"लास्य": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "श्रृंगार" to "शृंगार") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "करनेवाला" to "करने वाला") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|उदाहरण=<poem>मादक सुगंध से भरी, पंथ-पंथ आम्र मंजरी, कोयलिया कूक कूक कर, इठलाती फिरे बावरी। | |उदाहरण=<poem>मादक सुगंध से भरी, पंथ-पंथ आम्र मंजरी, कोयलिया कूक कूक कर, इठलाती फिरे बावरी। | ||
जाती है जहाँ [[दृष्टि]], मनहारी सकल सृष्टि, '''लास्य''' दिगदिगंत छा गया देखो वसंत आ गया।।</poem> | जाती है जहाँ [[दृष्टि]], मनहारी सकल सृष्टि, '''लास्य''' दिगदिगंत छा गया देखो वसंत आ गया।।</poem> | ||
|विशेष='''लास्य''' वह नृत्य कहलाता है, जिसमें कोमल अंग-भंगियों के द्वारा मधुर भावों का प्रदर्शन होता है, और जो | |विशेष='''लास्य''' वह नृत्य कहलाता है, जिसमें कोमल अंग-भंगियों के द्वारा मधुर भावों का प्रदर्शन होता है, और जो श्रृंगार आदि कोमल रसों को उद्दीप्त करने वाला होता है। इसमें गायन तथा वादन दोनों का योग रहता है। | ||
|विलोम= | |विलोम= | ||
|पर्यायवाची=नचन, रास, गीत, [[संगीत]] | |पर्यायवाची=नचन, रास, गीत, [[संगीत]] |
13:52, 6 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
हिन्दी | नृत्य, नाच, गायन-वादन के साथ नृत्य, स्त्री-नृत्य जिसमें प्रेम-भाव प्रदर्शित किया जाता है, एक प्रकार का तंत्रिका-विकार जिसमें प्राय: सारे शरीर में झटका सा लगने की अनैच्छिक गतियाँ होती हैं। |
-व्याकरण | पुल्लिंग |
-उदाहरण | मादक सुगंध से भरी, पंथ-पंथ आम्र मंजरी, कोयलिया कूक कूक कर, इठलाती फिरे बावरी। |
-विशेष | लास्य वह नृत्य कहलाता है, जिसमें कोमल अंग-भंगियों के द्वारा मधुर भावों का प्रदर्शन होता है, और जो श्रृंगार आदि कोमल रसों को उद्दीप्त करने वाला होता है। इसमें गायन तथा वादन दोनों का योग रहता है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | नचन, रास, गीत, संगीत |
संस्कृत | लस्+ण्यत् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |