विक्रम विश्वविद्यालय
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विक्रम विश्वविद्यालय
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विवरण | 'विक्रम विश्वविद्यालय' मध्य प्रदेश स्थित प्रसिद्ध शिक्षण महाविद्यालयों में से एक है। यहाँ का पुस्तकालय 'महाराजा जीवाजी राव पुस्तकालय' के नाम से जाना जाता है। |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | उज्जैन |
स्थापना | 1 मार्च, 1957 |
अन्य जानकारी | मध्य प्रदेश स्थित इस विश्वविद्यालय में सामाजिक मानवशास्त्र का अध्ययन सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ था। |
विक्रम विश्वविद्यालय (अंग्रेज़ी: Vikram University) उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मार्च, 1957 को हुई थी। विश्वविद्यालय का पुस्तकालय 'महाराजा जीवाजी राव पुस्तकालय' के नाम से जाना जाता है। विश्वविद्यालय का अपना कार्य विभाग है, जो भवनों की देखरेख करता है और नए निर्माण की योजना में सहायता करता है।
- उज्जैन के प्राचीन शहर में स्थित 'विक्रम विश्वविद्यालय', विपुल शासक विक्रमादितय के नाम पर है।[1]
- 1957 में स्थापित यह विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।
- विश्वविद्यालय प्राधिकारी द्वारा अनेक सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध कराई गई हैं।
- यहाँ का पुस्तकालय 'महाराजा जीवाजी राव पुस्तकालय' के नाम से जाना जाता है तथा आज तक यहाँ से 1645 पी.एच.डी. थीसिस प्रदान की जा चुकी हैं।
- मध्य प्रदेश स्थित इस विश्वविद्यालय में सामाजिक मानवशास्त्र का अध्ययन सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ था।
- इस विश्वविद्यालय का एक और महत्वपूर्ण भाग विश्वविद्यालय की प्रेस है, जो 1961 में स्थापित की गई थी। इसका परिसर उपग्रह से जुड़ा हुआ है और 500 से अधिक ऑनलाइन शोध पत्रिकाओं तक इसकी पहुँच है।[1]
- विक्रम विश्वविद्यालय का अपना कार्य विभाग है, जो भवनों की देखरेख करता है और नए निर्माण की योजना में सहायता करता है।
- विश्वविद्यालय के अलमा मेटर के रूप में कई प्रख्यात हस्तियाँ हैं। यहाँ के मेधावी छात्रों की सूची में कई वैज्ञानिक, शिक्षाविद और भारत के एक पूर्व न्यायाधीश हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 12 फरवरी, 2015।