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13:42, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

ढंकगिरि गुजरात में स्थित शत्रुंजय पर्वत का ही एक नाम है। यह गुजरात के प्रसिद्ध प्राचीन नगर वल्लभीपुर के निकट स्थित है और जैन धर्म के मानने वालों का पवित्र तीर्थ स्थान है।[1]

  • सातवाहन के गुरु और पादलिप्त सूर के शिष्य सिद्ध नागार्जुन ढंकागिरि में रहकर 'रस विद्या' या 'अलकीमिया' की साधना किया करते थे। इस तथ्य का उल्लेख जैन ग्रंथ 'विविध तीर्थ कल्प'[2] में है-

'ढंक पव्वए रायसी हराय उत्तस्स भोपाल नामियं धुअं रूप लावव्ण संपन्नं दठठूणं जायाणुरास्स तं सेवमाणस्स वासु गिणोपूत्तोनागाज्जुणो नाम जाओ।'


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 383 |
  2. 'विविध तीर्थ कल्प'- पृ. 104

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