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नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को '''समाचार''' कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। | {{समाचार लेख सूची}} | ||
नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को '''[[समाचार]]''' कहते हैं, जिन्हें [[समाचार पत्र]], समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। | |||
;वर्ष [[2011]] के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं- | |||
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==ख़ुद मौत को गले लगाकर दो नर्सो ने बचाई 8 जानें== | ==ख़ुद मौत को गले लगाकर दो नर्सो ने बचाई 8 जानें== | ||
[[चित्र:Ramya and Vinitha.jpg|thumb|[[रम्या और विनीथा]] (अंतिम संस्कार)]] | [[चित्र:Ramya and Vinitha.jpg|thumb|[[रम्या और विनीथा]] (अंतिम संस्कार)]] | ||
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==हिन्दी सुधारने के लिए अंग्रेज़ी शब्दों की छूट== | ==हिन्दी सुधारने के लिए अंग्रेज़ी शब्दों की छूट== | ||
====13 अक्टूबर, 2011 गुरुवार==== | ====13 अक्टूबर, 2011 गुरुवार==== | ||
आज़ादी के 64 साल बाद भी सरकार [[हिंदी]] को [[राजभाषा]] से राष्ट्रभाषा नहीं बना पाई है, मगर अब उसने सरकारी दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाली हिंदी को बदलने के प्रयास अवश्य तेज कर दिए हैं। दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाले हिंदी के कठिन शब्दों की जगह [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], सामान्य हिंदी और [[अंग्रेज़ी]] के शब्दों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। [[गृह मंत्रालय]] के राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय ने इस सिलसिले में सभी मंत्रालयों और विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के | आज़ादी के 64 साल बाद भी सरकार [[हिंदी]] को [[राजभाषा]] से राष्ट्रभाषा नहीं बना पाई है, मगर अब उसने सरकारी दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाली हिंदी को बदलने के प्रयास अवश्य तेज कर दिए हैं। दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाले हिंदी के कठिन शब्दों की जगह [[उर्दू]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], सामान्य हिंदी और [[अंग्रेज़ी]] के शब्दों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। [[गृह मंत्रालय]] के राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय ने इस सिलसिले में सभी मंत्रालयों और विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के मुताबिक़, कामकाज के दौरान साहित्यिक हिंदी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी शब्द का हिंदी में उपयोग बतौर अनुवाद न हो। इससे आम लोगों को समस्या होती है। एक हद के बाद यही समस्या किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर भाषा के ख़िलाफ़ खड़ा करती है। गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी किए दिशा-निर्देश मंत्रालय के '''इस आदेश के बाद पुलिस, कोर्ट, ब्यूरो, रेलवे स्टेशन, बटन, कोट, पैंट, सिग्नल, लिफ़्ट, फीस, क़ानून, अदालत, मुक़दमा, दफ़्तर, एफ़आईआर जैसे अंग्रेज़ी, फ़ारसी और तुर्की भाषा के शब्दों का चलन जारी रहेगा।''' | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
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==जापान को पटकनी दे सकता है भारत== | ==जापान को पटकनी दे सकता है भारत== | ||
====20 सितंबर 2011, मंगलवार==== | ====20 सितंबर 2011, मंगलवार==== | ||
वैश्विक मंदी को दरकिनार करते हुए [[भारत]] दुनिया में | वैश्विक मंदी को दरकिनार करते हुए [[भारत]] दुनिया में तेज़ीसे आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता जा रहा है। भारत इस साल (2011) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। जीडीपी के आकार के आधार पर यह जापान को पीछे छोड़कर यह मुकाम हासिल करेगा। जापान की अर्थव्यवस्था साल 2010 के दौरान 4.31 लाख करोड़ डॉलर की थी। वहीं पिछले साल भारतीय इकनॉमी 4.06 लाख करोड़ डॉलर की थी। जबकि इस साल [[मार्च]] महीने में जापान की अर्थव्यवस्था पर सुनामी और [[भूकंप]] के चलते काफ़ी बुरा असर पड़ा। इससे वहां की अर्थव्यवस्था का आकार घटने की आशंका है। वहीं वित्त वर्ष 2012 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 से 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर जापान के उपर भूकंप और सुनामी की मार नहीं पड़ती तो भारत को उसे पछाड़ने में कम से कम और 2-3 साल का वक्त लग जाता। क्रिसिल के रिसर्च हेड और वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा के मुताबिक़, [[अमेरिका]], [[चीन]] और [[जापान]] के बाद भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
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*[http://www.patrika.com/news.aspx?id=681931 पत्रिका डॉट कॉम] | *[http://www.patrika.com/news.aspx?id=681931 पत्रिका डॉट कॉम] | ||
==विश्व शांति के लिए भारत-अमेरिका सहयोग | ==विश्व शांति के लिए भारत-अमेरिका सहयोग ज़रूरी -ओबामा== | ||
[[चित्र:Barack-Obama.jpg|thumb|बराक ओबामा|150px]] | [[चित्र:Barack-Obama.jpg|thumb|बराक ओबामा|150px]] | ||
====शनिवार, 10 सितंबर, 2011==== | ====शनिवार, 10 सितंबर, 2011==== | ||
भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग को 21वीं [[सदी]] के लिए महत्त्वपूर्ण और अपरिहार्य बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति '''बराक ओबामा''' ने कहा है कि दोनों देशों के बीच गहरे और व्यापक संबंध हैं, जिनका उद्देश्य [[एशिया]] और दुनिया में शांति और समृद्धि | भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग को 21वीं [[सदी]] के लिए महत्त्वपूर्ण और अपरिहार्य बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति '''बराक ओबामा''' ने कहा है कि दोनों देशों के बीच गहरे और व्यापक संबंध हैं, जिनका उद्देश्य [[एशिया]] और दुनिया में शांति और समृद्धि क़ायम करना है। ओबामा ने शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011 को व्हाइट हाउस में एक समारोह के दौरान यह बात अमेरिका में [[भारत]] की नई राजदूत निरुपमा राव से कही। इस दौरान राव ने ओबामा को अपना परिचय पत्र सौंपा। बयान के मुताबिक़, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नैसर्गिक दोस्ती है और भारत-अमेरिका भागीदारी सक्रिय एवं वृहद साबित हुई है और एशिया एवं दुनिया में शांति एवं समृद्धि के लिए है। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
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==ऑटिज़्म के इलाज की जगी नई उम्मीदें== | ==ऑटिज़्म के इलाज की जगी नई उम्मीदें== | ||
====शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011==== | ====शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011==== | ||
पहली बार एक बड़ी खोज में वैज्ञानिकों को [[ऑटिज़्म]] से जुड़े दो अलग अलग जैविक तनाव का पता चला है जिनके बारे में उनका दावा है कि इससे बीमारी के प्रभावी इलाज का विकास हो सकेगा। इन खोजों की तुलना 1960 के दशक में हुई कैंसर के विभिन्न प्रकारों की खोजों से की जा रही है और इनसे उम्मीद जागी है कि इनसे ऑटिज़्म ग्रस्त बच्चों के संपर्क, सामाजिकरण और अन्य समस्याओं को ज़्यादा आसानी और जल्दी से निपटा जा सकेगा। कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविस माइंड इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने दो से ढाई साल के उम्र के क़रीब 350 शिशुओं के दिमागी विकास, अनुवाशिंक बनावट और आसपास के वातावरण का अध्ययन किया। अध्ययन के | पहली बार एक बड़ी खोज में वैज्ञानिकों को [[ऑटिज़्म]] से जुड़े दो अलग अलग जैविक तनाव का पता चला है जिनके बारे में उनका दावा है कि इससे बीमारी के प्रभावी इलाज का विकास हो सकेगा। इन खोजों की तुलना 1960 के दशक में हुई कैंसर के विभिन्न प्रकारों की खोजों से की जा रही है और इनसे उम्मीद जागी है कि इनसे ऑटिज़्म ग्रस्त बच्चों के संपर्क, सामाजिकरण और अन्य समस्याओं को ज़्यादा आसानी और जल्दी से निपटा जा सकेगा। कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविस माइंड इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने दो से ढाई साल के उम्र के क़रीब 350 शिशुओं के दिमागी विकास, अनुवाशिंक बनावट और आसपास के वातावरण का अध्ययन किया। अध्ययन के मुताबिक़ शिशुओं के एक समूह-जिनमें सभी लड़के थे के दिमाग बड़े पाए गए और 18 महीने के होने के बाद ज़्यादातर में ऑटिज़्म के लक्षण पाए गए जबकि एक अन्य समूह में प्रतिरक्षा प्रणाली को सही काम करते नहीं पाया गया। | ||
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==रक्षा वैज्ञानिकों ने बनायी 'ल्यूकोडर्मा' की अचूक हर्बल औषधि== | ==रक्षा वैज्ञानिकों ने बनायी 'ल्यूकोडर्मा' की अचूक हर्बल औषधि== | ||
====रविवार, 11 सितंबर, 2011==== | ====रविवार, 11 सितंबर, 2011==== | ||
सफ़ेद दाग़ ([[ल्यूकोडर्मा]]) से पीड़ित भारत की 1-2 फीसदी आबादी, जो इसके कारगर इलाज के अभाव में कुंठा में जीवन यापन करने को मजबूर है, उन्हें देश के रक्षा वैज्ञानिकों ने उम्मीद की लौ दिखायी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक विकास संगठन ने एक पौधे से सफ़ेद दाग़ को पूरी तरह खत्म करने की दवा ईजाद करने में कामयाबी हासिल की है, जो शोध परीक्षणों में खरी उतरी है। इस हर्बल द्रव और लगाने के लिए मलहम रूप में होगी। इस दवा के व्यावसायिक उत्पादन और मार्केटिंग के लिए डीआरडीओ ने देश की एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी से करार किया है, जो तकनीकि हस्तांतरण से इसका उत्पादन शुरू करने जा रही है। डीआरडीओ की [[हल्द्वानी]] ([[उत्तराखंड]]) स्थित प्रयोगशाला-डिफेंस एग्रीकल्चर रिसर्च लैबोरेटरी ने इस मेडिसिनल रिसर्च को अंजाम दिया है। इस लैबौरेटरी ने मेडिसिनल प्लांट्स के क्षेत्र में पूर्व में भी उल्लेखनीय काम किया है। और अब सफ़ेद दाग़ के कारगर इलाज के लिए ल्युकोसिन औषधि का निर्माण और इसके स्रोत मेडिसिनल प्लांट की खोज इसके द्वारा किए गए कार्यों में मील का पत्थर साबित होगा। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक वैज्ञानिकों की टीम के अथक परिश्रम का प्रतिफल 'ल्युकोसिन' औषधि सफ़ेद दाग़ मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे वैज्ञानिकों का नेतृत्व प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं चीफ कंट्रोलर रिसर्च एंड डवलपमेंट (लाइफ सांइसेज) | सफ़ेद दाग़ ([[ल्यूकोडर्मा]]) से पीड़ित भारत की 1-2 फीसदी आबादी, जो इसके कारगर इलाज के अभाव में कुंठा में जीवन यापन करने को मजबूर है, उन्हें देश के रक्षा वैज्ञानिकों ने उम्मीद की लौ दिखायी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक विकास संगठन ने एक पौधे से सफ़ेद दाग़ को पूरी तरह खत्म करने की दवा ईजाद करने में कामयाबी हासिल की है, जो शोध परीक्षणों में खरी उतरी है। इस हर्बल द्रव और लगाने के लिए मलहम रूप में होगी। इस दवा के व्यावसायिक उत्पादन और मार्केटिंग के लिए डीआरडीओ ने देश की एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी से करार किया है, जो तकनीकि हस्तांतरण से इसका उत्पादन शुरू करने जा रही है। डीआरडीओ की [[हल्द्वानी]] ([[उत्तराखंड]]) स्थित प्रयोगशाला-डिफेंस एग्रीकल्चर रिसर्च लैबोरेटरी ने इस मेडिसिनल रिसर्च को अंजाम दिया है। इस लैबौरेटरी ने मेडिसिनल प्लांट्स के क्षेत्र में पूर्व में भी उल्लेखनीय काम किया है। और अब सफ़ेद दाग़ के कारगर इलाज के लिए ल्युकोसिन औषधि का निर्माण और इसके स्रोत मेडिसिनल प्लांट की खोज इसके द्वारा किए गए कार्यों में मील का पत्थर साबित होगा। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक वैज्ञानिकों की टीम के अथक परिश्रम का प्रतिफल 'ल्युकोसिन' औषधि सफ़ेद दाग़ मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे वैज्ञानिकों का नेतृत्व प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं चीफ कंट्रोलर रिसर्च एंड डवलपमेंट (लाइफ सांइसेज) डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्थी ने किया। <ref>आभार- राष्ट्रीय सहारा दिनांक 11 सितंबर, 2011 पृष्ठ संख्या- 1</ref> | ||
==चीन ने खोजा ब्रह्मपुत्र-सिंधु का उद्गम स्थल== | ==चीन ने खोजा ब्रह्मपुत्र-सिंधु का उद्गम स्थल== | ||
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;शुक्रवार, 15 जुलाई, 2011 | ;शुक्रवार, 15 जुलाई, 2011 | ||
[[चित्र:PSLV-C12-Satellite-Launcher.jpg|thumb|पीएसएलवी-17]] | [[चित्र:PSLV-C12-Satellite-Launcher.jpg|thumb|पीएसएलवी-17]] | ||
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार, [[15 जुलाई]], 2011 को पीएसएलवी सी-17 के जरिए जीसैट-12 ए का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने इसे भारतीय समयानुसार शाम 4.48 बजे प्रक्षेपित किया, जो अपने निर्धारित समय में धरती की कक्षा में स्थापित हो गया। जीसैट-12 संचार सेटेलाइट का वज़न 1410 किलोग्राम है और इसका जीवन काल आठ सालों का होगा। समाचार एजेंसी के | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार, [[15 जुलाई]], 2011 को पीएसएलवी सी-17 के जरिए जीसैट-12 ए का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने इसे भारतीय समयानुसार शाम 4.48 बजे प्रक्षेपित किया, जो अपने निर्धारित समय में धरती की कक्षा में स्थापित हो गया। जीसैट-12 संचार सेटेलाइट का वज़न 1410 किलोग्राम है और इसका जीवन काल आठ सालों का होगा। समाचार एजेंसी के मुताबिक़ इसरो के प्रकाशन और जनसम्पर्क निदेशक एस. सतीश ने पहले ही इस बात की संभावना जताई थी कि प्रक्षेपण में कोई समस्या नहीं आएगी। यह उपग्रह संचार के क्षेत्र में काफ़ी महत्त्वपूर्ण साबित होगा। इससे दूरस्थ शिक्षा, दूरस्थ चिकित्सा और ग्राम संसाधन केंद्र को उन्नत बनाया जा सकता है। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
*[http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=33548 मनीकंट्रोल डॉट कॉम] | *[http://hindi.moneycontrol.com/mccode/news/article.php?id=33548 मनीकंट्रोल डॉट कॉम] | ||
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==सबसे ज़्यादा तनावग्रस्त हैं भारतीय महिलाएँ== | ==सबसे ज़्यादा तनावग्रस्त हैं भारतीय महिलाएँ== | ||
;29 जून, 2011, बुधवार | ;29 जून, 2011, बुधवार | ||
दुनिया के प्रमुख विकसित एवं विकासशील देशों में आज की भागदौड़ और आपाधापी से होने वाले तनाव के बारे में किए गए भारतीय महिलाएं के सर्वेक्षण के अनुसार [[भारत]] की सर्वाधिक महिलाएँ तनाव में रहती हैं। दुनिया भर में महिलाएं खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं। यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज़्यादा दिख रही है। एक सर्वे में भारतीय महिलाओं ने खुद को सबसे ज़्यादा तनाव में बताया। 21 विकसित और उभरते हुए देशों में कराए गए नीलसन सर्वे में सामने आया कि | दुनिया के प्रमुख विकसित एवं विकासशील देशों में आज की भागदौड़ और आपाधापी से होने वाले तनाव के बारे में किए गए भारतीय महिलाएं के सर्वेक्षण के अनुसार [[भारत]] की सर्वाधिक महिलाएँ तनाव में रहती हैं। दुनिया भर में महिलाएं खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं। यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज़्यादा दिख रही है। एक सर्वे में भारतीय महिलाओं ने खुद को सबसे ज़्यादा तनाव में बताया। 21 विकसित और उभरते हुए देशों में कराए गए नीलसन सर्वे में सामने आया कि तेज़ीसे उभरते हुए देशों में महिलाएँ बेहद दबाव में हैं लेकिन उन्हें आर्थिक स्थिरता और अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद भी दूसरों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा है। सर्वे में 87 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने कहा कि ज़्यादातर समय वे तनाव में रहती हैं और 82 फीसदी का कहना है कि उनके पास आराम करने के लिए वक़्त नहीं होता। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
*[http://www.dw-world.de/dw/article/0,,15193649,00.html dw-world.de] | *[http://www.dw-world.de/dw/article/0,,15193649,00.html dw-world.de] | ||
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[[अर्थशास्त्र]] में [[नोबेल पुरस्कार]] जीतने वाले भारतीय अर्थशास्त्री [[अमर्त्य सेन|डॉ. अमर्त्य सेन]] ने पश्चिमी देशों को [[भारत]] और [[चीन]] से सीख लेने की सलाह दी है। डॉक्टर सेन का कहना है कि पश्चिमी देशों को नए विचारों की | [[अर्थशास्त्र]] में [[नोबेल पुरस्कार]] जीतने वाले भारतीय अर्थशास्त्री [[अमर्त्य सेन|डॉ. अमर्त्य सेन]] ने पश्चिमी देशों को [[भारत]] और [[चीन]] से सीख लेने की सलाह दी है। डॉक्टर सेन का कहना है कि पश्चिमी देशों को नए विचारों की ज़रूरत है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेड बिजनेस स्कूल में संजय लाल विजिटिंग प्रोफेसरशीप ऑफ बिज़नेस एंड डेवलपमेंट की शुरुआत करते हुए डॉ. सेन ने एक पैनल चर्चा में कहा कि विकासशील देश पश्चिम में अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही चर्चा में स्तरीय विचार दे सकते हैं। डॉक्टर सेन के मुताबिक़ भारत और चीन बाज़ारों को सुरक्षित ढंग से खोल रहे हैं। [[नई दिल्ली]] और बीजिंग के पास नए विचार हैं और उन्हें चरणबद्ध तरीक़े से अमल में भी लाया जा रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री के मुताबिक़ पश्चिमी देशों को भी ऐसा ही करने की ज़रूरत है। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
*[http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/article1-Western-economy-should-learn-from-India:-Amratya-Sen-45-45-174552.html लाइव हिन्दुस्तान] | *[http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/article1-Western-economy-should-learn-from-India:-Amratya-Sen-45-45-174552.html लाइव हिन्दुस्तान] | ||
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[[चित्र:Ped lagate log.jpg|thumb]] | [[चित्र:Ped lagate log.jpg|thumb]] | ||
दुनिया में सबसे | दुनिया में सबसे तेज़ीसे बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक [[भारत]] हरित अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहा है। नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि भारतीय लोग आर्थिक वृद्धि पर पर्यावरण रक्षा को मामूली रूप से प्राथमिकता देते हैं। [[अमेरिका]] की प्रमुख सर्वेक्षण एजेंसी ‘गैलप’ ने अपने ताजा सर्वेक्षण में कहा कि ज़्यादातर आबादी अर्थव्यवस्था से ज़्यादा पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। गैलप की मानें तो भारत ने वैश्विक भूभाग पर हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इसकी एक बानगी राष्ट्रीय राजधानी [[दिल्ली]] है, जहाँ हाल के वर्षो में हरित क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली का लगभग 20 फीसदी हिस्सा वनों से ढका हुआ है। सरकार ने अगले कुछ सालों में इसे बढ़ाकर 25 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
*[http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-329-329-174589.html लाइव हिन्दुस्तान] | *[http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-329-329-174589.html लाइव हिन्दुस्तान] | ||
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ग्लोबल इंटरनेट सर्च इंजन [[गूगल]] अब भारतीय शहरों की हर गली-नुक्कड़ की तस्वीरें इंटरनेट पर दिखाने जा रहा है। गूगल अर्थ के जरिए जहाँ अब तक आप धरती के विभिन्न हिस्सों की सैटलाइट तस्वीरें देख सकते थे, वहीं गूगल के नए फीचर स्ट्रीट व्यू से गली-नुक्कड़ तक को देखा जा सकेगा। यह फीचर गूगल इंडिया में लाने जा रहा है। गूगल ने अपने इस प्लान का ऐलान कर दिया है। इस व्यवस्था को स्ट्रीट व्यू कहते हैं और यह दुनिया के 27 देशों में उपलब्ध है। वहाँ के शहरों को गूगल के ज़रिये | ग्लोबल इंटरनेट सर्च इंजन [[गूगल]] अब भारतीय शहरों की हर गली-नुक्कड़ की तस्वीरें इंटरनेट पर दिखाने जा रहा है। गूगल अर्थ के जरिए जहाँ अब तक आप धरती के विभिन्न हिस्सों की सैटलाइट तस्वीरें देख सकते थे, वहीं गूगल के नए फीचर स्ट्रीट व्यू से गली-नुक्कड़ तक को देखा जा सकेगा। यह फीचर गूगल इंडिया में लाने जा रहा है। गूगल ने अपने इस प्लान का ऐलान कर दिया है। इस व्यवस्था को स्ट्रीट व्यू कहते हैं और यह दुनिया के 27 देशों में उपलब्ध है। वहाँ के शहरों को गूगल के ज़रिये साफ़ देखा जा सकता है। | ||
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*[http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%97%E0%A5%82%E0%A4%97%E0%A4%B2-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82/%E0%A4%97%E0%A5%82%E0%A4%97%E0%A4%B2-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82-1110526096_1.htm वेब दुनिया हिन्दी] | *[http://hindi.webdunia.com/%E0%A4%97%E0%A5%82%E0%A4%97%E0%A4%B2-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82/%E0%A4%97%E0%A5%82%E0%A4%97%E0%A4%B2-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%82-1110526096_1.htm वेब दुनिया हिन्दी] | ||
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==भारत की जनसंख्या बढ़कर हुई 121 करोड़== | ==भारत की जनसंख्या बढ़कर हुई 121 करोड़== | ||
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जनगणना के ताजा आंकड़ों के | जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ [[भारत]] की आबादी बढ़ कर 121 करोड़ (1 अरब 21 करोड़) हो गई है। दस साल पहले हुई गणना के मुकाबले यह 17.64 फ़ीसदी ज़्यादा है। संतोष की बात यह है कि आबादी बढ़ने की हमारी रफ़्तार कम हुई है और आज़ादी के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है। पिछली जनगणना के मुकाबले जनसंख्या दर क़रीब चार फ़ीसदी कम दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं की तत्परता के कारण अब हमारी कुल 74 फ़ीसदी आबादी साक्षर हो चुकी है। लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान गर्भ में बच्चियों की हत्या के मामले में हमने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। छह साल तक की आबादी में इस समय एक हज़ार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 914 लड़कियाँ ही हैं। | ||
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[[चित्र:Tiger-01.jpg| [[बाघ]]|thumb]] | [[चित्र:Tiger-01.jpg| [[बाघ]]|thumb]] | ||
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देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। वर्ष [[2006]] में इनकी संख्या 1411 थी जो 21 फ़ीसदी बढ़कर 1706 हो गई है। बाघों की ताज़ा गणना में ये आंकड़े सामने आए। पर्यावरण मंत्री | देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। वर्ष [[2006]] में इनकी संख्या 1411 थी जो 21 फ़ीसदी बढ़कर 1706 हो गई है। बाघों की ताज़ा गणना में ये आंकड़े सामने आए। पर्यावरण मंत्री [[जयराम रमेश]] ने सोमवार को देशभर के बाघों की संख्या से जुड़े आंकड़े तीन दिवसीय इंटरनेशनल बाघ कॉन्फ्रेंस में जारी किए। उन्होंने कहाँ कि बाघों की संख्या में इज़ाफ़ा एक अच्छी खबर है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि [[2009]] और [[2010]] में बाघों की मृत्यु दर सामान्य से अधिक रही। कैमरा ट्रैप विधि से डेढ़ साल से अधिक उम्र के 615 बाघों के फ़ोटोग्राफ खींचे गए हैं। मध्य भारत में बाघों पर हमले की घटना में कमी आई है। ख़ासकर [[आंध्र प्रदेश]] व [[मध्य प्रदेश]] के गलियारे में। | ||
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*[http://www.bhaskar.com/article/SPLDB-295-tigers-in-the-country-increased-1973060.html दैनिक भास्कर] | *[http://www.bhaskar.com/article/SPLDB-295-tigers-in-the-country-increased-1973060.html दैनिक भास्कर] | ||
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[[चित्र:Pandit-Bhimsen-Joshi.jpg|thumb|[[भीमसेन जोशी|पं. भीमसेन जोशी]]]] | [[चित्र:Pandit-Bhimsen-Joshi.jpg|thumb|[[भीमसेन जोशी|पं. भीमसेन जोशी]]]] | ||
====24 जनवरी, 2011, सोमवार==== | ====24 जनवरी, 2011, सोमवार==== | ||
देश के | देश के महान् शास्त्रीय गायक और [[भारत रत्न]] से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी जी का सोमवार सुबह पुणे के एक अस्पातल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पं. जोशी जी की आवाज़ अब हमेशा के लिए खामोश हो गई है। जोशी जी पिछले दो साल से बीमार थे। | ||
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*[http://www.bhaskar.com/article/NAT-bhimsen-joshi-died-1786262.html दैनिक भास्कर] | *[http://www.bhaskar.com/article/NAT-bhimsen-joshi-died-1786262.html दैनिक भास्कर] | ||
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*[http://www.khaskhabar.com/classical-singer-pandit-bhimsen-joshi-passes-away-0120112416866914778.html ख़ास खबर] | *[http://www.khaskhabar.com/classical-singer-pandit-bhimsen-joshi-passes-away-0120112416866914778.html ख़ास खबर] | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
09:55, 11 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है।
- वर्ष 2011 के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
इन्हें भी देखें: समाचार, समाचार 2010 एवं समाचार 2012
ख़ुद मौत को गले लगाकर दो नर्सो ने बचाई 8 जानें
9 दिसंबर, 2011 शुक्रवार
आग की लपटों और ज़हरीले धुएं से घिरे कोलकाता के एएमआरआई (आमरी) अस्पताल में 'रम्या राजन' और 'पी.के. विनीथा' ने मानवता और बहादुरी की अतुलनीय मिसाल पेश की। अपनी जान की परवाह न करते हुए दोनों ने आठ मरीज़ों को सुरक्षित निकाल लिया, पर एक अन्य मरीज़ को बचाने के प्रयास में उनकी मौत हो गई। अस्पताल की डिप्टी नर्सिग अधीक्षक सुमिनी ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ उस समय रम्या और विनीथा (दोनों की उम्र लगभग 24 वर्ष) महिला वार्ड में ड्यूटी पर थीं। वार्ड में दमघोंटू ज़हरीले धुएं के घुसने पर उन्होंने जरा भी समय गंवाए बिना वहाँ भर्ती आठ मरीज़ों को एक-एक कर सुरक्षित निकाल लिया, पर नौवें मरीज़ को बचाने के प्रयास में फ्रैक्चर, धुएं से दम घुटने और अत्यधिक गर्मी की वजह से उनकी मौत हो गई।
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100 वर्षीय फ़ौजा सिंह ने टोरंटो मैराथन दौड़-2011 पूरा कर रिकार्ड बनाया
16 अक्टूबर, 2011, रविवार
भारतीय मूल के धावक फ़ौजा सिंह ने सबसे अधिक उम्र में टोरंटो वाटरफ्रंट मैराथन पूरा करके नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। उम्र का ‘शतक’ बना चुके फ़ौजा सिंह ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आठ घंटे से अधिक समय में फिनिश लाइन पार की। रविवार, 16 अक्टूबर, 2011को आयोजित हुई इस मैराथन को कीनिया के धावक कीनेथ मुंगरा ने जीता। सिंह ने फिनिश लाइन को भले ही सबसे बाद में पार किया हो, लेकिन संकल्प के धनी इस बुजुर्ग की उपलब्धि को कम करके नहीं आंका जा सकता। फ़ौजा सिंह 42 किलोमीटर की मैराथन को पूरा करने वाले विश्व के सबसे अधिक उम्र के धावक बन गए हैं।
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हिन्दी सुधारने के लिए अंग्रेज़ी शब्दों की छूट
13 अक्टूबर, 2011 गुरुवार
आज़ादी के 64 साल बाद भी सरकार हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा नहीं बना पाई है, मगर अब उसने सरकारी दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाली हिंदी को बदलने के प्रयास अवश्य तेज कर दिए हैं। दफ़्तरों में इस्तेमाल होने वाले हिंदी के कठिन शब्दों की जगह उर्दू, फ़ारसी, सामान्य हिंदी और अंग्रेज़ी के शब्दों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय ने इस सिलसिले में सभी मंत्रालयों और विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के मुताबिक़, कामकाज के दौरान साहित्यिक हिंदी का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी शब्द का हिंदी में उपयोग बतौर अनुवाद न हो। इससे आम लोगों को समस्या होती है। एक हद के बाद यही समस्या किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर भाषा के ख़िलाफ़ खड़ा करती है। गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की सचिव वीणा उपाध्याय ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जारी किए दिशा-निर्देश मंत्रालय के इस आदेश के बाद पुलिस, कोर्ट, ब्यूरो, रेलवे स्टेशन, बटन, कोट, पैंट, सिग्नल, लिफ़्ट, फीस, क़ानून, अदालत, मुक़दमा, दफ़्तर, एफ़आईआर जैसे अंग्रेज़ी, फ़ारसी और तुर्की भाषा के शब्दों का चलन जारी रहेगा।
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- दैनिक भास्कर डॉट कॉम
- 'हिन्दुस्तान' दैनिक समाचार पत्र दिनांक 13 अक्टोबर, 2011 पृष्ठ संख्या- 14
दिल्ली मेट्रो को संयुक्त राष्ट्र से मिला 'कार्बन क्रेडिट'
- 26 सितंबर, 2011 सोमवार
दिल्ली मेट्रो दुनिया का पहला ऐसा रेलवे नेटवर्क बना है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने के लिए 'कॉर्बन क्रेडिट' दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस परिवहन प्रणाली ने शहर का प्रदूषण स्तर एक साल में 6,30,000 टन कम किया है। इसके अनुसार अब दिल्ली को सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर कार्बन क्रेडिट के तौर पर मिलेंगे। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती जाएगी ये राशि और बढ़ जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के 'स्वच्छ विकास तंत्र' यानी क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज़्म की योजना के तहत कार्बन क्रेडिट दिया जाता है। इस योजना के अनुसार ग्रीन हाउस गैसों में कटौती करने के लिए विकासशील देशों की व्यावसायिक कंपनियों को वित्तीय सहायता दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र ने वक्तव्य में कहा है, "क्योटो प्रोटोकॉल के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र की जो इकाई स्वच्छ विकास तंत्र का संचालन करती है उसने ये प्रमाणित किया है कि दिल्ली की मेट्रो ने ग्रीन हाउस गैसों में कटौती की है।" इस वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि दुनिया में किसी भी मेट्रो को कार्बन क्रेडिट नहीं मिला है क्योंकि इसके लिए एक निर्णायक दस्तावेज़ प्रमाण चाहिए जो ये बता सके कि कटौती हुई है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि, "जो भी यात्री कार या बस की बजाय मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं वे हर 10 किलोमीटर की दूरी के लिए तक़रीबन 100 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड में कमी लाते है और इससे जलवायु परिवर्तन में कमी लाने में मदद मिलती है।"
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जापान को पटकनी दे सकता है भारत
20 सितंबर 2011, मंगलवार
वैश्विक मंदी को दरकिनार करते हुए भारत दुनिया में तेज़ीसे आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरता जा रहा है। भारत इस साल (2011) दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। जीडीपी के आकार के आधार पर यह जापान को पीछे छोड़कर यह मुकाम हासिल करेगा। जापान की अर्थव्यवस्था साल 2010 के दौरान 4.31 लाख करोड़ डॉलर की थी। वहीं पिछले साल भारतीय इकनॉमी 4.06 लाख करोड़ डॉलर की थी। जबकि इस साल मार्च महीने में जापान की अर्थव्यवस्था पर सुनामी और भूकंप के चलते काफ़ी बुरा असर पड़ा। इससे वहां की अर्थव्यवस्था का आकार घटने की आशंका है। वहीं वित्त वर्ष 2012 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 से 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर जापान के उपर भूकंप और सुनामी की मार नहीं पड़ती तो भारत को उसे पछाड़ने में कम से कम और 2-3 साल का वक्त लग जाता। क्रिसिल के रिसर्च हेड और वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा के मुताबिक़, अमेरिका, चीन और जापान के बाद भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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विश्व शांति के लिए भारत-अमेरिका सहयोग ज़रूरी -ओबामा
शनिवार, 10 सितंबर, 2011
भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग को 21वीं सदी के लिए महत्त्वपूर्ण और अपरिहार्य बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि दोनों देशों के बीच गहरे और व्यापक संबंध हैं, जिनका उद्देश्य एशिया और दुनिया में शांति और समृद्धि क़ायम करना है। ओबामा ने शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011 को व्हाइट हाउस में एक समारोह के दौरान यह बात अमेरिका में भारत की नई राजदूत निरुपमा राव से कही। इस दौरान राव ने ओबामा को अपना परिचय पत्र सौंपा। बयान के मुताबिक़, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नैसर्गिक दोस्ती है और भारत-अमेरिका भागीदारी सक्रिय एवं वृहद साबित हुई है और एशिया एवं दुनिया में शांति एवं समृद्धि के लिए है।
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2013 तक एक हज़ार गुना तेज चलेगा कंप्यूटर
शुक्रवार, 10 सितंबर, 2011
अब आप अगली पी़ढ़ी के कंप्यूटर और स्मार्टफोन से घंटों का काम सेकेंडों में करने के लिए तैयार हो जाइए। जी हां, वह दिन दूर नहीं जब आपका कंप्यूटर अभी से 1000 गुना तेज चलेगा। इसके लिए कंपनी हाईटेक चिप तैयार करने में लगी हुई है। कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी आईबीएम इसके लिए स्काइस्क्रेपर कंप्यूटर तैयार कर रही है जिसमें एक के ऊपर एक कई सिलिकॉन चिप एक साथ चिपकाकर विकसित किया जा रहा है। चिप को परत दर परत एक छोटे से संघटक में मिलाकर सटाया जाता है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि एक बेहद नन्हा सा संघटक में सिलिकॉन चिप को हजारों बार लपेटकर चढ़ाया जाता है। इस कंप्यूटर के विकास में आईबीएम ग्लू बनाने वाली कंपनी 3 एम की मदद ले रही है। ग्लू मेकर 3 एम यानी चिपचिपे पदार्थ से चिप की लड़ी को चढ़ाया जाएगा। इसी से कंप्यूटर की स्पीड एक हज़ार गुना ज़्यादा तेज हो जाएगी।
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ऑटिज़्म के इलाज की जगी नई उम्मीदें
शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011
पहली बार एक बड़ी खोज में वैज्ञानिकों को ऑटिज़्म से जुड़े दो अलग अलग जैविक तनाव का पता चला है जिनके बारे में उनका दावा है कि इससे बीमारी के प्रभावी इलाज का विकास हो सकेगा। इन खोजों की तुलना 1960 के दशक में हुई कैंसर के विभिन्न प्रकारों की खोजों से की जा रही है और इनसे उम्मीद जागी है कि इनसे ऑटिज़्म ग्रस्त बच्चों के संपर्क, सामाजिकरण और अन्य समस्याओं को ज़्यादा आसानी और जल्दी से निपटा जा सकेगा। कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविस माइंड इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने दो से ढाई साल के उम्र के क़रीब 350 शिशुओं के दिमागी विकास, अनुवाशिंक बनावट और आसपास के वातावरण का अध्ययन किया। अध्ययन के मुताबिक़ शिशुओं के एक समूह-जिनमें सभी लड़के थे के दिमाग बड़े पाए गए और 18 महीने के होने के बाद ज़्यादातर में ऑटिज़्म के लक्षण पाए गए जबकि एक अन्य समूह में प्रतिरक्षा प्रणाली को सही काम करते नहीं पाया गया।
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मनुष्य का सबसे पुराना पूर्वज मिला
शुक्रवार, 9 सितंबर, 2011
पुराविज्ञानियों ने एक अवशेष का पता लगाया है। यह मनुष्य का सबसे पुराना पूर्वज है जो लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व पृथ्वी पर पाया जाता था। यह बंदर जैसा दिखता है और इसका नाम 'आस्ट्रेलोपिथिकस सेडिबा' है। यह दक्षिण अफ्रीका की एक गुफा में पाया गया था और इसे कपि और मानव के बीच की खोई हुई कडी कहा जा रहा है। इस प्राणी के मस्तिष्क, कूल्हे, हाथों और पांव के नए विवरणों से पता चला है कि इसमें प्रारंभिक मानव के साथ-साथ आधुनिक मानव के भी गुण हैं। इन गुणों के चलते वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जीव होमो जीनस का पूर्वज होने का सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार है। इन जीवाश्मों की आयु 19 लाख 77 हज़ार वर्ष के आसपास मानी गई है। जो जीवाश्म इतिहास में होमो परिवार के गुणों की सबसे पुरानी खोज है। अब तक पाए गए सबसे पुराने जीवाश्मों की आयु 19 लाख साल है। इनमें से अधिकांश होमो हैबिलिस और होमो र्यूडोफेंसिस के हैं। इन्हें होमो इरेक्टस का पूर्ववर्ती माना जाता है और निश्चित तौर पर वे मनुष्य के निर्विवाद पूर्वज हैं।
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अपनी मेहनत से अमेरिकियों की सोच बदली भारतीयों ने
रविवार, 11 सितंबर, 2011
अमेरिका में आतंकी हमले के बाद दस साल से वहाँ रह रहे भारतीय अमेरिकियों ने अपने आप को मज़बूती से खड़ा किया है। 9 / 11 की घटना के बाद एशियाई लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा था, लेकिन भारतीय मूल के लोगों के बारे में अमेरिकियों की सोच बिल्कुल बदल गई है। इसका कारण भारतीयों की प्रतिभा और परिश्रम है। भारतीय मूल के लोगों के विश्व संगठन (जीओपीआइओ) के पूर्व चेयरमैन व संस्थापक अध्यक्ष थॉमस अब्राहम ने आइएनएस को बताया कि भारतीय अमेरिकी समुदाय राजनीतिक रूप से बहुत ही सक्रिय है। भारतीय मूल के अमेरिका में दो गर्वनर हैं। देश, राज्य व शहर स्तर पर दर्जन भर जनप्रतिनिधि हैं। इसके अलावा प्रशासन में अनेक लोग हैं। भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।[1]
रक्षा वैज्ञानिकों ने बनायी 'ल्यूकोडर्मा' की अचूक हर्बल औषधि
रविवार, 11 सितंबर, 2011
सफ़ेद दाग़ (ल्यूकोडर्मा) से पीड़ित भारत की 1-2 फीसदी आबादी, जो इसके कारगर इलाज के अभाव में कुंठा में जीवन यापन करने को मजबूर है, उन्हें देश के रक्षा वैज्ञानिकों ने उम्मीद की लौ दिखायी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक विकास संगठन ने एक पौधे से सफ़ेद दाग़ को पूरी तरह खत्म करने की दवा ईजाद करने में कामयाबी हासिल की है, जो शोध परीक्षणों में खरी उतरी है। इस हर्बल द्रव और लगाने के लिए मलहम रूप में होगी। इस दवा के व्यावसायिक उत्पादन और मार्केटिंग के लिए डीआरडीओ ने देश की एक फार्मास्यूटिकल्स कंपनी से करार किया है, जो तकनीकि हस्तांतरण से इसका उत्पादन शुरू करने जा रही है। डीआरडीओ की हल्द्वानी (उत्तराखंड) स्थित प्रयोगशाला-डिफेंस एग्रीकल्चर रिसर्च लैबोरेटरी ने इस मेडिसिनल रिसर्च को अंजाम दिया है। इस लैबौरेटरी ने मेडिसिनल प्लांट्स के क्षेत्र में पूर्व में भी उल्लेखनीय काम किया है। और अब सफ़ेद दाग़ के कारगर इलाज के लिए ल्युकोसिन औषधि का निर्माण और इसके स्रोत मेडिसिनल प्लांट की खोज इसके द्वारा किए गए कार्यों में मील का पत्थर साबित होगा। तक़रीबन एक दर्जन से अधिक वैज्ञानिकों की टीम के अथक परिश्रम का प्रतिफल 'ल्युकोसिन' औषधि सफ़ेद दाग़ मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे एक वरदान साबित होगा, ऐसा इन वैज्ञानिकों का मानना है। इस दवा के शोध एवं विकास में लगे वैज्ञानिकों का नेतृत्व प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं चीफ कंट्रोलर रिसर्च एंड डवलपमेंट (लाइफ सांइसेज) डॉ. डब्ल्यू सेल्वामूर्थी ने किया। [2]
चीन ने खोजा ब्रह्मपुत्र-सिंधु का उद्गम स्थल
बुधवार, 24 अगस्त, 2011
चीन के वैज्ञानिकों ने ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी के उद्गम स्थल का पता लगा लिया है। ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने समेत तिब्बत में कई जल परियोजनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार बैठे चीनी वैज्ञानिकों ने इन नदियों के मार्ग की लंबाई का व्यापक उपग्रह अध्ययन पूरा करने की बात भी कही है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) के वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया है। ब्रह्मपुत्र के मार्ग का उपग्रह से ली गई तस्वीरों का विश्लेषण कर वैज्ञानिकों ने उसके पूरे मार्ग का अध्ययन किया। इसी तरह भारत-पाकिस्तान से बहने वाली सिंधु और म्यांमार के रास्ते बहने वाली सालवीन और इर्रावडी के बहाव के बारे में भी पूरा विवरण जुटाया गया। सीएएस की इकाई इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशंस के शोधकर्ता लियू शाओचुआंग ने शिन्हुआ संवाद समिति को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले इन चार नदियों के उद्गम के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं थी। इतना ही नहीं इनकी लंबाई और क्षेत्र को लेकर भी भ्रम बना हुआ था। इस कार्य में प्राकृतिक परिस्थितियों से जुड़ी कई बाधाएं होने और सर्वेक्षण की तकनीक सीमित होने के कारण भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।
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शहरी आबादी ढाई गुना से अधिक तेज़ी से बढ़ी
शुक्रवार, 16 जुलाई, 2011
देश में पिछले एक दशक में गांवों की तुलना में शहरी आबादी ढाई गुना से भी अधिक तेज़ी से बढ़ी है। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में देश की जनसंख्या में 17.64 प्रतिशत का इजाफ़ा हुआ है। यह वृद्धि गांवों में 12.18 और शहरी क्षेत्रों में 31.80 प्रतिशत की रही है। ग्रामीण आबादी में सबसे ज़्यादा बढ़ोत्तरी की दर बिहार में 23.90 प्रतिशत रही है। 2011 की जनगणना के तदर्थ आंकड़ों के अनुसार देश की आबादी एक अरब 21 करोड़ है। इसमें 83 करोड़ 31 लाख ग्रामीण और 37 करोड़ 71 लाख शहरी हैं। पिछले एक दशक में ग्रामीण आबादी में नौ करोड़ चार लाख 70 हज़ार और शहरी में नौ करोड़ 10 लाख की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार देश की आबादी का 68.84 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 31.16 फीसदी शहरी है। सर्वाधिक 89.96 प्रतिशत ग्रामीण आबादी हिमाचल प्रदेश में और सबसे ज़्यादा 97.50 फीसदी शहरी जनसंख्या दिल्ली में है।
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पीएसएलवी-17 का सफल प्रक्षेपण
- शुक्रवार, 15 जुलाई, 2011
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार, 15 जुलाई, 2011 को पीएसएलवी सी-17 के जरिए जीसैट-12 ए का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने इसे भारतीय समयानुसार शाम 4.48 बजे प्रक्षेपित किया, जो अपने निर्धारित समय में धरती की कक्षा में स्थापित हो गया। जीसैट-12 संचार सेटेलाइट का वज़न 1410 किलोग्राम है और इसका जीवन काल आठ सालों का होगा। समाचार एजेंसी के मुताबिक़ इसरो के प्रकाशन और जनसम्पर्क निदेशक एस. सतीश ने पहले ही इस बात की संभावना जताई थी कि प्रक्षेपण में कोई समस्या नहीं आएगी। यह उपग्रह संचार के क्षेत्र में काफ़ी महत्त्वपूर्ण साबित होगा। इससे दूरस्थ शिक्षा, दूरस्थ चिकित्सा और ग्राम संसाधन केंद्र को उन्नत बनाया जा सकता है।
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मानव तस्करी की वॉच लिस्ट से भारत बाहर
- 29 जून, 2011, बुधवार
मानव तस्करी की निगरानी सूची (वॉच लिस्ट) से भारत को बाहर कर दिया गया है। छह साल के अंतराल के बाद, अमेरिका ने भारत को मानव तस्करी की निगरानी सूची (वॉच लिस्ट) से बाहर कर दिया है। भारत को मानव तस्करी से निपटने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास करने के कारण इस सूची से हटाया गया है। अपनी वार्षिक ‘ट्रैफ़िकिंग इन पर्सन्स’ रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय ने भारत को छह साल तक निगरानी सूची में रखने के बाद टियर 2 देशों में शामिल कर दिया है। निगरानी सूची में ऐसे देशों को शामिल किया जाता है, जहाँ मानव तस्करी के शिकार लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा होती है, यह संख्या लगातार बढ़ती जाती है और ये देश इससे निपटने के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों के सबूत नहीं दे रहे होते हैं।
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भारत के लिए पाक के रवैए में बड़ा बदलाव
- 29 जून, 2011, बुधवार
मुंबई हमलों के बाद भारत के प्रति पाकिस्तानी सरकार के रवैये में काफ़ी बदलाव आया है और पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का ताजा बयान इसको दर्शाता है। पाकिस्तान की प्रजातांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों ने हमेशा भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने की कोशिश की है। दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ने की ज़्यादातर घटनाएं सैन्य शासन के दौरान हुई हैं। भारतीय सैन्यशक्ति में हो रहे इजाफ़े और सेना के आधुनिअ हथियारों को शामिल किये जाने के मद्दे नज़र पाकिस्तानी रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार का कहना है कि पाकिस्तान, इस मामले में भारत की बराबरी नहीं कर सकता।
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सबसे ज़्यादा तनावग्रस्त हैं भारतीय महिलाएँ
- 29 जून, 2011, बुधवार
दुनिया के प्रमुख विकसित एवं विकासशील देशों में आज की भागदौड़ और आपाधापी से होने वाले तनाव के बारे में किए गए भारतीय महिलाएं के सर्वेक्षण के अनुसार भारत की सर्वाधिक महिलाएँ तनाव में रहती हैं। दुनिया भर में महिलाएं खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं। यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज़्यादा दिख रही है। एक सर्वे में भारतीय महिलाओं ने खुद को सबसे ज़्यादा तनाव में बताया। 21 विकसित और उभरते हुए देशों में कराए गए नीलसन सर्वे में सामने आया कि तेज़ीसे उभरते हुए देशों में महिलाएँ बेहद दबाव में हैं लेकिन उन्हें आर्थिक स्थिरता और अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद भी दूसरों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा है। सर्वे में 87 प्रतिशत भारतीय महिलाओं ने कहा कि ज़्यादातर समय वे तनाव में रहती हैं और 82 फीसदी का कहना है कि उनके पास आराम करने के लिए वक़्त नहीं होता।
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भारत से सीखे पश्चिम: अमर्त्य सेन
4 जून, 2011, शनिवार
अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय अर्थशास्त्री डॉ. अमर्त्य सेन ने पश्चिमी देशों को भारत और चीन से सीख लेने की सलाह दी है। डॉक्टर सेन का कहना है कि पश्चिमी देशों को नए विचारों की ज़रूरत है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेड बिजनेस स्कूल में संजय लाल विजिटिंग प्रोफेसरशीप ऑफ बिज़नेस एंड डेवलपमेंट की शुरुआत करते हुए डॉ. सेन ने एक पैनल चर्चा में कहा कि विकासशील देश पश्चिम में अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही चर्चा में स्तरीय विचार दे सकते हैं। डॉक्टर सेन के मुताबिक़ भारत और चीन बाज़ारों को सुरक्षित ढंग से खोल रहे हैं। नई दिल्ली और बीजिंग के पास नए विचार हैं और उन्हें चरणबद्ध तरीक़े से अमल में भी लाया जा रहा है। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री के मुताबिक़ पश्चिमी देशों को भी ऐसा ही करने की ज़रूरत है।
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अर्थ नहीं पर्यावरण प्रेमी हैं भारतीय
4 जून, 2011, शनिवार
दुनिया में सबसे तेज़ीसे बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत हरित अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहा है। नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि भारतीय लोग आर्थिक वृद्धि पर पर्यावरण रक्षा को मामूली रूप से प्राथमिकता देते हैं। अमेरिका की प्रमुख सर्वेक्षण एजेंसी ‘गैलप’ ने अपने ताजा सर्वेक्षण में कहा कि ज़्यादातर आबादी अर्थव्यवस्था से ज़्यादा पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। गैलप की मानें तो भारत ने वैश्विक भूभाग पर हरित क्षेत्र को बढ़ाने के उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इसकी एक बानगी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है, जहाँ हाल के वर्षो में हरित क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। दिल्ली का लगभग 20 फीसदी हिस्सा वनों से ढका हुआ है। सरकार ने अगले कुछ सालों में इसे बढ़ाकर 25 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।
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अब भारत की गलियाँ दिखेंगी गूगल पर
27 मई, 2011, शुक्रवार
ग्लोबल इंटरनेट सर्च इंजन गूगल अब भारतीय शहरों की हर गली-नुक्कड़ की तस्वीरें इंटरनेट पर दिखाने जा रहा है। गूगल अर्थ के जरिए जहाँ अब तक आप धरती के विभिन्न हिस्सों की सैटलाइट तस्वीरें देख सकते थे, वहीं गूगल के नए फीचर स्ट्रीट व्यू से गली-नुक्कड़ तक को देखा जा सकेगा। यह फीचर गूगल इंडिया में लाने जा रहा है। गूगल ने अपने इस प्लान का ऐलान कर दिया है। इस व्यवस्था को स्ट्रीट व्यू कहते हैं और यह दुनिया के 27 देशों में उपलब्ध है। वहाँ के शहरों को गूगल के ज़रिये साफ़ देखा जा सकता है।
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- वेब दुनिया हिन्दी
- इकनॉमिक टाइम्स
- दैनिक भास्कर
- बिज़नेस स्टैंडर्ड
- नवभारत टाइम्स
- लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम
नया रिकॉर्ड, 45 की उम्र में एवरेस्ट फ़तह
20 मई, 2011, शुक्रवार
झारखंड की पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज़़ भारतीय महिला होने का गौरव हासिल करते हुए पर्वतारोहण के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा। 45 की उम्र में प्रेमलता अग्रवाल ने गुरुवार रात लगभग 26000 फुट की ऊंचाई पर स्थित चौथे शिविर से चढ़ाई शुरू कर शुक्रवार सुबह पौने दस बजे क़रीब 29000 पुट ऊंची एवरेस्ट पर सफलता पूर्वक तिरंगा फहरा दिया। उनके इस अभियान में सहयोग करने वाले टाटा स्टील ने प्रेमलता को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
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बीना रिफ़ाइनरी देश को समर्पित, पाँच हज़ार को रोज़गार
20 मई, 2011, शुक्रवार
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार, 20 मई, 2011 को मध्य प्रदेश के बीना में हज़ारों करोड़ की लागत से बनी ऑयल रिफ़ाइनरी देश को समर्पित की। यह भारत पेट्रोलियम लिमिटेड, ओमान ऑयल कम्पनी तथा मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों से बनी विश्व स्तरीय परियोजना है। यह भारत तथा ओमान के बीच कई क्षेत्रों में हो रहे सहयोग का उदाहरण है। सागर ज़िले के बीना इलाके में बनी इस रिफ़ाइनरी पर क़रीब 12 हज़ार करोड़ की लागत आई है। रिफायनरी का उदघाटन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इससे इलाक़े के क़रीब 5 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा। वहीं देश के कई इलाक़ो में तेल सप्लाई में भी सुविधा होगी।
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- आई. बी. एन. ख़बर
- दैनिक भास्कर
- हिन्दीलोक डॉट कॉम
- अमर उजाला
- एन.डी.टी.वी. ख़बर
- एमपी पोस्ट
- वेब दुनिया हिन्दी
58वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा
19 मई, 2011, गुरुवार
19 मई, 2011 गुरुवार को 58वें राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा हुई। फ़िल्म 'मोनेर मानुस' को राष्ट्रीय एकता के लिए पुरस्कृत किया गया है। इसके अलावा फिल्म 'दबंग' को सर्वाधिक मनोरंजक फ़िल्म का पुरस्कार दिया गया। मलयालम फ़िल्म ‘एदेमाइन्ते माकान अबू’ को सर्वश्रेठ फ़िल्म चुना गया है जबकि अरुणिमा शार्मा को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया है। मलयालम फ़िल्म ‘एदेमाइन्ते माकान अबू’ के लिए मलयालम अभिनेता सलीम कुमार और तमिल अभिनेता धनुष संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए। मिताली जगताप और सरन्ना पी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया।
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पीएसएलवी ने तीन उपग्रहों को किया अंतरिक्ष में स्थापित
20 अप्रॅल, 2011, बुधवार
अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारतीय वैज्ञानिकों ने फिर कामयाबी का परचम लहराया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) के उपग्रह प्रक्षेपण यान 'पीएसएलवी' ने 20 अप्रॅल, 2011 बुधवार को तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। गत वर्ष दिसंबर में जीएसएलवी के प्रक्षेपण में मिली दो लगातार विफलताओं के बाद इसरो की यह कामयाबी बेहद अहम है। पीएसएलवी का यह 18वां मिशन था। इससे पहले पीएसएलवी के ज़रिये किये गये 17 प्रक्षेपणों में से लगातार 16 मिशन में सफलता हासिल हुई थी, जिससे इसकी विश्वसनीयता का पता चलता है। पीएसएलवी ने सफलता के क्रम को बनाये रखते हुए आज 17वें प्रक्षेपण को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
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- प्रेसनोट डॉट इन
- इस्पात टाइम्स
- प्रात:काल राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक
- मेरी खबर डॉट कॉम
- वेब दुनिया हिन्दी
- पत्रिका डॉट कॉम
हम है दुनिया की 5वीं बड़ी शक्ति
14 अप्रॅल, 2011, गुरुवार
राष्ट्रीय सुरक्षा सूचकांक (एनएसआई) द्वारा हाल ही में किए सर्वेक्षण में भारत को दुनिया का पांचवा सर्वाधिक शक्तिशाली देश माना गया। सूची में अमेरिका को पहले तथा चीन दूसरे स्थान पर है। जापान और रूस को क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान मिला है। सूची में दक्षिण कोरिया को छठा स्थान दिया गया है। उसके बाद नॉर्वे (7) जर्मनी (8) फ्रांस (9) और ब्रिटेन (10) को रखा गया है। कार्य-कुशल जनसंख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, चीन पहले स्थान पर है। रक्षा की दृष्टि से भारत चौथी महाशक्ति है।
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भारत 28 साल बाद फिर क्रिकेट का बादशाह
2 अप्रॅल, 2011, शनिवार
क्रिकेट इतिहास में आखिरकार भारत ने वह इतिहास फिर से रच दिया, जिसका इंतज़ार देश को 28 साल से था। धोनी के धुरंधरों ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर आईसीसी विश्व कप, 2011 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। भारत अपनी धरती पर वर्ल्डकप जीतने वाला पहला देश बन गया है। ये टीम इंडिया का दूसरा वर्ल्डकप है। धोनी के धुरंधरों ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो 1983 में कपिल देव एंड कंपनी ने इंग्लैंड में किया था। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने शानदार पारी खेलते हुए नाबाद 91 रन बनाए। मैच के 48.2 ओवर में धोनी ने छक्का जमाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
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- दैनिक भास्कर
- प्रात:काल
- IBN ख़बर
- इस्पात टाइम्स
- मेरी खबर डॉट कॉम
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- देशबन्धु
- नवभारत टाइम्स
भारत की जनसंख्या बढ़कर हुई 121 करोड़
31 मार्च, 2011, गुरुवार
जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ भारत की आबादी बढ़ कर 121 करोड़ (1 अरब 21 करोड़) हो गई है। दस साल पहले हुई गणना के मुकाबले यह 17.64 फ़ीसदी ज़्यादा है। संतोष की बात यह है कि आबादी बढ़ने की हमारी रफ़्तार कम हुई है और आज़ादी के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है। पिछली जनगणना के मुकाबले जनसंख्या दर क़रीब चार फ़ीसदी कम दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं की तत्परता के कारण अब हमारी कुल 74 फ़ीसदी आबादी साक्षर हो चुकी है। लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान गर्भ में बच्चियों की हत्या के मामले में हमने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। छह साल तक की आबादी में इस समय एक हज़ार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 914 लड़कियाँ ही हैं।
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भारत में बाघों की संख्या 1706 हुई, 295 बाघ बढ़े
28 मार्च, 2011, सोमवार
देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। वर्ष 2006 में इनकी संख्या 1411 थी जो 21 फ़ीसदी बढ़कर 1706 हो गई है। बाघों की ताज़ा गणना में ये आंकड़े सामने आए। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को देशभर के बाघों की संख्या से जुड़े आंकड़े तीन दिवसीय इंटरनेशनल बाघ कॉन्फ्रेंस में जारी किए। उन्होंने कहाँ कि बाघों की संख्या में इज़ाफ़ा एक अच्छी खबर है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि 2009 और 2010 में बाघों की मृत्यु दर सामान्य से अधिक रही। कैमरा ट्रैप विधि से डेढ़ साल से अधिक उम्र के 615 बाघों के फ़ोटोग्राफ खींचे गए हैं। मध्य भारत में बाघों पर हमले की घटना में कमी आई है। ख़ासकर आंध्र प्रदेश व मध्य प्रदेश के गलियारे में।
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उड़ीसा अब ओडिशा हुआ
25 मार्च, 2011, गुरुवार
उड़ीसा का नाम ओडिशा किए जाने संबंधी विधेयक को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी गुरुवार को मंजूरी दे दी गई। उड़ीसा विधानसभा में 28 अगस्त 2008 को इसका प्रस्ताव पारित किया गया था जिसे बाद में केन्द्र को भेज दिया गया था। केन्द्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम ने राज्यसभा में उड़ीसा (वैकल्पिक नाम) विधेयक, 2010 और उडिया भाषा का नाम बदलकर ओडिशा करने के लिए संविधान (113 वां संशोधन) विधेयक,2010 पेश किया। दोनों विधेयकों को राज्यसभा ने पारित कर दिया। लोकसभा पिछले साल नवम्बर में ही इन्हें पारित कर चुकी है। राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि संविधान की पहली अनुसूची में शामिल उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा हो जाएगा।
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पृथ्वी-2 और धनुष मिसाइलों का सफल परीक्षण
11 मार्च, 2011, शुक्रवार
भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने 11 मार्च, 2011 (शुक्रवार) को उड़ीसा के समुद्र तट पर 350 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली धनुष और पृथ्वी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। धनुष मिसाइल किसी युद्धपोत पर तैनात करने के लिए विकसित की गई है, जो समुद्र तटीय ठिकाने पर हमला कर सकती है। डीआरडीओ के प्रवक्ता ने बताया कि धनुष मिसाइल को नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुवर्ण से छोड़ा गया। इसके एक घंटे बाद ही पृथ्वी मिसाइल को भी छोड़ा गया। धनुष मिसाइल पृथ्वी मिसाइल की नौसैनिक किस्म है। धनुष और पृथ्वी मिसाइलों को तीनों सेनाओं की साझा सामरिक बल कमांड (एसएफसी) के सैनिकों द्वारा अभ्यास के लिए छोड़ा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि ये मिसाइलें भारतीय सैनिकों की ट्रेनिंग के तहत छोड़ी गईं। इन मिसाइलों को सैनिकों ने खुद डिपो से निकाला और इन्हें चला कर देखा। उल्लेखनीय है कि पांच दिनों पहले ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने वाली एंटी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। प्रवक्ता ने कहा कि इन मिसाइलों के सफल परीक्षणों से वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है। दोनों मिसाइल परीक्षणों को रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वी.के. सारस्वत और अन्य वैज्ञानिकों ने देखा।
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34वें राष्ट्रीय खेलों में सेना शीर्ष पर
25 फ़रवरी, 2011, शुक्रवार
सेना ने झारखंड में जारी 34वें राष्ट्रीय खेलों में 62 स्वर्ण पदकों के साथ तालिका में पहला स्थान बनाए रखा है, जबकि मणिपुर ने तमाम उतार-चढ़ाव के बाद दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। सेना ने निशानेबाज़ी के 12, रोइंग, कैनोइंग एवं कयाकिंग में जीते गए 16, एथलेटिक्स के सात और साइकिलिंग के पांच स्वर्ण पदकों के साथ कुल 62 स्वर्ण जीते हैं। इसके अलावा उसके खाते में 46 रजत और 38 कांस्य भी दर्ज हैं। मणिपुर ने अब तक कुल 46 स्वर्ण, 33 रजत और 29 कांस्य के साथ कुल 108 पदक अपने नाम किए हैं। सेना के नाम सर्वाधिक 146 पदक हैं।
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अब बदल जाएगा इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा
4 फ़रवरी, 2011, शुक्रवार
अब दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।
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पंडित भीमसेन जोशी जी का निधन
24 जनवरी, 2011, सोमवार
देश के महान् शास्त्रीय गायक और भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी जी का सोमवार सुबह पुणे के एक अस्पातल में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पं. जोशी जी की आवाज़ अब हमेशा के लिए खामोश हो गई है। जोशी जी पिछले दो साल से बीमार थे।
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इन्हें भी देखें: समाचार, समाचार 2010 एवं समाचार 2012
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