"बताता जा रे अभिमानी! -महादेवी वर्मा": अवतरणों में अंतर

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कण-कण उर्वर करते लोचन
कण-कण उर्वर करते लोचन
स्पन्दन भर देता सूनापन
स्पन्दन भर देता सूनापन
जग का धन मेरा दुख निर्धन
जग का धन मेरा दु:ख निर्धन
तेरे वैभव की भिक्षुक या
तेरे वैभव की भिक्षुक या
कहलाऊँ रानी!
कहलाऊँ रानी!

11:17, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

बताता जा रे अभिमानी! -महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
महादेवी वर्मा
कवि महादेवी वर्मा
जन्म 26 मार्च, 1907
जन्म स्थान फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 22 सितम्बर, 1987
मृत्यु स्थान प्रयाग, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ मेरा परिवार, स्मृति की रेखाएँ, पथ के साथी, श्रृंखला की कड़ियाँ, अतीत के चलचित्र, नीरजा, नीहार
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
महादेवी वर्मा की रचनाएँ

बताता जा रे अभिमानी!

कण-कण उर्वर करते लोचन
स्पन्दन भर देता सूनापन
जग का धन मेरा दु:ख निर्धन
तेरे वैभव की भिक्षुक या
कहलाऊँ रानी!
बताता जा रे अभिमानी!

दीपक-सा जलता अन्तस्तल
संचित कर आँसू के बादल
लिपटी है इससे प्रलयानिल,
क्या यह दीप जलेगा तुझसे
भर हिम का पानी?
बताता जा रे अभिमानी!

चाहा था तुझमें मिटना भर
दे डाला बनना मिट-मिटकर
यह अभिशाप दिया है या वर;
पहली मिलन कथा हूँ या मैं
चिर-विरह कहानी!
बताता जा रे अभिमानी!