"नंददुलारे वाजपेयी": अवतरणों में अंतर

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'''नंददुलारे वाजपेयी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nand Dulare Bajpai'' , जन्म- [[4 सितम्बर]], [[1906]], उन्नांव, [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[11 अगस्त]], [[1967]]<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.hindibhawan.com/linkpages_hindibhawan/gaurav/links_HKG/HKG70.htm|title= हिन्दी के गौरव|accessmonthday= 29 मार्च|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दी भवन |language= हिन्दी}}</ref>) [[हिन्दी]] के प्रसिद्ध पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक थे। वे कुछ समय तक 'भारत' के संपादक रहे। नंददुलारे वाजपेयी ने '[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]]' में '[[सूरसागर]]' का तथा बाद में '[[गीता प्रेस गोरखपुर|गीता प्रेस]]', [[गोरखपुर]] में '[[रामचरितमानस]]' का संपादन किया। वे कुछ समय तक '[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]' के हिन्दी विभाग में अध्यापक तथा कई वर्षों तक 'सागर विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। मृत्यु के समय नंददुलारे वाजपेयी [[उज्जैन]] में '[[विक्रम विश्वविद्यालय]]' के उपकुलपति थे।
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'''नंददुलारे वाजपेयी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nand Dulare Bajpai'' , जन्म- [[4 सितम्बर]], [[1906]], [[उन्नाव]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[11 अगस्त]], [[1967]]<ref name="aa">{{cite web |url= http://www.hindibhawan.com/linkpages_hindibhawan/gaurav/links_HKG/HKG70.htm|title= हिन्दी के गौरव|accessmonthday= 29 मार्च|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=हिन्दी भवन |language= हिन्दी}}</ref>) [[हिन्दी]] के प्रसिद्ध पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक थे। वे कुछ समय तक 'भारत' के संपादक रहे। नंददुलारे वाजपेयी ने '[[काशी नागरी प्रचारिणी सभा]]' में '[[सूरसागर]]' का तथा बाद में '[[गीता प्रेस गोरखपुर|गीता प्रेस]]', [[गोरखपुर]] में '[[रामचरितमानस]]' का संपादन किया। वे कुछ समय तक '[[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]]' के हिन्दी विभाग में अध्यापक तथा कई वर्षों तक 'सागर विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। मृत्यु के समय नंददुलारे वाजपेयी [[उज्जैन]] में '[[विक्रम विश्वविद्यालय]]' के उपकुलपति थे।
==जन्म तथा शिक्षा==
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==शोध तथा संपादन कार्य==
==शोध तथा संपादन कार्य==
[[1929]] में एम. ए. करने के उपरांत आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी ने शोधकार्य आरंभ किया। 'भारत' के संपादक के रूप में आचार्य वाजपेयी ने अपनी सतेज प्रतिभा और प्रतिबद्ध निर्भयता का परिचय दिया। '[[सूरसागर]]' तथा '[[रामचरितमानस]]' का संपादन करते हुए वाजपेयी जी ने [[मध्य काल|मध्यकालीन]] भक्ति काव्य के साथ [[भारतीय इतिहास]], [[दर्शन]] आदि का भी गहरा अध्ययन किया और इस प्रकार अपने चिंतन को जीवंत परंपरा से जोड़ा।<ref name="aa"/>
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| जयशंकर प्रसाद (1940)
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| प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन
| प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन
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| प्रकीर्णिका (1965)
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नंददुलारे वाजपेयी
नंददुलारे वाजपेयी
नंददुलारे वाजपेयी
पूरा नाम नंददुलारे वाजपेयी
जन्म 4 सितम्बर, 1906
जन्म भूमि मगरायर ग्राम, उन्नाव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 11 अगस्त, 1967
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक
मुख्य रचनाएँ 'हिन्दी साहित्य बीसवीं शताब्दी', प्रेमचन्द्र-एक साहित्यिक विवेचन', 'नया साहित्य : नए प्रश्न', 'कवि सुमित्रानन्दन पंत', 'साहित्य का आधुनिक युग', 'आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा', 'भुलक्कड़ों का देश' तथा 'यादें बोल उठीं' आदि।
भाषा हिन्दी
शिक्षा एम.ए. (हिन्दी)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी 'सूरसागर' तथा 'रामचरितमानस' का संपादन करते हुए वाजपेयी जी ने मध्यकालीन भक्ति काव्य के साथ भारतीय इतिहास, दर्शन आदि का भी गहरा अध्ययन किया और इस प्रकार अपने चिंतन को जीवंत परंपरा से जोड़ा।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

नंददुलारे वाजपेयी (अंग्रेज़ी: Nand Dulare Bajpai , जन्म- 4 सितम्बर, 1906, उन्नाव, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 11 अगस्त, 1967[1]) हिन्दी के प्रसिद्ध पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक थे। वे कुछ समय तक 'भारत' के संपादक रहे। नंददुलारे वाजपेयी ने 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' में 'सूरसागर' का तथा बाद में 'गीता प्रेस', गोरखपुर में 'रामचरितमानस' का संपादन किया। वे कुछ समय तक 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग में अध्यापक तथा कई वर्षों तक 'सागर विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। मृत्यु के समय नंददुलारे वाजपेयी उज्जैन में 'विक्रम विश्वविद्यालय' के उपकुलपति थे।

जन्म तथा शिक्षा

आचार्य नंददुलारे वाजपेयी का जन्म 4 सितम्बर, सन 1906 में मगरायर ग्राम, ज़िला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। काशी (वर्तमान बनारस) में हिन्दी से एम.ए. करते हुए आचार्य वाजपेयी ने अपने अध्ययन का क्षेत्र विस्तृत किया और यहीं वह प्रशस्त पीठिका निर्मित हुई, जिसे उनके लेखन की आधार भूमि कह सकते हैं। यहां एक महत्त्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि क्योंकि आचार्य जी की समीक्षा का निकट संबंध हिन्दी स्वच्छन्दतावादी (रूमानी) कविता-छायावाद से है और उन्हें प्रायः 'छायावादी' अथवा 'स्वच्छन्दतावादी' समीक्षक कहा जाता है।

शोध तथा संपादन कार्य

1929 में एम. ए. करने के उपरांत आचार्य नंददुलारे वाजपेयी ने शोधकार्य आरंभ किया। 'भारत' के संपादक के रूप में आचार्य वाजपेयी ने अपनी सतेज प्रतिभा और प्रतिबद्ध निर्भयता का परिचय दिया। 'सूरसागर' तथा 'रामचरितमानस' का संपादन करते हुए वाजपेयी जी ने मध्यकालीन भक्ति काव्य के साथ भारतीय इतिहास, दर्शन आदि का भी गहरा अध्ययन किया और इस प्रकार अपने चिंतन को जीवंत परंपरा से जोड़ा।[1]

कृतियाँ

नंददुलारे वाजपेयी की मुख्य कृतियाँ
क्र. सं. कृति क्र. सं. कृति
1. हिन्दी साहित्य बीसवीं शताब्दी (1940, प्रथम कृति) 2. जयशंकर प्रसाद (1940)
3. प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन 4. आधुनिक – साहित्य (1950)
5. नया साहित्य : नए प्रश्न (1955) 6. महाकवि – सूरदास
7. कवि निराला (1965) 8. नई कविता (1976)
9. कवि सुमित्रानन्दन पंत (1976) 10. रस सिद्धान्त नए संदर्भ (1977)
11. साहित्य का आधुनिक युग (1978) 12. आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा (1978)
13. रीति और शैली (1979) 14. रचनावली (8 खण्डों में)
15. भुलक्कड़ों का देश (व्यंग्य लेख) 16. हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास
17. राष्ट्रीय साहित्य 18. पाश्चात्य सौंदर्य शास्त्र का इतिहास
19. यादें बोल उठीं (संस्मरण) 20. प्रकीर्णिका (1965)
21. राष्ट्रभाषा की कुछ समस्याएं 22. -

निधन

आचार्य नंददुलारे वाजपेयी जी का निधन 11 अगस्त, सन 1967 में हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 हिन्दी के गौरव (हिन्दी) हिन्दी भवन। अभिगमन तिथि: 29 मार्च, 2016।

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