील | |||
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*फ़िल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - अमिताभ बच्चन | |||
*फ़िल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - विद्या बालन | |||
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*स्टारडस्ट स्टार ऑफ द ईयर- मेल- अमिताभ बच्चन | |||
*स्टारडस्ट सर्वश्रेष्ठ सहनायक पुरस्कार - अभिषेक बच्चन | |||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://www.imdb.com/title/tt1532957/ पा] | *[http://www.imdb.com/title/tt1532957/ पा] | ||
*[http://www.nnilive.com/2010-10-12-09-46-12/391-natinol-award.html अमिताभ बच्चन को | *[http://www.nnilive.com/2010-10-12-09-46-12/391-natinol-award.html अमिताभ बच्चन को फ़िल्म "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार] | ||
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2009/12/091125_vidya_paa.shtml मेरे पा को मुझ पर गर्व है: विद्या] | *[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2009/12/091125_vidya_paa.shtml मेरे पा को मुझ पर गर्व है: विद्या] | ||
*[http://www.indiaclub.com/shop/AuthorSelect.asp?Author=Amitabh+Bachchan Amitabh Bachchan] | *[http://www.indiaclub.com/shop/AuthorSelect.asp?Author=Amitabh+Bachchan Amitabh Bachchan] | ||
*[http://www.bayareaindoamerican.com/events/paa/ paa, A very rare father-son-son-father story] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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पा (फ़िल्म)
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निर्देशक | आर. बाल्की |
निर्माता | सुनील मनचंदा |
कहानी | आर. बाल्की |
कलाकार | अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, विद्या बालन, परेश रावल, अरुंधती नाग |
प्रसिद्ध चरित्र | ऑरो |
संगीत | इलिया राजा |
गीतकार | स्वानंद किरकिरे |
गायक | अमिताभ बच्चन, सुनिधि चौहान, शिल्पा राव, श्रवण राठौर, शान |
छायांकन | पी.सी. श्रीराम |
संपादन | अनिल नायडू |
वितरक | रिलायंस बिग पिक्चर्स, ए.बी. कॉर्प., मैड एंटरटेन्मेंट लि. |
प्रदर्शन तिथि | 4 दिसंबर, 2009 |
अवधि | 2 घंटे 24 मिनट |
भाषा | हिन्दी |
पुरस्कार | राष्ट्रीय पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म |
बजट | 15 करोड़ रुपये (अनुमानित) |
देश | भारत |
मेकअप | क्रिस्टेन टिंस्ले, डामिनी टील |
पा एक प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म है, जिसके निर्देशक आर. बाल्की हैं। 'चीनी कम' के बाद निर्देशक बाल्की ने अमिताभ बच्चन के साथ दूसरी फ़िल्म बनाई है, जो लीक से हटकर थी। बाल्की अमिताभ को एक नये अंदाज़ में दर्शकों के सामने लाये। यह पात्र सिर्फ़ अमिताभ ही बखूबी निभा सकते थे। बाल्की ने अमिताभ को एक नया रूप दिया है। इस फ़िल्म में 70 साल के बच्चन ने एक 12 साल के 'प्रोजोरिया' नामक बीमारी से पीड़ित बच्चे का पात्र निभाया, जिसमें व्यक्ति अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा का दिखाई देता है। अमिताभ को अभिषेक बच्चन के बेटे के रूप में दिखाया गया। मात्र 15 कड रुपये की लागत से बनने वाली इस फ़िल्म ने 'सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म' का राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम किया। निर्देशक बाल्की की फ़िल्म 'पा' को ख़ूब सराहा गया। 'पा' 'ए.बी. कॉर्प. लिमिटेड' की होम प्रोडक्शन फ़िल्म है।
कथानक
विदेश मे पढ़ते अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) और विद्या (विद्या बालन) को कुछ मुलाक़ातों के बाद प्यार हो जाता है। अमोल एक बड़े राजनेता का बेटा है और खुद भी नेता बनना चाहता है। वहीं विद्या डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करना चाहती है। प्यार मे दोनों की नज़दीकियाँ कम होती हैं और अंत मे विद्या अमोल के बच्चे की माँ बनने वाली है, पर अमोल को अपने कैरियर की दौड़ में कोई रुकावट नहीं चाहिए। विद्या बच्चे को जन्म देती है, जो 'प्रोजोरिया' नाम की लाइलाज बीमारी से पीड़ित है।
12 साल की उम्र में 60 साल के बूढ़े जैसा दिखने वाला विद्या का बेटा ऑरो (अमिताभ बच्चन) दूसरे सामान्य बच्चों जैसा ही है। स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना, घर में नानी माँ के साथ मौज मस्ती करना ऑरो की ज़िंदगी का हिस्सा है। ऑरो को हर वक़्त मन ही मन अपने पा की तलाश है। वहीं, दूसरी और अमोल अब सांसद बन चुका है। स्कूल में एक प्रतियोगिता के दौरान ऑरो की मुलाक़ात अमोल आप्टे से होती है, जो स्कूल के कार्यक्रम में ऑरो को पुरस्कार देते हैं। अमोल से मिलने के बाद ऑरो को उसमें अपनापन लगता है और दोनों एक दूसरे के नजदीक आते है, लेकिन ऑरो को अभी मालूम नहीं है कि अमोल ही उसके पा है। फ़िल्म की कहानी का नयापन और पेश करने का रोचक अंदाज़दर्शकों को बांधकर रखता है।[1]
निर्देशन
निर्देशक बाल्की ने छोटे-छोटे दृश्यों के द्वारा हास्य, व्यंग्य और भावनाओं को प्रस्तुत किया है। फ़िल्म में भावनात्मक दृश्य की बहुत ही स्वाभाविक हैं। बाल्की ने इसके लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किए और सीमा में रहकर बखूबी काम किया। कुछ दृश्यों में हँसी और आँसू एक साथ आते हैं। फ़िल्म 'पा' में ऑरो और उसकी माँ (विद्या बालन) के रिश्ते को भी ख़ूबसूरती के साथ चित्रित किया गया है। ऑरो और उसकी नानी (अरुंधती नाग) की नोंकझोंक, ऑरो और उसके दोस्त विष्णु (प्रतीक) की बातचीत चेहरे पर मुस्कान लाती है।
स्वस्थ वातावरण
13 वर्षीय ऑरो की हालत 65 वर्षीय वृद्ध जैसी रहती है, लेकिन निर्देशक और लेखक आर. बाल्की ने फ़िल्म में उसके प्रति सभी का व्यवहार एक आम इंसान जैसा दिखाया है। स्कूल में ऑरो के साथ पढ़ने वाले उसके दोस्त उसकी हालत का कभी मज़ाक नहीं बनाते, न ही ऑरो को लाचार दिखाकर उसके प्रति हमदर्दी जताने की कोशिश की गई है। ऑरो एक बेहद स्मार्ट बच्चा है। वह नेट पर चैटिंग करता है, गणित के सवाल चुटकियों में हल करता है, जैकी चेन की फ़िल्म देखता है और प्ले स्टेशन पर गेम खेलता है। ऑरो के पात्र को जिस तरह से हल्के-फुल्के अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया है, वही इस फ़िल्म की विशेषता है।
13 वर्षीय ऑरो अपनी माँ और नानी के साथ रहता है। अपने पिता के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। स्कूल के पुरस्कार समारोह में ऑरो की मुलाकात युवा नेता अमोल आप्टे (अभिषेक बच्चन) से होती है और दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं। बाद में ऑरो को पता चलता है कि अमोल ही उसके पा हैं। ऑरो का सपना है कि उसके माता-पिता फिर एक हो जाए और वह अपने मकसद में सफल होता है।
अभिनय
इस फ़िल्म को देखने के लिए अमिताभ बच्चन का अभिनय एक बहुत बड़ा कारण है। ऑरो के चरित्र को उन्होंने स्क्रीन पर जीवंत कर दिया है। अभिनय, शारारिक भाषा और आवाज़ में कहीं भी अमिताभ बच्चन नज़र नहीं आते। नि:संदेह अमिताभ उत्कृष्ट अभिनय के लिए बधाई और पुरस्कार के पात्र हैं। अभिषेक बच्चन ने युवा नेता के हाव-भाव को अच्छी तरह से पेश किया है। एक अभिनेता के रूप में उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है। विद्या बालन का अभिनय भी प्रशंसनीय है। ऑरो की नानी के रूप में अरुंधती नाग का अभिनय बेहतरीन है।
क्रमांक | कलाकार | पात्र का नाम | चित्र |
---|---|---|---|
1. | अमिताभ बच्चन | ऑरो | |
2. | अभिषेक बच्चन | अमोल आप्टे | |
3. | विद्या बालन | डॉ. विद्या | |
4. | परेश रावल | श्री. आप्टे | |
5. | अरुंधती नाग | डॉ. विद्या की माँ | |
6. | जया भादुड़ी बच्चन | आवाज़ दी | |
7. | जगदीश राजपुरोहित | पारिवारिक चिकित्सक |
संगीत
इलिया राजा का संगीत फ़िल्म की भावना और संवेदना के अनुरूप है। 'मुड़ी-मुड़ी' गीत काफ़ी लोकप्रिय है।
क्रमांक | गाना | गायक/गायिका का नाम |
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1. | गुमसुम गुम गुमसुम क्यूँ हो तुम | आर. भवतारिणी, श्रवण |
2. | मुड़ी-मुड़ी कहाँ मैं मुड़ी इत्तफ़ाक से | शिल्पा राव |
3. | हल्के से बोल | कोरस |
4. | उड़ी उड़ी हाँ उड़ी मैं फिर इत्तफ़ाक से | शिल्पा राव |
5. | मेरे पा | अमिताभ बच्चन |
5. | पा थीम | वाद्य |
6. | हिचकी हिचकी | सुनिधि चौहान |
7. | गली मुड़ी इत्तफ़ाक से | शान |
मेकअप
क्रिस्टेन टिंस्ले और डामिनी टील का फ़िल्म में अहम योगदान है। इन्होंने अमिताभ का बेहतरीन मेकअप किया है। इस भूमिका लिए मेकअप करने में उन्हें पूरे पांच घंटे लगते थे। अमिताभ बच्चन को नये रूप मे पहचानना एक बार को बहुत ही मुश्किल है। ऑरो के लिए यह फ़िल्म देखी जा सकती है। बाल्की ने एक बार फिर कुछ नया करके दिखाया है और कम से कम एक बार ज़रूर देखने लायक़ फ़िल्म है।
संवाद
फ़िल्म की कहानी अच्छी है। पूरी फ़िल्म ऑरो के इर्द-गिर्द ही घूमती है। फ़िल्म के संवाद और गीत फ़िल्म के अनुकूल हैं।
छायांकन
पी.सी. श्रीराम का छायांकन उल्लेखनीय है।
पुरस्कार
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 57वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को फ़िल्म 'पा' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्रदान किया। बच्चन को चौथी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 'राष्ट्रीय पुरस्कार' मिला। इसके पहले उन्हें यह पुरस्कार 'सात हिंदुस्तानी', 'अग्निपथ' और 'ब्लैक' के लिए मिल चुका है। अमिताभ के पुत्र अभिषेक बच्चान द्वारा निर्मित 'पा' फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार का भी पुरस्कार जीता। मात्र 15 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस फ़िल्म ने सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म का खिताब भी अपने नाम किया।[4]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पा (Paa Movie) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
- ↑ Paa (2009) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 3 फ़रवरी, 2012।
- ↑ Paa (2009) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
- ↑ अमिताभ बच्चन को फ़िल्म "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
- ↑ राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
- ↑ स्क्रीन अवॉर्ड में पा का जलवा (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
- ↑ फ़िल्मफ़ेयर में (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 4 फ़रवरी, 2012।
बाहरी कड़ियाँ
- पा
- अमिताभ बच्चन को फ़िल्म "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार
- मेरे पा को मुझ पर गर्व है: विद्या
- Amitabh Bachchan
- paa, A very rare father-son-son-father story
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