"किरातकूट": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''किरातकूट''' अथवा '''किराडू''' पश्चिमी राजस्थान के [[जो...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''किरातकूट''' अथवा '''किराडू''' पश्चिमी [[राजस्थान]] के [[जोधपुर ज़िला|जोधपुर ज़िले]] में उत्तर रेलवे के [[बाड़मेर]]-मुनावा रेलमार्ग पर खंडीन रेलवे स्टेशन से 3 मील {{मील|मील=3}} की दूरी पर स्थित एक प्राचीन उजाड़ बस्ती हैं, जिसे आज 'किराडू' कहा जाता है। पहले इसका मूल नाम 'किरातकूट' या 'किरातकूप' हुआ करता था।<ref>{{cite web |url=http:// | '''किरातकूट''' अथवा '''किराडू''' पश्चिमी [[राजस्थान]] के [[जोधपुर ज़िला|जोधपुर ज़िले]] में उत्तर रेलवे के [[बाड़मेर]]-मुनावा रेलमार्ग पर खंडीन रेलवे स्टेशन से 3 मील {{मील|मील=3}} की दूरी पर स्थित एक प्राचीन उजाड़ बस्ती हैं, जिसे आज 'किराडू' कहा जाता है। पहले इसका मूल नाम 'किरातकूट' या 'किरातकूप' हुआ करता था।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A5%82%E0%A4%9F |title=किरातकूट |accessmonthday=18 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | ||
*इस बस्ती का प्राचीन इतिहास आज अनुपलब्ध है, किंतु वहाँ से तेरहवीं शती ई. का एक [[अभिलेख]] प्राप्त हुआ है, जिससे ज्ञात होता है कि यह प्रदेश सोलंकी नरेश कुमारपाल के सामंत अल्हणदेव चौहान के अधीन था। | *इस बस्ती का प्राचीन इतिहास आज अनुपलब्ध है, किंतु वहाँ से तेरहवीं शती ई. का एक [[अभिलेख]] प्राप्त हुआ है, जिससे ज्ञात होता है कि यह प्रदेश सोलंकी नरेश कुमारपाल के सामंत अल्हणदेव चौहान के अधीन था। | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}} | {{राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | [[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:राजस्थान के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:22, 25 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
किरातकूट अथवा किराडू पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर ज़िले में उत्तर रेलवे के बाड़मेर-मुनावा रेलमार्ग पर खंडीन रेलवे स्टेशन से 3 मील (लगभग 4.8 कि.मी.) की दूरी पर स्थित एक प्राचीन उजाड़ बस्ती हैं, जिसे आज 'किराडू' कहा जाता है। पहले इसका मूल नाम 'किरातकूट' या 'किरातकूप' हुआ करता था।[1]
- इस बस्ती का प्राचीन इतिहास आज अनुपलब्ध है, किंतु वहाँ से तेरहवीं शती ई. का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है, जिससे ज्ञात होता है कि यह प्रदेश सोलंकी नरेश कुमारपाल के सामंत अल्हणदेव चौहान के अधीन था।
- यहाँ एक वर्ग मील के क्षेत्र में 24 मंदिरों के अवशेष बिखरे हुए हैं, जिनमें केवल पाँच इस अवस्था में शेष हैं कि उनके आधार पर तत्कालीन कला की उत्कृष्टता का अनुमान किया जा सके। इनमें चार तो शिव मंदिर और एक विष्णु मंदिर है।
- किरातकूट के मंदिरों में 'सोमेश्वर मंदिर' विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इसमें आठ स्तंभों पर बना अष्टाभुजाकार मंडप है। गर्भगृह की दीवारों पर ब्रह्मा, विष्णु, सूर्य आदि की मूर्तियाँ उत्कीर्ण है।
- बाहर की दीवारों पर 'कृष्णलीला', 'रामायण' के अनेक प्रसंग और समुद्र मंथन के दृश्य अंकित हैं।
- विष्णु मंदिर में विष्णु की त्रिमुख मूर्ति है, जिसका एक ओर का मुख 'वराह' और दूसरी ओर का 'नृसिंह 'का है।
इन्हें भी देखें: राजस्थान, राजस्थान का इतिहास एवं राजस्थान के पर्यटन स्थल
|
|
|
|
|