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'''शाइस्ता ख़ाँ''' [[मुग़ल]] [[औरंगज़ेब|बादशाह औरंगज़ेब]] का मामा था। 1660 ई. में औरंगज़ेब ने उसे विशेष रूप से [[शिवाजी]] का दमन करने के लिए दक्षिण का [[सूबेदार]] नियुक्त किया था। | |||
*छत्रपति शिवाजी के विरुद्ध प्रारम्भ में शाइस्ता ख़ाँ को कुछ सफलता मिली, किन्तु वर्षाकाल में जब वह [[पूना]] लौट गया, तब शिवाजी ने रात्रि में अचानक उस पर आक्रमण कर दिया। | |||
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*बाद के दिनों में शाइस्ता ख़ाँ का तबादला [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] कर दिया गया, जहाँ उसने 30 वर्षों तक विशेष सफलतापूर्वक शासन किया। | |||
*शाइस्ता ख़ाँ ने बंगाल के समुद्र तटवर्ती भू-भाग में लूटमार करने वाले [[पुर्तग़ाली]] समुद्री डाकुओं का दमन किया और [[अराकान]] के राजा से चिरगाँव ज़िला भी छीन लिया। | |||
*1694 ई. में 90 वर्ष से भी अधिक आयु में शाइस्ता ख़ाँ [[आगरा]], [[उत्तर प्रदेश]] में मृत्यु को प्राप्त हुआ। | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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11:39, 3 मई 2015 के समय का अवतरण
शाइस्ता ख़ाँ मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का मामा था। 1660 ई. में औरंगज़ेब ने उसे विशेष रूप से शिवाजी का दमन करने के लिए दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया था।
- छत्रपति शिवाजी के विरुद्ध प्रारम्भ में शाइस्ता ख़ाँ को कुछ सफलता मिली, किन्तु वर्षाकाल में जब वह पूना लौट गया, तब शिवाजी ने रात्रि में अचानक उस पर आक्रमण कर दिया।
- शिवाजी द्वारा अचानक किये गए आक्रमण से शाइस्ता ख़ाँ ने बड़ी कठिनता से अपने प्राणों की रक्षा की, किन्तु उसे अपनी तीन अंगुलियों से हाथ धोना पड़ा तथा उसका पुत्र भी मारा गया।
- बाद के दिनों में शाइस्ता ख़ाँ का तबादला बंगाल कर दिया गया, जहाँ उसने 30 वर्षों तक विशेष सफलतापूर्वक शासन किया।
- शाइस्ता ख़ाँ ने बंगाल के समुद्र तटवर्ती भू-भाग में लूटमार करने वाले पुर्तग़ाली समुद्री डाकुओं का दमन किया और अराकान के राजा से चिरगाँव ज़िला भी छीन लिया।
- 1694 ई. में 90 वर्ष से भी अधिक आयु में शाइस्ता ख़ाँ आगरा, उत्तर प्रदेश में मृत्यु को प्राप्त हुआ।
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