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==स्थिति==
==स्थिति==
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====इतिहास====
====इतिहास====
इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी सुरंग बनाने की योजना बनाई थी। सुरंग के निर्माण की गति को बढ़ाने के लिये इंजीनियर ने [[पर्वत]] के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में यह पता चला कि उसकी गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिले। ब्रिटिश सरकार ने उस पर जुर्माना लगाया और शर्मिंदगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। उस इंजीनियर बड़ोग का शव सुरंग के पास ही दफनाया गया और बाद में उसके नाम पर ही गाँव का नाम भी 'बड़ोग' रखा दिया गया। इस घटना के बाद सुरंग बनाने का शेष काम रेलवे के प्रमुख इंजीनियर एच. एस. हर्रिनटन द्वारा किया गया। अब यह सुरंग कालका-शिमला रेलवे की सबसे बड़ी सुरंग है, जिसकी लम्बाई लगभग 1143.61 मीटर है। यह विश्व की सबसे अधिक सीधी सुरंग के रूप में जानी जाती है।
इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी सुरंग बनाने की योजना बनाई थी। सुरंग के निर्माण की गति को बढ़ाने के लिये इंजीनियर ने [[पर्वत]] के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में यह पता चला कि उसकी गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिले। ब्रिटिश सरकार ने उस पर जुर्माना लगाया और शर्मिंदगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। उस इंजीनियर बड़ोग का शव सुरंग के पास ही दफनाया गया और बाद में उसके नाम पर ही गाँव का नाम भी 'बड़ोग' रखा दिया गया। इस घटना के बाद सुरंग बनाने का शेष काम रेलवे के प्रमुख इंजीनियर एच. एस. हर्रिनटन द्वारा किया गया। अब यह सुरंग कालका-शिमला रेलवे की सबसे बड़ी सुरंग है, जिसकी लम्बाई लगभग 1143.61 मीटर है। यह विश्व की सबसे अधिक सीधी सुरंग के रूप में जानी जाती है।
==पर्यटन स्थल==
==पर्यटन स्थल==
अधिकांश पर्यटक [[शिमला]] की यात्रा करते समय [[चंडीगढ़]] से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाईवे पर स्थित बड़ोग में रुकते हैं। 'चूर चाँदनी चोटी' इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। बड़ोग में पर्यटन के कुछ अन्य स्थान निम्नलिखित हैं-
अधिकांश पर्यटक [[शिमला]] की यात्रा करते समय [[चंडीगढ़]] से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाईवे पर स्थित बड़ोग में रुकते हैं। 'चूर चाँदनी चोटी' इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।<ref name="aa"/> बड़ोग में पर्यटन के कुछ अन्य स्थान निम्नलिखित हैं-
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#विशाल शिव मंदिर
#विशाल शिव मंदिर
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[[अप्रैल]] और [[सितम्बर]] के बीच का समय इस स्थान की यात्रा के लिये सबसे उत्तम है।
[[अप्रैल]] और [[सितम्बर]] के बीच का समय इस स्थान की यात्रा के लिये सबसे उत्तम है।
==कैसे पहुँचें==
==कैसे पहुँचें==
चंडीगढ़ और शिमला के हवाई अड्डे बड़ोग के निकटतम हवाई अड्डे हैं। शिमला का हवाई अड्डा [[कुल्लू]] और [[दिल्ली]] से नियमित उड़ानों द्वारा सीधे जुड़ा हुआ है और चंडीगढ़ का हवाई अड्डा प्रमुख शहरों, जैसे- [[दिल्ली]], [[मुंबई]], [[पुणे]] और [[बैंगलोर]] से जुड़ा हुआ है। वे यात्री, जो रेल से यात्रा करना चाहते हैं, वे बड़ोग रेलवे स्टेशन तक टिकिट आरक्षित करवा सकते हैं। पर्यटक दिल्ली, चंडीगढ़, [[चैल हिमाचल प्रदेश|चैल]], [[कसौली]], [[सोलन]] और [[शिमला]] से बस द्वारा भी यहाँ तक पहुँच सकते हैं।
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11:09, 15 जून 2014 के समय का अवतरण

बड़ोग
बड़ोग, हिमाचल प्रदेश
बड़ोग, हिमाचल प्रदेश
विवरण 'बड़ोग' एक छोटा-सा गाँव है, जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यहाँ पर पर्यटन की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण स्थान हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
राज्य हिमाचल प्रदेश
ज़िला सोलन
भौगोलिक स्थिति समुद्र की सतह से 6000 फुट की ऊँचाई पर।
कब जाएँ अप्रैल और सितम्बर के बीच।
हवाई अड्डा चंडीगढ़ और शिमला
रेलवे स्टेशन बड़ोग
बस अड्डा चैल, कसौली, सोलन, शिमला
क्या देखें दगशाई, विशाल शिव मंदिर, दोलांजी बोन मठ, रेणुका झील, शोलोनी देवी मंदिर आदि।
अन्य जानकारी बड़ोग 20वीं सदी में प्रारंभ हुए एक समझौते के बाद स्थापित हुआ था। यह वही समय था, जब कालका-शिमला नैरो गेज रेलवे स्टेशन बना था।

बड़ोग एक छोटा-सा गाँव है, जो हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित है। यहाँ पर पर्यटन की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण स्थान हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बड़ोग की 'चूर चाँदनी चोटी' यहाँ का मुख्य आकर्षण है। हिमाचल प्रदेश के इस शानदार स्थान पर आने का सबसे उपयुक्त समय अप्रैल और सितम्बर के बीच का है।

स्थिति

समुद्र की सतह से 6000 फुट की ऊँचाई पर स्थित बड़ोग शहर हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले में स्थित है। यह एक छोटा-सा गाँव है, जो 20वीं सदी में प्रारंभ हुए एक समझौते के बाद स्थापित हुआ था। यह वही समय था, जब कालका-शिमला नैरो गेज रेलवे स्टेशन बना था।[1]

इतिहास

इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी सुरंग बनाने की योजना बनाई थी। सुरंग के निर्माण की गति को बढ़ाने के लिये इंजीनियर ने पर्वत के दोनों ओर से खुदाई करने का आदेश दिया। हालांकि बाद में यह पता चला कि उसकी गणना गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिले। ब्रिटिश सरकार ने उस पर जुर्माना लगाया और शर्मिंदगी के कारण उसने आत्महत्या कर ली। उस इंजीनियर बड़ोग का शव सुरंग के पास ही दफनाया गया और बाद में उसके नाम पर ही गाँव का नाम भी 'बड़ोग' रखा दिया गया। इस घटना के बाद सुरंग बनाने का शेष काम रेलवे के प्रमुख इंजीनियर एच. एस. हर्रिनटन द्वारा किया गया। अब यह सुरंग कालका-शिमला रेलवे की सबसे बड़ी सुरंग है, जिसकी लम्बाई लगभग 1143.61 मीटर है। यह विश्व की सबसे अधिक सीधी सुरंग के रूप में जानी जाती है।

पर्यटन स्थल

अधिकांश पर्यटक शिमला की यात्रा करते समय चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाईवे पर स्थित बड़ोग में रुकते हैं। 'चूर चाँदनी चोटी' इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।[1] बड़ोग में पर्यटन के कुछ अन्य स्थान निम्नलिखित हैं-

  1. दगशाई
  2. विशाल शिव मंदिर
  3. दोलांजी बोन मठ
  4. रेणुका झील
  5. शोलोनी देवी मंदिर
  6. बच्चों का पार्क
  7. जवाहर पार्क
कब जाएँ

अप्रैल और सितम्बर के बीच का समय इस स्थान की यात्रा के लिये सबसे उत्तम है।

कैसे पहुँचें

चंडीगढ़ और शिमला के हवाई अड्डे बड़ोग के निकटतम हवाई अड्डे हैं। शिमला का हवाई अड्डा कुल्लू और दिल्ली से नियमित उड़ानों द्वारा सीधे जुड़ा हुआ है और चंडीगढ़ का हवाई अड्डा प्रमुख शहरों, जैसे- दिल्लीमुंबई, पुणे और बैंगलोर से जुड़ा हुआ है। वे यात्री, जो रेल से यात्रा करना चाहते हैं, वे बड़ोग रेलवे स्टेशन तक टिकिट आरक्षित करवा सकते हैं। पर्यटक दिल्ली, चंडीगढ़, चैलकसौलीसोलन और शिमला से बस द्वारा भी यहाँ तक पहुँच सकते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 बड़ोग- शिविरकों के लिए (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 30 जून, 2013।

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