"रंगमहल (भीलवाड़ा)": अवतरणों में अंतर

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*इस ऐतिहासिक स्थान से प्राप्त मृद्पात्र गहरे [[लाल रंग|लाल]], [[गुलाबी रंग|गुलाबी]] तथा कहीं-कहीं [[पीला रंग|पीलापन]] लिए हुए हैं।  
*इन मृद्पात्रों में लोटे, तश्तरी, प्याले, गुलाबपाश आदि प्रमुख हैं, जिन पर विविध प्रकार का अलंकरण किया गया है।
*इन मृद्पात्रों में लोटे, तश्तरी, प्याले, गुलाबपाश आदि प्रमुख हैं, जिन पर विविध प्रकार का अलंकरण किया गया है।
*[[कुषाण]] शासकों के सिक़्क़े, [[मिट्टी]] की मुहरें भी यहाँ से उत्खनन में प्राप्त हुई हैं।
*[[कुषाण]] शासकों के सिक्के, [[मिट्टी]] की मुहरें भी यहाँ से उत्खनन में प्राप्त हुई हैं।
*रंगमहल की प्रमुख उपलब्धि [[कुषाण काल|कुषाणकालीन]] मकान हैं।
*रंगमहल की प्रमुख उपलब्धि [[कुषाण काल|कुषाणकालीन]] मकान हैं।



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रंगमहल भीलवाड़ा ज़िला, राजस्थान का एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थान है। इस प्राचीन टीले के उत्खनन से कुषाण युगीन राजस्थान के ग्राम्य जनजीवन की महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है।

  • रंगमहल सरस्वती एवं दृषद्वती नदी के काँठे में स्थित है।
  • यहाँ पर 'स्वीडिश आर्कियोलोजिकल एक्सपेडीशन टू इण्डिया' द्वारा श्रीमती हन्नारीड के नेतृत्व में 1952-1954 के बीच उत्खनन कार्य सम्पन्न हुआ था।
  • इस ऐतिहासिक स्थान से प्राप्त मृद्पात्र गहरे लाल, गुलाबी तथा कहीं-कहीं पीलापन लिए हुए हैं।
  • इन मृद्पात्रों में लोटे, तश्तरी, प्याले, गुलाबपाश आदि प्रमुख हैं, जिन पर विविध प्रकार का अलंकरण किया गया है।
  • कुषाण शासकों के सिक्के, मिट्टी की मुहरें भी यहाँ से उत्खनन में प्राप्त हुई हैं।
  • रंगमहल की प्रमुख उपलब्धि कुषाणकालीन मकान हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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