"ग़ाज़ीउद्दीन हैदर": अवतरणों में अंतर
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'''ग़ाज़ी-उद्-दीन हैदर''' (ई. 1769 – 19 | '''ग़ाज़ी-उद्-दीन हैदर''' (ई. 1769 – [[19 अक्टूबर]], 1827) [[अवध]] का [[नवाब]] था। वह नवाब [[सआदत अली|सआदत अली ख़ान द्वितीय]] का तीसरा पुत्र था और उसकी माँ का नाम मुशीरज़ादी था। | ||
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12:06, 21 मार्च 2015 के समय का अवतरण
ग़ाज़ी-उद्-दीन हैदर (ई. 1769 – 19 अक्टूबर, 1827) अवध का नवाब था। वह नवाब सआदत अली ख़ान द्वितीय का तीसरा पुत्र था और उसकी माँ का नाम मुशीरज़ादी था।
- ग़ाज़ीउद्दीन हैदर 11 जुलाई, 1814 ई. में अपने पिता की मृत्यु के बाद अवध का नवाब बना था।
- 1819 ई. में अंग्रेज़ गवर्नर-जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स से प्रभावित होकर उसने स्वयं को स्वतंत्र अवध का बादशाह घोषित कर दिया था।
- ग़ाज़ीउद्दीन हैदर का देहांत लखनऊ के 'फ़रहत बख्श महल' में 19 अक्टूबर, 1827 में हुआ। इसकी मृत्यु के बाद इसका पुत्र नसीरुद्दीन हैदर गद्दी पर बैठा।
- नवाब ग़ाज़ीउद्दीन हैदर के शासन काल में बनवाई गई प्रसिद्ध इमारतों में 'छतर मंज़िल' आज भी अपने सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
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