"पीयूष गोयल (कलाकार)": अवतरणों में अंतर
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'''पीयूष गोयल''' ([[अंग्रेज़ी]]:Piyush Goel) का जन्म [[10 फ़रवरी]] [[1967]] को माता रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के घर हुआ। | '''पीयूष गोयल''' ([[अंग्रेज़ी]]:Piyush Goel) का जन्म [[10 फ़रवरी]] [[1967]] को माता रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के घर हुआ। पीयूष 2000 से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं श्रीमदभगवदगीता ([[हिन्दी]] व [[अंग्रेज़ी]]), श्री दुर्गा सप्त सत्ती ([[संस्कृत]]), श्रीसांई सतचरित्र (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री सुंदरकांड, चालीसा संग्रह, सुईं से [[मधुशाला]], [[मेहंदी]] से गीतांजलि ([[रबींद्रनाथ टैगोर]] कृत), कील से "पीयूष वाणी" एवं कार्बन पेपर से "[[पंचतंत्र]]" ([[विष्णु शर्मा]] कृत)। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
<poem>नर न निराश करो मन को | <poem>नर न निराश करो मन को | ||
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इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल पेशे से डिप्लोमा यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। इन सबके अलावा पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक [[गीता|श्रीमदभागवत गीता]] के रचनाकार हैं। पीयूष गोयल ने सभी 18 अध्याय 700 श्लोक अनुवाद सहित [[हिंदी]] व [[अंग्रेज़ी]] दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है। | इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल पेशे से डिप्लोमा यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। इन सबके अलावा पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक [[गीता|श्रीमदभागवत गीता]] के रचनाकार हैं। पीयूष गोयल ने सभी 18 अध्याय 700 श्लोक अनुवाद सहित [[हिंदी]] व [[अंग्रेज़ी]] दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है। | ||
पीयूष गोयल की 2 पुस्तकें प्रकशित हो चुकी हैं। पीयूष गोयल संग्रह के भी शौक़ीन हैं, उनके पास प्रथम दिवश आवरण, पेन संग्रह, विश्व प्रसिद्ध लोगो के ऑटोग्राफ़ संग्रह ([[अमिताभ बच्चन]], [[सचिन तेंदुलकर]], [[कपिल देव]], [[राजीव गाँधी]] आदि) भी हैं। | पीयूष गोयल की 2 पुस्तकें प्रकशित हो चुकी हैं। पीयूष गोयल संग्रह के भी शौक़ीन हैं, उनके पास प्रथम दिवश आवरण, पेन संग्रह, विश्व प्रसिद्ध लोगो के ऑटोग्राफ़ संग्रह ([[अमिताभ बच्चन]], [[सचिन तेंदुलकर]], [[कपिल देव]], [[राजीव गाँधी]] आदि) भी हैं। | ||
इस के | इस के अलावा [[संस्कृत]] में श्री दुर्गा सत्सती, [[अवधी भाषा|अवधी]] में सुन्दरकाण्ड, हिंदी व अंग्रेज़ी में श्रीसाईं चरित्र भी लिख चुके हैं। | ||
[[चित्र:Piyush-goel-4.jpg|thumb|वर्ल्ड रेकॉर्ड्स यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्ट्रेट डिग्री से सम्मानित पीयूष गोयल]] | |||
====उल्टे अक्षरों से लिख दी भागवत गीता==== | ====उल्टे अक्षरों से लिख दी भागवत गीता==== | ||
[[चित्र:Gitanjali-piyush-goyal.jpg|left|180px|thumb|मेंहदी कोन से लिखी 'गीतांजलि']] | [[चित्र:Gitanjali-piyush-goyal.jpg|left|180px|thumb|मेंहदी कोन से लिखी 'गीतांजलि']] | ||
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====सुई से लिखी मधुशाला==== | ====सुई से लिखी मधुशाला==== | ||
दादरी के पीयूष ने "एक ऐसा कारनामा" कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत हैI पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों | दादरी के पीयूष ने "एक ऐसा कारनामा" कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत हैI पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों | ||
आया ? तो पीयूष ने बताया कि अक्सर मेरे से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरुरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री [[हरिवंशराय बच्चन]] जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "[[मधुशाला]]" को | आया ? तो पीयूष ने बताया कि अक्सर मेरे से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरुरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री [[हरिवंशराय बच्चन]] जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "[[मधुशाला]]" को क़रीब 2 से 2.5 महीने में पूरा किया। यह पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयी है और इसको पढ़ने लिए शीशे की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों के इतने प्यारे जैसे मोतियों से पृष्ठों को गुंथा गया हो, उभरे हुए हैं जिसको पढ़ने में आसानी रहती हैं और यह सूई से लिखी "मधुशाला" दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सूई से लिखी गई है। | ||
[[चित्र:Piyush-vani.jpg|thumb|पीयूष वाणी]] | [[चित्र:Piyush-vani.jpg|thumb|पीयूष वाणी]] | ||
====मेंहदी से लिखी गीतांजलि==== | ====मेंहदी से लिखी गीतांजलि==== | ||
पीयूष ने एक ऑर नया कारनामा कर दिखाया उन्होंने 1913 के साहित्य के [[नोबेल पुरस्कार]] विजेता "[[रविन्द्रनाथ टैगोर]]" की विश्व प्रसिद्ध कृति गीतांजलि को "मेंहदी कोन" से लिखा है। उन्होंने [[8 जुलाई]] [[2012]] को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरु की और सभी 103 अध्याय [[5 अगस्त]] [[2012]] को पूरे कर दिए। इसको लिखने में 17 कोन व् दो नोट बुक प्रयोग में आयीं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, [[अवधी भाषा|अवधी ]] में [[सुन्दर काण्ड वा. रा.|सुन्दर कांड]], आरती संग्रह, [[हिंदी]] व् [[अंग्रेज़ी]] दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैंI और "[[रामचरितमानस]]" (''dohe, sorta and chopai'') को भी लिख चुके हैं। . | पीयूष ने एक ऑर नया कारनामा कर दिखाया उन्होंने 1913 के साहित्य के [[नोबेल पुरस्कार]] विजेता "[[रविन्द्रनाथ टैगोर]]" की विश्व प्रसिद्ध कृति गीतांजलि को "मेंहदी कोन" से लिखा है। उन्होंने [[8 जुलाई]] [[2012]] को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरु की और सभी 103 अध्याय [[5 अगस्त]] [[2012]] को पूरे कर दिए। इसको लिखने में 17 कोन व् दो नोट बुक प्रयोग में आयीं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, [[अवधी भाषा|अवधी ]] में [[सुन्दर काण्ड वा. रा.|सुन्दर कांड]], आरती संग्रह, [[हिंदी]] व् [[अंग्रेज़ी]] दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैंI और "[[रामचरितमानस]]" (''dohe, sorta and chopai'') को भी लिख चुके हैं। . | ||
====कील से लिखी 'पीयूष वाणी'==== | ====कील से लिखी 'पीयूष वाणी'==== | ||
अब पीयूष ने अपनी ही लिखी पुस्तक "पीयूष वाणी" को कील से ए-4 साईज की एलुमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने कील से क्यों लिखा है? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री [[हरिवंशराय बच्चन|हरिवंशराय बच्चन जी]] की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को लिख चुके हैं। तो विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-4 साइज के [[एलुमिनियम]] शीट पर लिख डाला। | अब पीयूष ने अपनी ही लिखी पुस्तक "पीयूष वाणी" को कील से ए-4 साईज की एलुमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने कील से क्यों लिखा है? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री [[हरिवंशराय बच्चन|हरिवंशराय बच्चन जी]] की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को लिख चुके हैं। तो विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-4 साइज के [[एलुमिनियम]] शीट पर लिख डाला। | ||
[[चित्र:Panchtantra-piyush-goel.jpg|thumb|left|कार्बन पेपर की मदद से लिखी '[[पंचतंत्र]]']] | |||
<blockquote>अपने काम के प्रति लगन के मामले में पीयूष कहते है -"मधुमखियो को यह नहीं पता होता कि हम शहद बना रहे हैं वो तो सिर्फ अपना काम कर रहीं हैं।"</blockquote> | |||
====गणित में भी किये कई नये कार्य==== | |||
पीयूष बचपन से ही गणित में कुछ नया करते रहते हैं उन्होंने अंकों पर बहुत कार्य किया है। "पास्कल त्रिभुज" पिरामिड पर बिंदुओं को डिज़ायन कर वर्ग व घन का फार्मूला ईजाद किया है। वर्ग निकालने के कई नये तरीक़े पीयूष टेबल व सूत्र, x और y आक्सिस (Axis) पर बिन्दुओं के द्वारा वर्ग निकालने का सूत्र, अंक 9 का महत्व बताया है। समकोण त्रिभुज में एक नयी प्रमेय दी है। यह एक ऐसा समकोण त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ समानांतर श्रेणी में हों जैसे (3,4,5)। | |||
====कार्बन पेपर की मदद से लिखी 'पंचतंत्र'==== | |||
गहन अध्ययन के बाद पीयूष ने कार्बन पेपर की सहायता से [[आचार्य विष्णु शर्मा]] द्वारा लिखी "[[पंचतंत्र]]" के सभी (पाँच तंत्र, 41 कथा) को लिखा है। पीयूष ने कार्बन पेपर को (जिस पर लिखना है) के नीचे उल्टा करके लिखा जिससे पेपर के दूसरी और शब्द सीधे दिखाई देंगे यानी पेज के एक तरफ शब्द मिरर इमेज में और दूसरी तरफ सीधे। | |||
[[चित्र:Piyush-goel-caricatures.jpg|thumb|600 लोगों के केरिकेचर्स]] | |||
====36X23 इंच के पेपर पर 600 लोगों के केरिकेचर्स==== | |||
अभी हाल ही में पीयूष ने एक और कारनामा किया है। उन्होंने क़रीब दो महीने में 36X23 इंच के पेपर पर 600 लोगों के केरिकेचर्स (व्यंग्य चित्र) बनाए हैं जिनमें [[नरेंद्र मोदी]], [[अमिताभ बच्चन]], [[कपिल देव]], [[सचिन तेंदुलकर]], [[राहुल गाँधी]], [[सोनिया गाँधी]], [[मदर टेरेसा]], [[अटल बिहारी वाजपेयी]], [[मनमोहन सिंह]], [[अमित शाह]], [[मायावती]], [[मुलायम सिंह यादव]] जैसे व्यक्तित्व शामिल हैं। | |||
===='मेरी इक्यावन कविताएँ' को मैजिक पेपर शीट पर लिखा==== | |||
[[चित्र:Piyush-goel-magic-sheet.JPG|thumb|left|[[अटल बिहारी वाजपेयी]] जी की पुस्तक "मेरी इक्यावन कविताएँ" को मैजिक पेपर शीट पर लकड़ी के पेन से लिखा]] | |||
पीयूष गोयल ने एक और कारनामा कर दिखाया है। पीयूष गोयल ने [[भारत]] के पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[अटल बिहारी वाजपेयी]] जी की पुस्तक "मेरी इक्यावन कविताएँ" को मैजिक पेपर शीट पर लकड़ी के पेन से लिख दिया है। | |||
====ट्रांसपेरेंट शीट पर लिखी 'पीयूष वाणी'==== | |||
[[चित्र:Piyush-goel-piysh-vani.JPG|thumb| 'पीयूष वाणी' को फैब्रिक कोन लाइनर से लिखा]] | |||
पीयूष गोयल ने ट्रांसपेरेंट शीट पर अपनी लिखी पुस्तक "पीयूष वाणी" को फैब्रिक कोन लाइनर से लिख दिया है। पीयूष शब्दों को मिरर इमेज में लिखते हैं। ट्रांसपेरेंट शीट पर लिखने का मकसद शब्दों को दोनों तरफ़ से आसानी से देखना है।[[चित्र:Chanakya-niti-piyush-goel.JPG|thumb|left|[[चाणक्य नीति]] स्याही व लकड़ी के क़लम से]] | |||
====चाणक्य नीति लिखी स्याही व लकड़ी की क़लम से==== | |||
पीयूष गोयल ने अभी हाल ही में [[चाणक्य|कौटिल्य]] की [[चाणक्य नीति]] को स्याही व लकड़ी के क़लम से लिखा। सभी 17 अध्याय (क़रीब 381 [[संस्कृत]] [[श्लोक]]) व 585 संस्कृत में लिखी सूक्तियों को लिख दिया है। 7 इंच मोटी इस पुस्तक का वज़न लगभग 10 किलोग्राम है। | |||
==पीयूष गोयल के कथन== | |||
* भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]], [[अर्जुन]] के ही सारथी नही थे वे तो पूरे विश्व के सारथी हैं, फिर डर किसका। | |||
* वर्तमान की आवश्यकता भविष्य की निधि हैं। | |||
* किसी भी कार्य के पर्याय बन जाओ प्रसिद्धि अवश्य मिल जाएगी। | |||
* जीवन में लक्ष्य ज़रूर निर्धारित करो लक्ष्य मिलने पर आकर बड़ा कर दो। | |||
* शरीर में जीतने छेद हैं सबसे गंदगी ही निकलती हैं इसमें मुँह का क्या दोष? | |||
* प्रलोभन व्यक्ति को विचलित करता है। | |||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://inspiringquotes.in/inspirational-quotes-by-piyush-goel-motivational-messages/#.VUCXTvAXW9e Inspirational Quotes by Piyush Goel] | |||
*[http://inspiringquotes.in/inspirational-story-about-piyush-goel-mirror-image-man/#.VUCXTvAXW9e Inspirational Story about Piyush Goel] | |||
*[http://gonitsora.com/theorem-right-angled-triangles/ A theorem on right angled triangles] | |||
*[http://gonitsora.com/amazing-number-nine/ Amazing Number Nine] | |||
*[http://www.speakbindas.com/bhagwad-gita-written-in-mirror-image-by-piyush-goel/ Bhagwad Gita Written in Mirror Image by Piyush Goel] | |||
*[http://dontgiveupworld.com/dont-give-up-member-piyush-kumar-goel-the-mirror-image-man/ Dont Give Up Member Piyush Kumar Goel The “Mirror Image Man”] | *[http://dontgiveupworld.com/dont-give-up-member-piyush-kumar-goel-the-mirror-image-man/ Dont Give Up Member Piyush Kumar Goel The “Mirror Image Man”] | ||
*[http://www.worldmostamazingthings.com/2012/12/piyush-goel-ordinary-indian-man-with.html Piyush Goel : Ordinary Indian Man with Extraordinary Achievement & Records ] | *[http://www.worldmostamazingthings.com/2012/12/piyush-goel-ordinary-indian-man-with.html Piyush Goel : Ordinary Indian Man with Extraordinary Achievement & Records ] | ||
*[http://cityplus.jagran.com/city-news/reviving-great-words-unconventionally_1342766298.html Reviving great words unconventionally ] | *[http://cityplus.jagran.com/city-news/reviving-great-words-unconventionally_1342766298.html Reviving great words unconventionally] | ||
*[http://www.1wra.org/index.php/Worldrecord/detail/id/1256 The longest needle pricked book in the world] | *[http://www.1wra.org/index.php/Worldrecord/detail/id/1256 The longest needle pricked book in the world] | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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14:20, 13 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
पीयूष गोयल (अंग्रेज़ी:Piyush Goel) का जन्म 10 फ़रवरी 1967 को माता रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के घर हुआ। पीयूष 2000 से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं श्रीमदभगवदगीता (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री दुर्गा सप्त सत्ती (संस्कृत), श्रीसांई सतचरित्र (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री सुंदरकांड, चालीसा संग्रह, सुईं से मधुशाला, मेहंदी से गीतांजलि (रबींद्रनाथ टैगोर कृत), कील से "पीयूष वाणी" एवं कार्बन पेपर से "पंचतंत्र" (विष्णु शर्मा कृत)।
जीवन परिचय
नर न निराश करो मन को
नर न निराश करो मन को
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रहकर कुछ नाम करो
इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल पेशे से डिप्लोमा यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। इन सबके अलावा पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक श्रीमदभागवत गीता के रचनाकार हैं। पीयूष गोयल ने सभी 18 अध्याय 700 श्लोक अनुवाद सहित हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है। पीयूष गोयल की 2 पुस्तकें प्रकशित हो चुकी हैं। पीयूष गोयल संग्रह के भी शौक़ीन हैं, उनके पास प्रथम दिवश आवरण, पेन संग्रह, विश्व प्रसिद्ध लोगो के ऑटोग्राफ़ संग्रह (अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, राजीव गाँधी आदि) भी हैं। इस के अलावा संस्कृत में श्री दुर्गा सत्सती, अवधी में सुन्दरकाण्ड, हिंदी व अंग्रेज़ी में श्रीसाईं चरित्र भी लिख चुके हैं।
उल्टे अक्षरों से लिख दी भागवत गीता
आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्क रह जायेंगे। आपको समझ में नहीं आयेगा कि यह किताब किस भाषा शैली में लिखी हुई है। पर आप जैसे ही दर्पण (शीशे) के सामने पहुंचेंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद बोलने लगेगी। सारे अक्षर सीधे नजर आयेंगे। इस मिरर इमेज किताब को दादरी में रहने वाले पीयूष ने लिखा है। मिलनसार पीयूष मिरर इमेज की भाषा शैली में कई किताबें लिख चुके हैं।
सुई से लिखी मधुशाला
दादरी के पीयूष ने "एक ऐसा कारनामा" कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत हैI पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों आया ? तो पीयूष ने बताया कि अक्सर मेरे से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरुरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को क़रीब 2 से 2.5 महीने में पूरा किया। यह पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयी है और इसको पढ़ने लिए शीशे की जरुरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों के इतने प्यारे जैसे मोतियों से पृष्ठों को गुंथा गया हो, उभरे हुए हैं जिसको पढ़ने में आसानी रहती हैं और यह सूई से लिखी "मधुशाला" दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सूई से लिखी गई है।
मेंहदी से लिखी गीतांजलि
पीयूष ने एक ऑर नया कारनामा कर दिखाया उन्होंने 1913 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता "रविन्द्रनाथ टैगोर" की विश्व प्रसिद्ध कृति गीतांजलि को "मेंहदी कोन" से लिखा है। उन्होंने 8 जुलाई 2012 को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरु की और सभी 103 अध्याय 5 अगस्त 2012 को पूरे कर दिए। इसको लिखने में 17 कोन व् दो नोट बुक प्रयोग में आयीं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, अवधी में सुन्दर कांड, आरती संग्रह, हिंदी व् अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैंI और "रामचरितमानस" (dohe, sorta and chopai) को भी लिख चुके हैं। .
कील से लिखी 'पीयूष वाणी'
अब पीयूष ने अपनी ही लिखी पुस्तक "पीयूष वाणी" को कील से ए-4 साईज की एलुमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि आपने कील से क्यों लिखा है? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को लिख चुके हैं। तो विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-4 साइज के एलुमिनियम शीट पर लिख डाला।
अपने काम के प्रति लगन के मामले में पीयूष कहते है -"मधुमखियो को यह नहीं पता होता कि हम शहद बना रहे हैं वो तो सिर्फ अपना काम कर रहीं हैं।"
गणित में भी किये कई नये कार्य
पीयूष बचपन से ही गणित में कुछ नया करते रहते हैं उन्होंने अंकों पर बहुत कार्य किया है। "पास्कल त्रिभुज" पिरामिड पर बिंदुओं को डिज़ायन कर वर्ग व घन का फार्मूला ईजाद किया है। वर्ग निकालने के कई नये तरीक़े पीयूष टेबल व सूत्र, x और y आक्सिस (Axis) पर बिन्दुओं के द्वारा वर्ग निकालने का सूत्र, अंक 9 का महत्व बताया है। समकोण त्रिभुज में एक नयी प्रमेय दी है। यह एक ऐसा समकोण त्रिभुज है जिसकी भुजाएँ समानांतर श्रेणी में हों जैसे (3,4,5)।
कार्बन पेपर की मदद से लिखी 'पंचतंत्र'
गहन अध्ययन के बाद पीयूष ने कार्बन पेपर की सहायता से आचार्य विष्णु शर्मा द्वारा लिखी "पंचतंत्र" के सभी (पाँच तंत्र, 41 कथा) को लिखा है। पीयूष ने कार्बन पेपर को (जिस पर लिखना है) के नीचे उल्टा करके लिखा जिससे पेपर के दूसरी और शब्द सीधे दिखाई देंगे यानी पेज के एक तरफ शब्द मिरर इमेज में और दूसरी तरफ सीधे।
36X23 इंच के पेपर पर 600 लोगों के केरिकेचर्स
अभी हाल ही में पीयूष ने एक और कारनामा किया है। उन्होंने क़रीब दो महीने में 36X23 इंच के पेपर पर 600 लोगों के केरिकेचर्स (व्यंग्य चित्र) बनाए हैं जिनमें नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी, मदर टेरेसा, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, अमित शाह, मायावती, मुलायम सिंह यादव जैसे व्यक्तित्व शामिल हैं।
'मेरी इक्यावन कविताएँ' को मैजिक पेपर शीट पर लिखा
पीयूष गोयल ने एक और कारनामा कर दिखाया है। पीयूष गोयल ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुस्तक "मेरी इक्यावन कविताएँ" को मैजिक पेपर शीट पर लकड़ी के पेन से लिख दिया है।
ट्रांसपेरेंट शीट पर लिखी 'पीयूष वाणी'
पीयूष गोयल ने ट्रांसपेरेंट शीट पर अपनी लिखी पुस्तक "पीयूष वाणी" को फैब्रिक कोन लाइनर से लिख दिया है। पीयूष शब्दों को मिरर इमेज में लिखते हैं। ट्रांसपेरेंट शीट पर लिखने का मकसद शब्दों को दोनों तरफ़ से आसानी से देखना है।
चाणक्य नीति लिखी स्याही व लकड़ी की क़लम से
पीयूष गोयल ने अभी हाल ही में कौटिल्य की चाणक्य नीति को स्याही व लकड़ी के क़लम से लिखा। सभी 17 अध्याय (क़रीब 381 संस्कृत श्लोक) व 585 संस्कृत में लिखी सूक्तियों को लिख दिया है। 7 इंच मोटी इस पुस्तक का वज़न लगभग 10 किलोग्राम है।
पीयूष गोयल के कथन
- भगवान श्रीकृष्ण, अर्जुन के ही सारथी नही थे वे तो पूरे विश्व के सारथी हैं, फिर डर किसका।
- वर्तमान की आवश्यकता भविष्य की निधि हैं।
- किसी भी कार्य के पर्याय बन जाओ प्रसिद्धि अवश्य मिल जाएगी।
- जीवन में लक्ष्य ज़रूर निर्धारित करो लक्ष्य मिलने पर आकर बड़ा कर दो।
- शरीर में जीतने छेद हैं सबसे गंदगी ही निकलती हैं इसमें मुँह का क्या दोष?
- प्रलोभन व्यक्ति को विचलित करता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- Inspirational Quotes by Piyush Goel
- Inspirational Story about Piyush Goel
- A theorem on right angled triangles
- Amazing Number Nine
- Bhagwad Gita Written in Mirror Image by Piyush Goel
- Dont Give Up Member Piyush Kumar Goel The “Mirror Image Man”
- Piyush Goel : Ordinary Indian Man with Extraordinary Achievement & Records
- Reviving great words unconventionally
- The longest needle pricked book in the world
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