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-मांटेग्यू-चेम्सफ़ोर्ड सुधार | -मांटेग्यू-चेम्सफ़ोर्ड सुधार | ||
{निम्न में से कौन लगातार दूसरी बार [[भारत के प्रधानमंत्री]] पद पर आसीन हुए थे? | |||
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-[[जवाहरलाल नेहरू]] | |||
-[[इंदिरा गाँधी]] | |||
-[[अटल बिहारी वाजपेयी]] | |||
+उपरोक्त सभी | |||
{[[भारत]] के '[[योजना आयोग]]' का प्रथम अध्यक्ष कौन था? | |||
|type="()"} | |||
-[[मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैय]] | |||
+[[पण्डित जवाहरलाल नेहरू]] | |||
-पी. सी. महालनोबिस | |||
-[[जॉन मथाई]] | |||
{[[राजस्थान]] राज्य में ‘सेला बासमती’ ([[चावल]]) का उत्पादन कहाँ पर होता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[बाँसवाड़ा]] | |||
-[[डूंगरपुर]] | |||
+[[बूँदी राजस्थान|बूँदी]] | |||
-[[गंगानगर]] | |||
{वह कौन राजा था, जिसने अपने पुत्र को अपना वृद्धत्व देकर उससे उसका यौवन ले लिया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अंबरीष]] | |||
-गय | |||
-[[दशरथ]] | |||
+[[ययाति]] | |||
|| ययाति महाराज [[नहुष]] के द्वितीय पुत्र थे। पत्नी [[देवयानी]] के दो पुत्र यदु और [[तुर्वसु]] और [[शर्मिष्ठा]] के तीन पुत्र द्रुह्यु, अनु और पुरु हुये। [[शुक्राचार्य]] जी के श्राप से वृद्धावस्था आ जाने पर भी विषयों को भोगने की इच्छा बनी हुई थी इसलिये शुक्राचार्य जी ने कहा अगर पुत्र अपनी जवानी दे दें तो विषय सुख भोग सकते हैं। यदु ने जब जबाब दे दिया तो पिता ने श्राप दिया कि लोग पैतृक राज्याधिकार से वंचित रहोगे। सबसे छोटे पुत्र पुरु ने पिता की आज्ञा का पालन किया जिससे उसे राज्याधिकार दिया गया। अधिक जानकारी के लिए देखें{{point}}[[ययाति]] | |||
{किस [[मुग़ल]] शासक को 'आलमगीर' कहा जाता था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अकबर]] | |||
-[[शाहजहाँ]] | |||
+[[औरंगजेब]] | |||
-[[जहाँगीर]] | |||
||[[चित्र:Darbarscene-Aurangzeb.jpg|right|120px|औरंगज़ेब का दरबार]]1636 ई. से 1644 ई. एवं 1652 ई. से 1657 ई. तक [[औरंगज़ेब]] [[गुजरात]], मुल्तान एवं [[सिंध]] का भी गर्वनर रहा। [[आगरा]] पर क़ब्ज़ा कर जल्दबाज़ी में औरंगज़ेब ने अपना राज्याभिषक 'अबुल मुजफ़्फ़र मुहीउद्दीन मुजफ़्फ़र औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर' की उपाधि से 31 जुलाई, 1658 ई. को [[दिल्ली]] में करवाया। ‘[[खजुवा]]’ एवं ‘देवराई’ के युद्ध में सफल होने के बाद 15 मई, 1659 ई. को औरंगज़ेब ने दिल्ली में प्रवेश किया, जहाँ [[शाहजहाँ]] के शानदार महल में औरंगज़ेब का दूसरी बार राज्याभिषेक हुआ।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[औरंगजेब]] | |||
{'[[अकबरनामा]]' किसके द्वारा लिखा गया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[रहीम|अब्दुल रहीम ख़ानख़ाना]] | |||
-[[फ़ैज़ी]] | |||
-[[बदायूँनी|अब्दुल क़ादिर बदायूँनी]] | |||
+[[अबुल फ़ज़ल]] | |||
||अबुल फ़ज़ल बहुत वर्षों तक [[अकबर]] का विश्वासपात्र वज़ीर और सलाहकार रहा। वह केवल दरबारी और आला अफ़सर ही नहीं था, वरन् बड़ा विद्वान् था और उसने अनेक पुस्तकें भी लिखी थीं। उसकी [[आइना-ए-अकबरी]] में अकबर के साम्राज्य का विवरण मिलता है और [[अकबरनामा]] में उसने अकबर के समय का [[इतिहास]] लिखा है। उसका भाई [[फ़ैज़ी]] भी अकबर का दरबारी शायर था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अबुल फ़ज़ल]] | |||
{[[भारत]] में सिविल सेवाओं का सूत्रपात किसने किया? | |||
|type="()"} | |||
-[[लॉर्ड डलहौजी]] | |||
-[[लॉर्ड कर्ज़न]] | |||
-[[लॉर्ड वेलेजली]] | |||
+[[लॉर्ड कॉर्नवॉलिस]] | |||
{[[हर्षवर्धन]] की आत्मकथा किसने लिखी? | |||
|type="()"} | |||
-फिरदौसी | |||
-[[वराहमिहिर]] | |||
+[[बाणभट्ट]] | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||बाणभट्ट की लेखनी से अनेक ग्रन्थ रत्नों का लेखन हुआ है, किन्तु [[बाणभट्ट]] का महाकवित्व केवल '[[हर्षचरित]]' और '[[कादम्बरी]]' पर प्रधानतया आश्रित है। इन दोनों गद्य काव्यों के अतिरिक्त 'मुकुटताडितक', 'चण्डीशतक' और 'पार्वती-परिणय' भी बाणभट्ट की रचनाओं में परिगणित हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाणभट्ट]] | |||
{ब्रिटिश सरकार का वह [[गवर्नर-जनरल]] कौन था, जिसने [[भारत]] में [[डाक टिकट]] शुरू किए थे? | |||
|type="()"} | |||
+[[लॉर्ड डलहौज़ी]] | |||
-[[लॉर्ड आकलैण्ड]] | |||
-[[लॉर्ड कैनिंग]] | |||
-[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | |||
||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|लॉर्ड डलहौज़ी|100px|right]]डाक विभाग में सुधार करते हुए डलहौज़ी ने 1854 ई. में नया ‘पोस्ट ऑफ़िस एक्ट’ पास किया। इस एक्ट के तहत तीनों प्रेसीडेंसियों में एक-एक महानिदेशक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई। देश के अन्दर 2 पैसे की दर से पत्र भेजने की व्यवस्था की गई। पहली बार डलहौज़ी ने [[भारत]] में [[डाक टिकट]] का प्रचलन प्रारम्भ किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लार्ड डलहौज़ी]] | |||
{[[घग्घर नदी]] के बाढ़कृत मैदानों में पाई जाने वाली [[मिट्टी]] कौन-सी है? | |||
|type="()"} | |||
-भूरी मटियार दोमट | |||
-टिब्बेदार पीली-भूरी बलुई | |||
-काली दोमट | |||
+लाल दोमट | |||
||{{seealso|ऊसर मिट्टी|काली मिट्टी|क्षारीय मिट्टी|अग्निसह मिट्टी}} | |||
{[[अकबर]] ने 1570 ई. में [[नागौर]] की यात्रा के समय [[जोधपुर का क़िला]] किसके सुपुर्द किया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[राणा उदयसिंह]] ([[जोधपुर]]) | |||
-[[मानसिंह]] ([[आमेर]]) | |||
+रायसिंह ([[बीकानेर]]) | |||
-सुर्जन हाड़ा ([[रणथम्भौर]]) | |||
||{{seealso|मुग़ल वंश|मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल काल}} | |||
{[[राजस्थान]] की प्रसिद्ध इमारतों में से एक ‘[[हवा महल जयपुर|हवा महल]]’ का निर्माण किसने करवाया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[सवाई जयसिंह]] | |||
-जगत सिंह | |||
-[[राम सिंह]] | |||
+प्रताप सिंह | |||
||{{seealso|जोधपुर पर्यटन|जैसलमेर पर्यटन|उदयपुर पर्यटन}} | |||
{[[भारत]] का सबसे अधिक बाढ़ग्रस्त राज्य कौन-सा है? | |||
|type="()"} | |||
-[[असम]] | |||
+[[बिहार]] | |||
-[[आन्ध्र प्रदेश]] | |||
-[[उत्तर प्रदेश]] | |||
||[[चित्र:Mahabodhi-Temple-Bihar.jpg|right|100px|महाबोधि मन्दिर, बिहार]]'बिहार' [[भारत]] के प्रमुख राज्यों में से एक है। इसके उत्तर में [[नेपाल]], पूर्व में [[पश्चिम बंगाल]], पश्चिम में [[उत्तर प्रदेश]] तथा दक्षिण में [[झारखण्ड]] राज्य हैं। यहाँ अनेक नदियाँ बहती हैं, जिनमें [[गंगा]] प्रमुख है। उत्तरी बिहार [[बागमती नदी|बागमती]], [[कोसी नदी|कोसी]], [[गंडक नदी|गंडक]], [[सोन नदी|सोन]] और उनकी सहायक नदियों का समतल मैदान है। [[बिहार]] के उत्तर में [[हिमालय पर्वत|हिमालय पर्वत श्रेणी]] है और दक्षिण में [[छोटा नागपुर पठार]] है, जिसका हिस्सा अब झारखण्ड है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]] | |||
{किस महासागर की आकृति [[अंग्रेज़ी भाषा]] के अक्षर 'S' की आकृति से मिलती है? | |||
|type="()"} | |||
+[[अटलांटिक महासागर]] | |||
-[[प्रशांत महासागर]] | |||
-[[लाल सागर|लाल महासागर]] | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{'इंडिया' शब्द की व्युत्पत्ति किस नदी के नाम पर हुई है? | |||
|type="()"} | |||
-[[गंगा नदी]] | |||
-[[यमुना नदी]] | |||
+[[सिंधु नदी]] | |||
-[[चिनाब नदी]] | |||
||[[चित्र:Sindhu-River-1.jpg|right|120px|सिन्धु नदी]]वैदिक संस्कृति में [[सिंधु नदी]] का उल्लेख अत्यंत श्रद्धा के साथ किया जाता है। [[तिब्बत]], [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] से होकर बहने वाली इस नदी में कई अन्य नदियाँ मिलती हैं, जिनमे [[काबुल नदी]], स्वात, [[झेलम नदी|झेलम]], [[चिनाब नदी|चिनाब]], [[रावी नदी|रावी]] और [[सतलुज नदी|सतलुज]] मुख्य हैं। 'सिंधु' शब्द से प्राचीन [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] का 'हिन्दू' शब्द बना है, क्योंकि यह नदी भारत की पश्चिमी सीमा पर बहती थी और सीमा के पार से आने वाली जातियों के लिए सिंधु नदी को पार करने का अर्थ भारत में प्रवेश करना था। [[यूनानी|यूनानियों]] ने इसी आधार पर सिंध को 'इंडस' और भारत को 'इंडिया' नाम दिया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिंधु नदी]] | |||
{[[शिवाजी]] के राजनीतिक गुरु एवं संरक्षक कौन थे? | |||
|type="()"} | |||
-[[गुरु रामदास]] | |||
-[[शाहजी भोंसले]] | |||
+[[दादाजी कोंडदेव]] | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
|| दादाजी कोंडदेव अथवा 'खोंडदेव' मराठा ब्राह्मण और प्रसिद्ध महान् मराठा नेता [[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी]] (1627-1680 ई.) के गुरु और अभिभावक थे। प्रारम्भ से ही वीर शिवाजी पर इनका गहरा प्रभाव था। दादाजी कोंडदेव ने अपने शिष्य शिवाजी के मन में बचपन से ही साहस और पराक्रम के उदात्त भाव के साथ-साथ प्राचीन भारत के महान् हिन्दू वीरों के प्रति श्रद्धा की भावना भरी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दादाजी कोंडदेव]] | |||
{[[भारत]] का प्रामाणिक समय किस स्थान से निश्चित किया जाता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[मुम्बई]] | |||
-[[दिल्ली]] | |||
+[[इलाहाबाद]] | |||
-[[कानपुर]] | |||
||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|right|120px|संगम, इलाहाबाद]]इलाहाबाद, दक्षिणी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[उत्तरी भारत]] में स्थित है। यह [[गंगा नदी|गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदी पर बसा हुआ है। गंगा और यमुना के संगम के लिए भी इलाहाबाद बहुत प्रसिद्ध है। [[भारत]] का मानक याम्योत्तर ग्रीनविच से 82.5° पूर्व है, जिसका अर्थ है कि हमारा [[मानक समय]], [[ग्रीनविच मानक समय]] से साढ़े पाँच घंटे आगे है। भारत में पूर्वी देशान्तर, जो कि [[इलाहाबाद]] के निकट नैनी से गुजरती है, के समय को मानक समय माना गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इलाहाबाद]] | |||
{'[[मानसून]]' शब्द का क्या तात्पर्य है? | |||
|type="()"} | |||
-हवाओं का सदा एक ओर ही बहना | |||
-हवाओं का बहुत तेज़ी से बहना | |||
+हवाओं के रुख़का बदलना | |||
-हवाओं का बहुत धीमी गति से बहना | |||
{[[भारत]] में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषायी समूह है- | |||
|type="()"} | |||
+इण्डो-आर्यन | |||
-द्रविड़ | |||
-ऑस्ट्रिक | |||
-चीनी-तिब्बती | |||
{[[भारत]] में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषायी समूह है- | |||
|type="()"} | |||
+इण्डो-आर्यन | |||
-द्रविड़ | |||
-ऑस्ट्रिक | |||
-चीनी-तिब्बती | |||
{[[डोगरी भाषा]] मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है? | |||
|type="()"} | |||
-[[हिमाचल प्रदेश]] | |||
+[[जम्मू-कश्मीर]] | |||
-[[उत्तराखंड]] | |||
-[[असम]] | |||
||[[चित्र:Gulmarg-Temple.jpg|100px|right|गुलमर्ग का मंदिर]]'जम्मू और कश्मीर' एक भारतीय राज्य है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वत श्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र से, दक्षिण में [[हिमाचल प्रदेश]] व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भू-भाग से घिरा है। [[कश्मीरी भाषा]] [[संस्कृत]] से प्रभावित है और गिलगित की विभिन्न पहाड़ी जनजातियों के द्वारा बोली जाने वाली भारतीय आर्य भाषाओं की दर्दीय शाखा की है। [[उर्दू]], [[डोगरी भाषा|डोगरी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], लद्दाखी, बाल्टी, पहाड़ी, [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], गुजरी और ददरी भाषाओं का प्रयोग साधारण नागरिकों द्वारा किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू-कश्मीर]] | |||
{[[आन्ध्र प्रदेश]] की राजकीय भाषा है? | |||
|type="()"} | |||
-[[तमिल भाषा|तमिल]] | |||
+[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] | |||
-[[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] | |||
-[[उड़िया भाषा|उड़िया]] | |||
||[[चित्र:Charminar-Hyderabad-3.jpg|80px|right|चारमीनार, हैदराबाद]]'तेलुगु' द्रविड़ परिवार की [[भाषा]] और [[भारत]] के [[आन्ध्र प्रदेश]] राज्य की सरकारी भाषा है। [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] की सात भिन्न क्षेत्रीय बोलियाँ तथा तीन सामाजिक बोलियाँ- 'ब्राह्मण', 'अब्राह्मण' और 'हरिजन' हैं। इसकी मधुरता का मूल कारण [[संस्कृत]] तथा तेलुगु का (मणिस्वर्ण) संयोग ही है। अधिकांश संस्कृत शब्दों से संकलित भाषा 'आंध्र' भाषा के नाम से व्यवहृत होती है। तेलुगु देशीय शब्दों का प्राचुर्य जिस भाषा में है, वह तेलुगु भाषा के नाम से प्रख्यात है। तेलुगु भाषा के विकास के संबंध में विद्वानों के दो मत हैं। पश्चिम के विद्वानों ने तेलुगु को "पूर्व की इतालीय भाषा" कहकर इसके माधुर्य की सराहना की है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]] | |||
{[[भारत]] का कौन-सा राज्य सबसे अधिक राज्यों की सीमाओं का स्पर्श करता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[हरियाणा]] | |||
-[[मध्य प्रदेश]] | |||
+[[उत्तर प्रदेश]] | |||
-[[महाराष्ट्र]] | |||
||[[चित्र:Yamuna-Mathura-2.jpg|120px|right|यमुना नदी, मथुरा, उत्तर प्रदेश]]उत्तर प्रदेश [[भारत]] की जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश की प्रशासनिक राजधानी और [[इलाहाबाद]] न्यायिक राजधानी है। इस राज्य के पड़ोसी राज्य हैं - [[उत्तराखंड]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[दिल्ली]], [[राजस्थान]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[झारखण्ड]], [[बिहार]]। [[उत्तर प्रदेश]] की पूर्वोत्तर दिशा में [[नेपाल]] देश है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[उत्तर प्रदेश]] | |||
{बहुचर्चित '[[सरदार सरोवर बाँध|सरदार सरोवर परियोजना]]' किस राज्य में है? | |||
|type="()"} | |||
-[[राजस्थान]] | |||
+[[गुजरात]] | |||
-[[मध्य प्रदेश]] | |||
-[[महाराष्ट्र]] | |||
||[[चित्र:Gujarat-Power-Plant.jpg|right|120px|गुजरात विद्युत निगम, वड़ोदरा]][[नर्मदा नदी|नर्मदा]], [[ताप्ती नदी|ताप्ती]], [[साबरमती नदी|साबरमती]], [[सरस्वती नदी|सरस्वती]], [[माही नदी|माही]], [[बनास नदी|बनास]], और विश्वामित्र [[गुजरात]] की सुपरिचित नदियाँ हैं। 'सरदार सरोवर' दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। नर्मदा नदी पर स्थित यह बाँध 800 मीटर ऊँचा है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में 'सरदार सरोवर' और 'महेश्वर' दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएँ हैं, किन्तु इनका हर बार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुँचाना और [[मध्य प्रदेश]] के लिए [[विद्युत]] पैदा करना है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]] | |||
{ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में निम्नलिखित में से किस शासक ने [[कश्मीर]] में [[बौद्ध धर्म]] का प्रसार किया? | |||
|type="()"} | |||
-[[बिन्दुसार]] | |||
-[[स्कन्दगुप्त]] | |||
+[[अशोक]] | |||
-[[दशरथ]] | |||
||[[चित्र:Asoka's-Pillar.jpg|right|80px|अशोक का स्तम्भ, वैशाली]]'अशोक' [[प्राचीन भारत]] के [[मौर्य]] सम्राट [[बिंदुसार]] का पुत्र था, जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है। भाइयों के साथ हुए गृह-युद्ध के बाद 272 ई. पूर्व [[अशोक]] को राजगद्दी मिली और 232 ई. पूर्व तक उसने शासन किया। आरंभ में अशोक भी अपने पितामह [[चंद्रगुप्त मौर्य]] और [[पिता]] बिंदुसार की भाँति युद्ध के द्वारा साम्राज्य विस्तार करता चला गया। [[कश्मीर]], [[कलिंग]] तथा कुछ अन्य प्रदेशों को जीतकर उसने संपूर्ण [[भारत]] में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था, जिसकी सीमाएँ पश्चिम में [[ईरान]] तक फैली हुई थीं। दक्षिण में मौर्य प्रभाव के प्रसार की जो प्रक्रिया चंद्रगुप्त मौर्य के काल में आरम्भ हुई थी, वह अशोक के नेतृत्व में और भी अधिक पुष्ट हुई। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने कश्मीर में [[बौद्ध धर्म]] का प्रसार किया। बाद में [[कनिष्क]] ने इसकी जड़ें और गहरी कीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]] | |||
{किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | |||
|type="()"} | |||
-[[गुरु अमरदास]] | |||
+[[गुरु रामदास]] | |||
-[[गुरु अर्जुन देव]] | |||
-[[गुरु गोविंद सिंह]] | |||
||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|80px|right|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे। ये सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरुजी ने 'सतोषसर' नामक पवित्र सरोवर की खुदाई भी आरंभ कराई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]] | |||
{[[अशोक]] के शासनकाल में [[बौद्ध संगीति]] किस नगर में आयोजित हुई थी? | |||
|type="()"} | |||
-[[मगध]] | |||
-समस्तीपुर | |||
+[[पाटलिपुत्र]] | |||
-[[राजगृह]] | |||
||[[चित्र:Ashoka.jpg|right|100px|अशोक]][[बौद्ध संगीति]] का तात्पर्य उस 'संगोष्ठी' या 'सम्मेलन' है, जो [[महात्मा बुद्ध]] के परिनिर्वाण के अल्पसमय के पश्चात् से ही उनके उपदेशों को संग्रहीत करने, उनका पाठ करने आदि के उद्देश्य से सम्बन्धित थी। [[अशोक]] ने [[पाटलिपुत्र]] में [[बौद्ध धर्म]] की शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए दो प्रस्तर-स्तंभ प्रस्थापित किए थे। अशोक के शासनकाल के 18वें वर्ष में 'कुक्कुटाराम' नामक उद्यान में 'मोगलीपुत्र तिस्सा' (तिष्य) के सभापतित्व में 'द्वितीय बौद्ध संगीति' हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटलिपुत्र]] | |||
{[[राजस्थान]] में 'मावट' किससे सम्बन्धित है? | |||
|type="()"} | |||
+पश्चिमी विक्षोभों से | |||
-दक्षिणी-पश्चिमी [[मानसून]] से | |||
-[[बंगाल की खाड़ी]] के चक्रवातों से | |||
-उत्तरी-पूर्वी [[मानसून]] से | |||
{'चाँद का मुँह टेढ़ा है' नामक [[काव्य]] के रचयिता कौन हैं? | |||
|type="()"} | |||
-[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | |||
-[[नरेश मेहता]] | |||
-गिरिजा कुमार माथुर | |||
+[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] | |||
|| 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' प्रगतिशील कवि [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] की प्रसिद्ध रचना है। मुक्तिबोध [[हिन्दी साहित्य]] की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व थे। उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गजानन माधव 'मुक्तिबोध']] | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली | {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली मई 2014]] |अगली=[[पहेली जुलाई 2014]]}} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
08:49, 3 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
वर्ष 2013 >> जुलाई 2013 • अगस्त 2013 • सितंबर 2013 • अक्तूबर 2013 • नवंबर 2013 • दिसंबर 2013
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वर्ष 2015 >> जनवरी 2015 • फ़रवरी 2015 • मार्च 2015 • अप्रॅल 2015 • मई 2015 • जून 2015 • जुलाई 2015 • अगस्त 2015 • सितंबर 2015 • अक्टूबर 2015 • नवम्बर 2015 • दिसम्बर 2015
वर्ष 2016 >> जनवरी 2016 • फ़रवरी 2016 • मार्च 2016 • अप्रैल 2016 • मई 2016 • जून 2016 • जुलाई 2016 • अगस्त 2016 • सितंबर 2016 • अक्टूबर 2016 • नवंबर 2016 • दिसंबर 2016
वर्ष 2017 >> जनवरी 2017 • फ़रवरी 2017 • मार्च 2017 • अप्रैल 2017 • मई 2017 • जून 2017 • जुलाई 2017 • अगस्त 2017 • सितम्बर 2017 • अक्टूबर 2017 • नवम्बर 2017 • दिसम्बर 2017
वर्ष 2018 >> जनवरी 2018
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