"पाल मूर्तिकला शैली": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} पाल शैली की विशेषता इसकी मूर्तियों में ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''पाल शैली''' की विशेषता इसकी मूर्तियों में परिलक्षित अंतिम परिष्कार है। [[बिहार]] और [[बंगाल]] के पाल और सेन शासकों के समय में<ref>8से 12वीं सदी</ref> [[बौद्ध]] और [[हिंदू]] दोनों ने ही सुंदर मूर्तियाँ बनाई। | |||
पाल शैली की विशेषता इसकी मूर्तियों में परिलक्षित अंतिम परिष्कार है। [[बिहार]] और [[बंगाल]] के पाल और सेन शासकों के समय में<ref>8से 12वीं सदी</ref> [[बौद्ध]] और [[हिंदू]] दोनों ने ही सुंदर मूर्तियाँ बनाई। | *इन मूर्तियों के लिए काले बैसाल्ट पत्थरों का प्रयोग किया गया है। | ||
* | *मूर्तियां अतिसज्जित और अच्छी पॉलिश की हुई हैं, मानो वे पत्थर की न होकर [[धातु]] की बनी हों। | ||
*मूर्तियां अतिसज्जित और अच्छी पॉलिश की हुई हैं | |||
*पाल शैली की प्रस्तर मूर्तियाँ [[नालंदा]], [[राजगीर]] और [[बोधगया]] में मिलती हैं। | *पाल शैली की प्रस्तर मूर्तियाँ [[नालंदा]], [[राजगीर]] और [[बोधगया]] में मिलती हैं। | ||
*मूर्ति शिल्प की दृष्टि से नालंदा कला के तीन चरण माने गए हैं: | *मूर्ति शिल्प की दृष्टि से नालंदा कला के तीन चरण माने गए हैं: | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 13: | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारतीय मूर्तिकला}} | |||
[[Category:पाल साम्राज्य]] | [[Category:पाल साम्राज्य]] | ||
[[Category:मूर्ति कला]] | [[Category:मूर्ति कला]] | ||
[[Category:कला कोश]] | [[Category:कला कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:09, 28 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
पाल शैली की विशेषता इसकी मूर्तियों में परिलक्षित अंतिम परिष्कार है। बिहार और बंगाल के पाल और सेन शासकों के समय में[1] बौद्ध और हिंदू दोनों ने ही सुंदर मूर्तियाँ बनाई।
- इन मूर्तियों के लिए काले बैसाल्ट पत्थरों का प्रयोग किया गया है।
- मूर्तियां अतिसज्जित और अच्छी पॉलिश की हुई हैं, मानो वे पत्थर की न होकर धातु की बनी हों।
- पाल शैली की प्रस्तर मूर्तियाँ नालंदा, राजगीर और बोधगया में मिलती हैं।
- मूर्ति शिल्प की दृष्टि से नालंदा कला के तीन चरण माने गए हैं:
- बुद्ध और बोधिसत्व की मूर्तियों का महायान चरण
- सहजयान मूर्तियाँ
- अंतिम कापालोक प्रणाली का कलाचक्र
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 8से 12वीं सदी
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख