"व्यास गुफ़ा": अवतरणों में अंतर
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*इस गुफ़ा के निकट ही प्रसिद्ध '[[गणेश गुफ़ा|गणेश गुफ़ा]]' भी है, जिसका संबंध [[गणेश|भगवान गणेश]] से है, जिन्होंने व्यासजी के महाभारत के लेखक का कार्य किया था। | *इस गुफ़ा के निकट ही प्रसिद्ध '[[गणेश गुफ़ा|गणेश गुफ़ा]]' भी है, जिसका संबंध [[गणेश|भगवान गणेश]] से है, जिन्होंने व्यासजी के महाभारत के लेखक का कार्य किया था। | ||
*बादरायण व्यास का बदरीनाथ से संबंध प्रसिद्ध ही है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या= | *बादरायण व्यास का बदरीनाथ से संबंध प्रसिद्ध ही है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=884|url=}}</ref> | ||
*व्यास गुफ़ा बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। गुफ़ा में वेद व्यास की प्रतिमा है। | *व्यास गुफ़ा बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। गुफ़ा में वेद व्यास की प्रतिमा है। | ||
*यह प्रसिद्ध गुफ़ा [[सरस्वती नदी]] के तट पर स्थित है। इसके समीप [[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] और सरस्वती नदी का [[संगम]] है। यह स्थान 'केशव प्रयाग' कहलाता है। | *यह प्रसिद्ध गुफ़ा [[सरस्वती नदी]] के तट पर स्थित है। इसके समीप [[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] और सरस्वती नदी का [[संगम]] है। यह स्थान 'केशव प्रयाग' कहलाता है। |
12:42, 13 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण
व्यास गुफ़ा गढ़वाल, उत्तराखण्ड में स्थित है। बदरीनाथ से वसुधरा जाने वाले मार्ग पर पहाड़ में इस नाम की गुफ़ा है।
- कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने इसी गुफ़ा में प्रसिद्ध महाकाव्य 'महाभारत' तथा पुराणों की रचना की थी।
- इस गुफ़ा के निकट ही प्रसिद्ध 'गणेश गुफ़ा' भी है, जिसका संबंध भगवान गणेश से है, जिन्होंने व्यासजी के महाभारत के लेखक का कार्य किया था।
- बादरायण व्यास का बदरीनाथ से संबंध प्रसिद्ध ही है।[1]
- व्यास गुफ़ा बड़े क्षेत्र में फैली हुई है। गुफ़ा में वेद व्यास की प्रतिमा है।
- यह प्रसिद्ध गुफ़ा सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। इसके समीप अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम है। यह स्थान 'केशव प्रयाग' कहलाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 884 |