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'''नट्टमेडू''' एक [[ऐतिहासिक स्थान]] है, जो कुड्डलोर तालुका, [[तंजौर]] में स्थित है। इस स्थान से अनेक प्राचीन [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=477|url=}}</ref> | '''नट्टमेडू''' एक [[ऐतिहासिक स्थान]] है, जो कुड्डलोर तालुका, [[तंजौर]] में स्थित है। इस स्थान से अनेक प्राचीन [[अवशेष]] प्राप्त हुए हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=477|url=}}</ref> | ||
*[[1955]]-[[1956]] के उत्खनन में पुरातत्त्व विभाग को इस स्थान से [[मिट्टी]] के बर्तनों के ऐसे अवशेष मिले थे, जिससे इसके प्राचीन रोम साम्राज्य से व्यापारिक संबंधों पर प्रकाश पड़ता है। | *[[1955]]-[[1956]] के उत्खनन में पुरातत्त्व विभाग को इस स्थान से [[मिट्टी]] के बर्तनों के ऐसे अवशेष मिले थे, जिससे इसके प्राचीन [[रोमन साम्राज्य|रोम साम्राज्य]] से व्यापारिक संबंधों पर प्रकाश पड़ता है। | ||
*यहाँ से प्राप्त मृदभांडों में शंक्वाकार आधार सहित दो हत्थों वाले बर्तन और भीतर की ओर मुड़े किनारे वाली रकाबियों तथा प्यालियों के टुकड़े उल्लेखनीय हैं। | *यहाँ से प्राप्त मृदभांडों में शंक्वाकार आधार सहित दो हत्थों वाले बर्तन और भीतर की ओर मुड़े किनारे वाली रकाबियों तथा प्यालियों के टुकड़े उल्लेखनीय हैं। | ||
13:14, 15 जून 2012 के समय का अवतरण
नट्टमेडू एक ऐतिहासिक स्थान है, जो कुड्डलोर तालुका, तंजौर में स्थित है। इस स्थान से अनेक प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए हैं।[1]
- 1955-1956 के उत्खनन में पुरातत्त्व विभाग को इस स्थान से मिट्टी के बर्तनों के ऐसे अवशेष मिले थे, जिससे इसके प्राचीन रोम साम्राज्य से व्यापारिक संबंधों पर प्रकाश पड़ता है।
- यहाँ से प्राप्त मृदभांडों में शंक्वाकार आधार सहित दो हत्थों वाले बर्तन और भीतर की ओर मुड़े किनारे वाली रकाबियों तथा प्यालियों के टुकड़े उल्लेखनीय हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 477 |