"इतिहास सामान्य ज्ञान 50": अवतरणों में अंतर
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-वह मुग़ल प्रशासन को चहार महल ([[गुजरात]], [[औरंगाबाद]], [[सियालकोट]] तथा पसरूर) के राजस्व का भुगतान न करने के लिए दंडित करना चाहता था। | -वह मुग़ल प्रशासन को चहार महल ([[गुजरात]], [[औरंगाबाद]], [[सियालकोट]] तथा पसरूर) के राजस्व का भुगतान न करने के लिए दंडित करना चाहता था। | ||
-वह [[दिल्ली]] की सीमाओं तक के पंजाब के सभी उपजाऊ मैदानों को हड़प कर अपने राज्य में विलय करना चाहता था। | -वह [[दिल्ली]] की सीमाओं तक के पंजाब के सभी उपजाऊ मैदानों को हड़प कर अपने राज्य में विलय करना चाहता था। | ||
|| [[चित्र:Ahmad-Shah-Abdali.jpg|right|100px|अहमदशाह अब्दाली]] '''अहमदशाह अब्दाली''' अथवा 'अहमदशाह दुर्रानी' सन 1748 में [[नादिरशाह]] की मौत के बाद [[अफ़ग़ानिस्तान]] का शासक बना था। उसने [[भारत]] पर सन 1748 से सन 1758 तक | || [[चित्र:Ahmad-Shah-Abdali.jpg|right|100px|अहमदशाह अब्दाली]] '''अहमदशाह अब्दाली''' अथवा 'अहमदशाह दुर्रानी' सन 1748 में [[नादिरशाह]] की मौत के बाद [[अफ़ग़ानिस्तान]] का शासक बना था। उसने [[भारत]] पर सन 1748 से सन 1758 तक कई बार चढ़ाई की और लूटपाट करता रहा। उसने अपना सबसे बड़ा हमला सन 1757 में [[जनवरी]] के माह में [[दिल्ली]] पर किया। उस समय दिल्ली का शासक [[आलमगीर द्वितीय]] था। वह बहुत ही कमज़ोर और डरपोक शासक था। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[अहमदशाह अब्दाली]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन एक [[आर्य समाज]] के साथ सम्बद्ध नहीं था? | {निम्नलिखित में से कौन एक [[आर्य समाज]] के साथ सम्बद्ध नहीं था? | ||
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+[[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | +[[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | ||
-[[बहलोल लोदी]] | -[[बहलोल लोदी]] | ||
|| [[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|right|100px|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा]][[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] की मृत्यु के बाद उसका पुत्र 'जूना ख़ाँ', मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-1351 ई.) के नाम से [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा। इसका मूल नाम 'उलूग ख़ाँ' था। राजामुंदरी के एक [[अभिलेख]] में मुहम्मद तुग़लक़ (जौना या जूना ख़ाँ) को दुनिया का ख़ान कहा गया है। सम्भवतः मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित, | || [[चित्र:The-Tomb-Of-Ghayasuddin-Tughlak.jpg|right|100px|ग़यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा]][[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] की मृत्यु के बाद उसका पुत्र 'जूना ख़ाँ', मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-1351 ई.) के नाम से [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा। इसका मूल नाम 'उलूग ख़ाँ' था। राजामुंदरी के एक [[अभिलेख]] में मुहम्मद तुग़लक़ (जौना या जूना ख़ाँ) को दुनिया का ख़ान कहा गया है। सम्भवतः मध्यकालीन सभी सुल्तानों में मुहम्मद तुग़लक़ सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान् एवं योग्य व्यक्ति था। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[मुहम्मद बिन तुग़लक|मुहम्मद तुग़लक]] | ||
{[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति है- | {[[भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति है- | ||
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-[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] की एक टुकड़ी का नेतृत्व करने के कारण | -[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] की एक टुकड़ी का नेतृत्व करने के कारण | ||
-[[जवाहरलाल नेहरू]] की अंतरिम सरकार के गठन में सहायक भूमिका निभाने के लिए | -[[जवाहरलाल नेहरू]] की अंतरिम सरकार के गठन में सहायक भूमिका निभाने के लिए | ||
|| [[बम्बई]] में उषा मेहता एवं उनके कुछ साथियों ने कई महीने तक कांग्रेस रेडियो का प्रसारण किया। [[राममनोहर लोहिया]] नियमित रूप से रेडियो पर बोलते थे। [[नवम्बर]] [[1942]] ई. में पुलिस ने इसे खोज निकाला और जब्त कर लिया। | || [[बम्बई]] में उषा मेहता एवं उनके कुछ साथियों ने कई महीने तक कांग्रेस रेडियो का प्रसारण किया। [[राममनोहर लोहिया]] नियमित रूप से रेडियो पर बोलते थे। [[नवम्बर]] [[1942]] ई. में पुलिस ने इसे खोज निकाला और जब्त कर लिया। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[भारत छोड़ो आंदोलन#नेताओं की गिरफ़्तारी|भारत छोड़ो आंदोलन]] | ||
{[[हीरा]] उत्खनन किससे सम्बन्धित है? | {[[हीरा]] उत्खनन किससे सम्बन्धित है? | ||
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+[[गोलकुंडा]] | +[[गोलकुंडा]] | ||
-[[लाहौर]] | -[[लाहौर]] | ||
||[[चित्र:Golconda-Fort.jpg|100px|right]] गोलकुंडा एक क़िला व भग्नशेष नगर है। यह [[आंध्र प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक नगर है। [[हैदराबाद]] से पांच मील पश्चिम की ओर [[बहमनी वंश]] के सुल्तानों की राजधानी गोलकुंडा के विस्तृत खंडहर स्थित हैं। गोलकुंडा पहले [[हीरा]] उत्खनन के लिए विख्यात था जिनमें से [[कोहिनूर हीरा]] सबसे मशहूर है। | ||[[चित्र:Golconda-Fort.jpg|100px|right]] गोलकुंडा एक क़िला व भग्नशेष नगर है। यह [[आंध्र प्रदेश]] का एक ऐतिहासिक नगर है। [[हैदराबाद]] से पांच मील पश्चिम की ओर [[बहमनी वंश]] के सुल्तानों की राजधानी गोलकुंडा के विस्तृत खंडहर स्थित हैं। गोलकुंडा पहले [[हीरा]] उत्खनन के लिए विख्यात था जिनमें से [[कोहिनूर हीरा]] सबसे मशहूर है। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[गोलकुंडा]] | ||
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश
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