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| ==तमिलनाडु सामान्य ज्ञान==
| | {| width="60%" class="bharattable-pink" |
| {| class="bharattable-green" width="100%" | | |+विश्व हिन्दी सम्मेलन |
| |- | | |- |
| | valign="top"| | | ! क्र.सं. |
| {| width="100%"
| | ! सम्मेलन |
| | | | ! तिथि |
| <quiz display=simple>
| | ! नगर |
| {[[तमिलनाडु]] में किस तिथि को राजकीय दिवस मनाया जाता है?
| | ! देश |
| |type="()"} | | |- |
| +[[10 अप्रैल]]
| | |1. |
| -[[12 अप्रैल]] | | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1975|प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| -[[14 अप्रैल]]
| | |[[10 जनवरी|10]]-[[12 जनवरी]], [[1975]] |
| -[[16 अप्रैल]]
| | |नागपुर |
| | | |[[चित्र:Tricolor.jpg|50px|link=तिरंगा]] [[भारत]] |
| {[[तमिलनाडु]] प्रदेश का राजकीय पशु कौन-सा है?
| | |- |
| |type="()"} | | |2. |
| +नीलगिरि ताहर
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1976|द्वितीय विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| -वृषभ
| | |[[28 अगस्त|28]]-[[30 अगस्त]], [[1976]] |
| -सफ़ेद भालू
| | |पोर्ट लुई |
| -इनमें से कोई नहीं
| | |[[चित्र:Flag-of-Mauritius.png|50px|link=मॉरीशस]] [[मॉरीशस]] |
| | | |- |
| {वर्तमान में [[तमिलनाडु]] में ज़िलों की कुल संख्या कितनी है?
| | |3. |
| |type="()"} | | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1983|तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| -25
| | |[[28 अक्टूबर|28]]-[[30 अक्टूबर]], [[1983]] |
| +30
| | |[[नई दिल्ली]] |
| -35
| | |[[चित्र:Tricolor.jpg|50px|link=तिरंगा]] [[भारत]] |
| -37
| | |- |
| | | |4. |
| {[[तमिलनाडु]] के प्रमुख शिखर [[डोड्डाबेट्टा]] की ऊँचाई कितनी है?
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1993|चतुर्थ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| |type="()"} | | |[[2 दिसम्बर|02]]-[[4 दिसम्बर|04 दिसम्बर]], [[1993]] |
| -2,440 मीटर
| | |पोर्ट लुई |
| -244 मीटर
| | |[[चित्र:Flag-of-Mauritius.png|50px|link=मॉरीशस]] [[मॉरीशस]] |
| +2800 मीटर
| | |- |
| -2648 मीटर
| | |5. |
| | | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1996|पाँचवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| {'अन्नामलाई विश्वविद्यालय' तमिलनाडु में कहाँ स्थित है?
| | |[[4 अप्रैल|04]]-[[8 अप्रैल|08 अप्रैल]], [[1996]] |
| |type="()"} | | |पोर्ट ऑफ़ स्पेन |
| -[[चेन्नई]]
| | |[[चित्र:Flag-of-Trinidad-and-Tobago.png|50px]] त्रिनिदाद एवं टोबेगो |
| +अन्नामलाई नगर
| | |- |
| -[[कोयंबतुर]]
| | |6. |
| -[[नागपट्टिनम]] | | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 1999|छठा विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
|
| | |[[14 सितम्बर|14]]-[[18 सितम्बर]], [[1999]] |
| {[[तमिलनाडु]] में राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या कुल कितनी है?
| | |यू. के. |
| |type="()"} | | |[[चित्र:London-Flag.jpg|50px|link=लंदन]] [[लंदन]] |
| -4 | | |- |
| +5
| | |7. |
| -6 | | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2003|सातवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| -7
| | |[[6 जून|06]]-[[9 जून|09 जून]], [[2003]] |
| | | |पारामारिबो |
| {[[तमिलनाडु]] के किस नगर में 'थियोसॉफ़िकल सोसाइटी' के मुख्यालय की स्थापना की गई?
| | |[[चित्र:Flag-of-Suriname.png|50px]] सूरीनाम |
| |type="()"} | | |- |
| -[[कोडईकनाल]]
| | |8. |
| -[[दिंडिगल]]
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2007|आठवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| +अडयार
| | |[[13 जुलाई|13]]-[[15 जुलाई]], [[2007]] |
| -[[टुटिकोरिन]] | | |[[न्यूयॉर्क नगर|न्यूयॉर्क]] |
| | | |[[चित्र:America-Flag.gif|50px|link=अमरीका]] [[अमरीका]] |
| {[[तमिलनाडु]] का प्रमुख पर्व [[पोंगल]] किस महीने में मनाया जाता है?
| | |- |
| |type="()"} | | |9. |
| +[[जनवरी]]
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2012|नौवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| -[[मार्च]] | | |[[22 सितंबर|22]]-[[24 सितंबर]], [[2012]] |
| -[[दिसम्बर]]
| | |जोहांसबर्ग |
| -[[जून]]
| | |[[चित्र:South-Africa-flag.jpg|50px|link=दक्षिण अफ़्रीका]] [[दक्षिण अफ़्रीका]] |
| ||[[चित्र:Pongal.jpg|right|100px|पोंगल]][[तमिलनाडु]] में फ़सल कटाई का त्योहार [[पोंगल]] [[जनवरी]] माह में मनाया जाता है। किसान अपनी अच्छी फ़सल के लिए आभार प्रकट करने हेतु [[सूर्य]], [[पृथ्वी]] और पशुओं की [[पूजा]] करते हैं। पोंगल के बाद दक्षिण तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में ‘जल्लीकट्टू’ होता है, जिसमें सांड़ों की लड़ाई होती है। प्रदेश में अलंगनल्लूर ‘जल्लीकट्टू’ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। ‘चित्तिरै’ [[मदुरै]] का लोकप्रिय त्योहार है। यह [[पाण्ड्य राजवंश|पाण्ड्य]] राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर के अलौकिक [[विवाह]] बंधन की समृति में मनाया जाता है। तमिल महीने ‘आदि’ के अठारहवें दिन नदियों के किनारे ‘आदिपेरूकु’ पर्व मनाया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोंगल]]
| | |- |
| | | |10. |
| {[[तमिलनाडु]] में होने वाला नृत्य महोत्सव अपने आप में अद्भुत माना जाता है, यह कहाँ पर आयोजित होता है?
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015|दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| |type="()"} | | |[[10 अगस्त|10]]-[[12 सितंबर]], [[2015]] |
| -[[मदुरै]]
| | |[[भोपाल]] |
| -[[रामेश्वरम]] | | |[[चित्र:Tricolor.jpg|50px|link=तिरंगा]] [[भारत]] |
| +[[मामल्लपुरम]]
| | |- |
| -[[चिदंबरम]]
| | |11. |
| ||[[चित्र:Mahisha-Mardini-Cave-Mahabalipuram-7.jpg|right|100px|महिषा मर्दनी गुफा, महाबलीपुरम]][[महाबलीपुरम]] एक ऐतिहासिक नगर है, जो 'मामल्लपुरम' भी कहलाता है। यह पूर्वोत्तर [[तमिलनाडु]] राज्य, [[दक्षिण भारत]] में स्थित है। एक धार्मिक केन्द्र के रूप में इसकी स्थापना सातवीं सदी में [[हिन्दू]] [[पल्लव वंश|पल्लव]] राजा [[नरसिंह वर्मन प्रथम|नरसिंह वर्मन]] ने, जिन्हें 'मामल्ल' भी कहा जाता है, ने की थी। इसीलिए इसे '[[मामल्लपुरम]]' भी कहा गया है। यहाँ पर पाए गए [[चीन]], [[फ़ारस]] और [[रोम]] के प्राचीन सिक्कों से पता चलता है कि यहाँ पर पहले बंदरगाह रहा होगा। सातवीं और आठवीं सदी में निर्मित पल्लव मन्दिरों और स्मारकों के मिलने से यहाँ की वास्तु शैली की उत्कृष्टता का पता चलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मामल्लपुरम]]
| | |[[विश्व हिन्दी सम्मेलन 2018|ग्यारहवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन]] |
| | | |[[18 अगस्त|18]]-[[20 अगस्त]], [[2018]] |
| {निम्नलिखित में से [[तमिलनाडु]] की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार क्या है?
| | |पोर्ट लुई |
| |type="()"} | | |[[चित्र:Flag-of-Mauritius.png|50px|link=मॉरीशस]] [[मॉरीशस]] |
| +[[कृषि]]
| |
| -पशुपालन | |
| -व्यापार | |
| -सभी | |
| ||[[चित्र:Rice-Fields.jpg|right|100px|चावल के खेत, तमिलनाडु]][[तमिलनाडु]] में मुख्य व्यवसाय [[कृषि]] है। राज्य में [[2007]]-[[2008]] में कुल खेती योग्य क्षेत्र 56.10 मिलियन हेक्टेयर था। प्रमुख खाद्यान्न फ़सलें [[चावल]], [[ज्वार]] और [[दाल|दालें]] हैं। प्रमुख व्यापारिक फ़सलों में [[गन्ना]], [[कपास]], [[सूरजमुखी]], [[नारियल]], काजू, [[मिर्च]] और [[मूँगफली]] हैं। अन्य पौध फ़सलें हैं- [[चाय]], [[कॉफी]], [[इलायची]] और [[रबर]]। मुख्य वन उत्पाद हैं- इमारती लकड़ी, [[चंदन]] की लकड़ी, पल्पवुड और जलाने योग्य लकड़ी। जैव उर्वरकों के उत्पादन और इस्तेमाल में तमिलनाडु का प्रमुख स्थान है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिलनाडु की कृषि]]
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| {निम्न में से कौन-सा बाँध [[तमिलनाडु]] में है?
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| |type="()"} | |
| -मुकुरथी | |
| -मेटूर
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| -गोमुखी
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| +उपर्युक्त सभी
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| {[[तमिलनाडु]] में किस साम्राज्य ने लम्बे समय तक शासन किया?
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| |type="()"} | |
| +[[चोल साम्राज्य|चोल]]
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| -[[पांड्य साम्राज्य|पांड्य]] | |
| -[[चेर वंश|चेर]]
| |
| -[[वाकाटक वंश|वाकाटक]]
| |
| ||[[चित्र:Uttama coin.png|120px|right|चोल साम्राज्य का सिक्का]]छठी [[शताब्दी]] के मध्य के बाद में [[दक्षिण भारत]] में [[पल्लव वंश|पल्लवों]], [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] तथा [[पाण्ड्य]] वंशों का राज्य रहा। पल्लवों की राजधानी [[कांची]], चालुक्यों की [[बादामी]] तथा पाण्ड्यों की राजधानी [[मदुरई]] थी, जो आधुनिक [[तंजौर]] में है। दक्षिण में अर्थात [[केरल]] में [[चेर वंश|चेर]] शासक थे। [[कर्नाटक]] क्षेत्र में [[कदम्ब]] तथा [[गंग वंश|गंग वंशों]] का शासन था। इस युग के अधिकतर समय में गंग शासक राष्ट्रकूटों के अधीन थे या उनसे मिलते हुए थे। राष्ट्रकूट इस समय [[महाराष्ट्र]] क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावशाली थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चोल साम्राज्य|चोल]]
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| {[[तमिलनाडु]] में '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गाँधी संग्रहालय]]' कहाँ पर स्थित है?
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| |type="()"} | |
| +[[मदुरै]]
| |
| -[[चेन्नई]]
| |
| -[[तिरुनेल्वेली]] | |
| -[[कोयंबतुर]]
| |
| ||[[चित्र:Gandhi-Museum-Madurai.jpg|100px|right|गांधी संग्रहालय, मदुरै]]'मदुरै' या 'मदुरई' या 'मदुरा' [[तमिलनाडु]] के दक्षिण में वैगोई नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। [[मदुरै]] प्राचीन काल से ही सुन्दर सूती वस्त्रों तथा मोतियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। [[कौटिल्य]] तथा [[टॉलमी]] ने मदुरा के वस्त्रों की प्रशंसा की है। इस नगर में अनेक भव्य मन्दिर हैं, जिनमें '[[मीनाक्षी मन्दिर]]' उल्लेखनीय हैं। मदुरै का '[[गांधी संग्रहालय मदुरै|गांधी संग्रहालय]]' भी बहुत प्रसिद्ध है। इस संग्रहालय का उद्घाटन [[15 अप्रैल]], [[1959]] में पूर्व [[प्रधानमंत्री]] पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा करवाया गया था। [[गांधी जी]] की किताबों और पत्रों के अलावा दक्षिण भारतीय ग्रामोद्योगों एवं हस्तशिल्प के सुंदर संग्रह को इस संग्रहालय में देखा जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मदुरै]] | |
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| {[[तमिलनाडु]] का कौन-सा शहर [[बंगाल की खाड़ी]] के कोरोमण्डल तट पर स्थित है?
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| |type="()"} | |
| -[[कन्याकुमारी]]
| |
| -[[तंजावुर]] | |
| +[[चेन्नई]]
| |
| -[[मदुरांतक तमिलनाडु|मदुरांतक]]
| |
| ||[[चित्र:University-of-Madras.jpg|right|100px|मद्रास विश्वविद्यालय]]'चेन्नई' शहर, भूतपूर्व [[मद्रास]], [[तमिलनाडु]] राज्य की राजधानी है। यह [[दक्षिण भारत]] में [[बंगाल की खाड़ी]] के कोरोमण्डल तट पर स्थित है। [[चेन्नई]] [[भारत]] के चार महानगरों में से एक है। [[समुद्र]] किनारे बसे इस शहर में बंदरगाह भी हैं। चेन्नई को पहले [[मद्रास]] के नाम से जाना जाता था। मद्रास मछुआरों के गाँव 'मद्रासपटनम' का छोटा रूप था, जहाँ ब्रिटिश [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ने 1639-1640 में एक क़िले और व्यापारिक चौकी का निर्माण किया था। उस समय यहाँ सूती कपड़े की बुनाई एक स्थानीय उद्योग था और [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने बुनकरों तथा स्थानीय व्यापारियों को क़िले के आस-पास बसने के लिए बुलाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चेन्नई]]
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| {निम्न में से किसके दक्षिण में [[हिन्द महासागर]] स्थित है?
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| |type="()"} | |
| -[[कांचीपुरम]]
| |
| -[[तिरुचिराप्पल्ली]] | |
| -[[तेनकाशी]]
| |
| +[[कन्याकुमारी]]
| |
| ||[[चित्र:Sunset-Kanyakumari.jpg|right|100px|सूर्यास्त का दृश्य, कन्याकुमारी]][[भारत]] भूमि के सबसे दक्षिणतम बिंदु पर स्थित [[कन्याकुमारी]] न केवल एक [[तीर्थ स्थान]] है, बल्कि देशी-विदेशी सैलानियों का एक बड़ा पर्यटन स्थल भी है। देश के मानचित्र के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण अधिकांश लोग इसे देख लेने की इच्छा रखते हैं। यह स्थान एक खाड़ी, एक सागर और एक [[महासागर]] का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] एवं दक्षिण में [[हिंद महासागर]] है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कन्याकुमारी]]
| |
| </quiz>
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| |}
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| |} | | |} |
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