"हार्टोग समिति": अवतरणों में अंतर
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*विश्वविद्यालयों में किये गये अनुपयोगी प्रवेशों से शिक्षा का स्तर गिर रहा था। इसलिए समिति ने विश्वविद्यालय को अपने सुझाव दिए। | *विश्वविद्यालयों में किये गये अनुपयोगी प्रवेशों से शिक्षा का स्तर गिर रहा था। इसलिए समिति ने विश्वविद्यालय को अपने सुझाव दिए। | ||
*सुझाव में कहा गया था कि विश्वविद्यालय ऐसे ही छात्र को प्रवेश दे एवं उसके लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था करे, जो उसके योग्य हों। | *सुझाव में कहा गया था कि विश्वविद्यालय ऐसे ही छात्र को प्रवेश दे एवं उसके लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था करे, जो उसके योग्य हों। | ||
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13:53, 15 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण
हार्टोग समिति का गठन 1929 ई. में 'भारतीय परिनीति आयोग' ने सर फ़िलिप हार्टोग के नेतृत्व में किया था। शिक्षा के विकास पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु इस समिति का गठन किया गया था। हर्टोग समिति ने प्राथमिक शिक्षा के महत्व की बात कही थी।
- माध्यमिक शिक्षा के बारे में समिति ने मैट्रिक स्तर पर विशेष बल दिया।
- ग्रामीण अंचलों के विद्यालयों को समिति ने वर्नाक्यूलर मिडिल स्तर के स्कूल पर ही रोक कर उन्हें व्यावसायिक या फिर औद्योगिक शिक्षा देने का सुझाव दिया।
- विश्वविद्यालयों में किये गये अनुपयोगी प्रवेशों से शिक्षा का स्तर गिर रहा था। इसलिए समिति ने विश्वविद्यालय को अपने सुझाव दिए।
- सुझाव में कहा गया था कि विश्वविद्यालय ऐसे ही छात्र को प्रवेश दे एवं उसके लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था करे, जो उसके योग्य हों।
- हार्टोग समिति की सिफारिश के आधार पर 1935 ई. में 'केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड' का पुनर्गठन किया गया।
इन्हें भी देखें: भारत में शिक्षा का विकास एवं भारत में शिक्षा
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