"बिंदी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} '''बिंदी''' स्त्रियों की सुंदरता को बढाने क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "शृंगार" to "श्रृंगार")
 
(4 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 9 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
[[चित्र:Bindiya.jpg|thumb|बिंदियां]]
'''बिंदी''' स्त्रियों की सुंदरता को बढाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और माथे को सजाने के लिए लगायी जाती है। बिंदी स्त्रियों के 16 श्रृंगार में से एक है।  
[[चित्र:Bindiya-2.jpg|thumb|बिंदियां]]
'''बिंदी''' स्त्रियों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और माथे को सजाने के लिए लगायी जाती है। बिंदी स्त्रियों के 16 श्रृंगार में से एक है।  
*लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है।  
*लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है।  
*[[हिन्दू धर्म]] में शादी के बाद हर स्त्री को माथे पर [[लाल रंग|लाल]] बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है।
*[[हिन्दू धर्म]] में [[विवाह|शादी]] के बाद हर स्त्री को माथे पर [[लाल रंग|लाल]] बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है।
*बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रृंगार तक ही सीमित नहीं है।  
*बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रृंगार तक ही सीमित नहीं है।  
*बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे।  
*एक मान्यता के अनुसार बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे।  
*स्त्रियों का मन अति चंचल होता है, अत: उनके मन को नियंत्रित और स्थिर रखने के लिए बिंदी बहुत कारगर उपाय है। इससे उनका मन शांत और एकाग्र रहता है।
*बिंदी तीन तरह की होती है:-
**'''[[तिलक]]''' जो [[शाक्त]] लगाते है। ([[पार्वती देवी|देवी]] के शक्ति रूप की पूजा करने वाले)
**'''बिंदी''' जो [[वैष्णव]] लगाते है। ([[विष्णु]] और [[विष्णु के अवतार|विष्णु के अवतारों]] की पूजा करने वाले)
**'''त्रिपुण्ड''' जो [[शैव]] लगाते है। ([[शिव]] की पूजा करने वाले)


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 15: पंक्ति 19:
[[Category:श्रृंगार सामग्री]]
[[Category:श्रृंगार सामग्री]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:संस्कृति कोश]]
[[Category:नया पन्ना जनवरी-2012]]


__INDEX__
__INDEX__

08:00, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

बिंदियां
बिंदियां

बिंदी स्त्रियों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए माथे पर लगाने का गोल छोटा टीका होती है। बिंदी स्त्रियों के श्रृंगार में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है और माथे को सजाने के लिए लगायी जाती है। बिंदी स्त्रियों के 16 श्रृंगार में से एक है।

  • लड़कियाँ बिंदी का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से करती हैं और विवाहित महिलाओं के लिए यह सुहाग की निशानी मानी जाती है।
  • हिन्दू धर्म में शादी के बाद हर स्त्री को माथे पर लाल बिंदी लगाना आवश्यक परंपरा माना गया है।
  • बिंदी का महत्त्व केवल सौंदर्य बढ़ाने वाले श्रृंगार तक ही सीमित नहीं है।
  • एक मान्यता के अनुसार बिंदी लगाने की परंपरा आज्ञा चक्र पर दबाव बनाने के लिए प्रारंभ की गई ताकि मन एकाग्र रहे।
  • बिंदी तीन तरह की होती है:-


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख