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*वर्ष 2016 के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं- | *वर्ष 2016 के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं- | ||
== | ==सिंधु ने जीता चाइना ओपन ख़िताब== | ||
; | ; 20 नवंबर, 2016 | ||
[[चित्र: | [[चित्र:PV-Sindhu-China-Open-Series-winner.jpg|thumb|[[पी.वी. सिंधु|पीवी सिंधु]] ने चाइना ओपन ख़िताब के साथ]] | ||
रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद [[पी.वी. सिंधु|पीवी सिंधु]] ने चाइना ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज ख़िताब अपने नाम किया। यह खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर क़ब्ज़ा किया था। सिंधु से पहले अब तक भारत की [[साइना नेहवाल]] और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था। सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया। किसी बड़े टूर्नामेंट में यह लगातार तीसरे साल हुआ है, जब कोई भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल खेली है, जबकि इनमें आमतौर पर चीनी खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है। साल 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन 2015 में वह रनर अप रहीं थीं। इस प्रकार पीवी सिंधु चाइना ओपन जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। | |||
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; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ||
* [http://www.bbc.com/hindi/ | * [http://www.bbc.com/hindi/sport-38042347 बीबीसी हिन्दी] | ||
* [http:// | *[http://navbharattimes.indiatimes.com/opinion/editorial/pv-sindhu-win-in-china-open-super-series/articleshow/55548668.cms नवभारत टाइम्स] | ||
* [http:// | *[http://khabar.ndtv.com/news/sports/pv-sindhu-subdues-sun-yu-to-clinch-china-open-her-maiden-super-series-title-1627770 एनडीटीवी] | ||
* [http://www. | *[http://www.bhaskar.com/news/MP-OTH-MAT-latest-rau-news-045503-1420864-NOR.html दैनिक भास्कर] | ||
== | ==500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण== | ||
[[चित्र: | [[चित्र:500-1000-rupee-notes.jpg|right|200px|thumb]] | ||
; 8 नवंबर, 2016 | |||
[[ | [[8 नवंबर]], [[2016]] को भारतीय प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 500 और 1000 के नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद किए जाने की घोषणा की। यानी 9 नवंबर से कुछ तय जगहों (पेट्रोल पंप, अस्पताल, रेलवे स्टेशन इत्यादि) को छोड़कर देश में कहीं भी 500 और 1000 के नोटों से लेन-देन पर रोक लग गई। इन जगहों पर भी इन नोटों के प्रयोग को तय समय सीमा (अब 24 नवंबर) तक ही इजाजत दी गई है। जिन लोगों के पास 500 और 1000 के नोट पड़े हैं वो उन्हें 30 दिसंबर तक देश के किसी भी बैंक या डाकघर में जाकर बदल सकते हैं या अपने खातों में जमा कर सकते हैं। सरकार ने पुराने नोटों की जगह 500 और 2000 के नए नोट जारी किए हैं जो लोगों को बैंकों और एटीएम के माध्यम से मिलने शुरू हो गए हैं। हालांकि लेन-देन के पूरी तरह सामान्य होने में कुछ हफ्ते और लगेंगे। इस फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरबीआई के वर्तमान गवर्नर [[उर्जित पटेल]] का समर्थन हासिल है। उर्जित पटेल ने पीएम मोदी के फैसले को “बहुत साहसिक कदम” बताया है। हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर [[रघुराम राजन]] विमुद्रीकरण को कालाधन बाहर लाने के लिए ज्यादा कारगर नहीं मानते हैं। कई अन्य विशेषज्ञों ने भी इस कदम पर सवाल उठाए हैं। [[भारतीय सांख्यिकी संस्थान]], [[कोलकाता]] के प्रोफेसर अभिरूप सरकार के अनुसार कालाधन रखने वाले ज्यादातर लोग अपने पैसे विदेशी बैंकों में रखते हैं इसलिए देश में विमुद्रीकरण करने से ज्यादा बड़े मछलियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा। आरबीआई के अनुसार [[31 मार्च]] [[2016]] तक [[भारत]] में 16.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बाज़ार में थे जिसमें से करीब 14.18 लाख रुपये 500 और 1000 के नोटों के रूप में थे। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कुल देश में तब तक मौजूद कुल 9026 करोड़ नोटों में करीब 24 प्रतिशत नोट (करीब 2203 करोड़ रुपये) ही प्रचलन में थीं।<ref>{{cite web |url=http://www.jansatta.com/national/demonetization-in-hindi-what-is-demonetization-what-are-different-ways-of-demonetization-and-demonetization-in-india-by-pm-modi-explained/184774/|title=जानिए क्या है विमुद्रीकरण, क्यों लेती हैं सरकारें इसका फैसला और अब तक भारत में कब-कब ऐसा हुआ है? |accessmonthday=20 नवंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=जनसत्ता डॉट कॉम|language=हिन्दी }}</ref> | ||
==भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता== | |||
; 22 अक्टूबर, 2016 | |||
[[चित्र:Indian-Kabaddi-Team-Won-Kabaddi-World-Cup.jpg|thumb|विश्व विजेता भारतीय कबड्डी टीम]] | |||
[[अहमदाबाद]] के द एरेना बाय ट्रांसस्टेरिडया में खेले गए कबड्डी विश्वकप के फाइनल में [[शनिवार]] 22 अक्टूबर, 2016 को मेजबान भारत ने ईरान को नौ अंकों के अंतर से हराकर खिताब पर क़ब्ज़ा जमाया। मौजूदा चैम्पियन भारत ने ईरान को 38-29 से मात देते हुए लगातार तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने टीम इंडिया को जीत पर बधाई दी। भारत की जीत के हीरो दिग्गज रेडर अजय ठाकुर रहे। अजय ने पहले हाफ तक पीछे चल रही भारत को लगातार सफल रेड डालते हुए न सिर्फ बराबरी दिलाई, बल्कि अहम समय पर भारत को मजबूत किया। उन्होंने कुल 12 अंक हासिल किए। एक समय ईरान ने अपने मज़बूत डिफेंस और ज़ोरदार हमले के दम पर मध्यांतर तक 18-13 की बढ़त बना ली थी। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में तब सन्नाटा पसरा हुआ था। ईरान के अबुल फ़ज़ल, मेराज शेख़ और ग़ुलाम अब्बास अपने रेड पर लगातार प्वाइंट अर्जित कर भारत पर दबाव बना रहे थे। लेकिन जैसे ही दूसरा हॉफ शुरू हुआ, अजय ठाकुर ने ईरान के मिराज़ को आउट कर भारत भेजा और भारतीय खेमे में नया जोश पैदा किया। इसके बाद भारतीय टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारत ने दो बार ईरान को ऑल आउट किया। '''[[कबड्डी|कबड्डी का पूरा लेख पढ़ें]]''' | |||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | |||
*[http://www.bbc.com/hindi/sport-37740897 बीबीसी हिन्दी] | |||
*[http://khabar.ibnlive.com/news/khel/kabaddi-world-cup-final-iran-looking-to-exact-revenge-on-india-522896.html आईबीएन ख़बर] | |||
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/other-cities-of-punjab/haryana/kabaddi-world-cup-winning-team-member-received/articleshow/55053364.cms नवभारत टाइम्स] | |||
==पैरा ओलंपिक 2016 में भारत के अब तक कुल 4 पदक हुए== | |||
[[चित्र:Deepa-Malik.jpg|thumb|[[दीपा मलिक]]|150px]] | |||
; 14 सितंबर, 2016 बुधवार | |||
;दीपा मलिक ने शॉट पुट में जीता रजत, भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी | |||
[[भारत]] की [[दीपा मलिक]] ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने एक योजना के तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। | |||
;भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड | |||
[[चित्र:Devendra-Jhajharia.jpg|thumb|[[देवेन्द्र झाझरिया]]|150px]] | |||
पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में [[देवेन्द्र झाझरिया]] ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है। | |||
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ||
*[http://www. | *[http://aajtak.intoday.in/sports/story/deepa-malik-create-history-and-wins-silver-medal-at-rio-paralympics-2016-1-887417.html आजतक] | ||
*[http://khabar.ndtv.com/news/ | *[http://hindi.webdunia.com/sports-news/deepa-malik-rio-paralympic-2016-rio-paralympic-116091300003_1.html वेबदुनिया हिन्दी] | ||
*[http:// | *[http://aajtak.intoday.in/sports/story/indias-devendra-jhajharia-wins-gold-medal-in-mens-javelin-throw-in-2016-rio-paralympics-1-887575.html आजतक] | ||
==साइना नेहवाल | |||
==रियो पैरा ओलंपिक में मरियप्पन थांगवेलू ने स्वर्ण पदक और वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता== | |||
[[चित्र:Mariyappan-Thangavelu-&-Varun-Bhati.jpg|thumb|[[मरियप्पन थंगावेलु]] (बाएँ) और [[वरुण भाटी]] (दाएँ)]] | |||
; 10 सितंबर, 2016 शनिवार | |||
रियो के पैरा ओलंपिक 2016 (शारीरिक रूप से अक्षम खिलाड़ियों के बीच कराई जाने वाली स्पर्धा) में [[मरियप्पन थंगावेलु]] ने [[भारत]] के लिए इस साल ऊंची कूद में पहला गोल्ड जीता है। उनके अलावा टी4 ऊंची कूद में [[वरुण भाटी]] ने कांस्य पदक जीता है। देश का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों को न सिर्फ राजनीतिक बल्कि खेल जगत और बॉलीवुड से भी शुभकामनाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]], [[अमिताभ बच्चन]], आमिर खान, अनुष्का शर्मा समेत कई अभिनेताओं और खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत खुश है। रियो पैरालम्पिक में मरियप्पन को स्वर्ण जीतने और भाटी को कांस्य पदक जीतने पर बधाई।” | |||
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | |||
* [http://www.jansatta.com/entertainment/bollywood-wished-mariyappan-thangavelu-for-the-first-gold-medal-in-rio-olympics-2016/141973/ जनसत्ता] | |||
* [http://www.samacharjagat.com/news/sports/gold-medalist-mariyappam-thangavelu-proud-mother-86975 समाचार जगत डॉट कॉम ] | |||
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/thangavelu-and-bhati-fought-disability-to-get-medal-in-rio-paralympics/articleshow/54264578.cms नवभारत टाइम्स] | |||
==इसरो ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, लॉन्च किए 20 उपग्रह== | |||
[[चित्र:Pslv-c34.jpg|thumb|250px|पीएसएलवी-C34]] | |||
; बुधवार, 22 जून, 2016 | |||
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी '''[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |इसरो]]''' ने [[22 जून]], [[2016]] को एक साथ 20 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले [[2008]] में उसने एक साथ 10 उपग्रह लॉन्च किए थे, जो उसका अब तक का रेकॉर्ड था। संख्या के अलावा जो एक और बात इस उपलब्धि को खास बनाती है, वह है मल्टी पॉइंट डिलिवरी। इससे पहले इसरो ने जब एकाधिक उपग्रह लॉन्च किए तो वे एक ही ऊंचाई पर छोड़े गए थे। यानी वे एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी रखते हुए कमोबेश एक जैसी ही ऑरबिट में घूमते थे। यह पहला मौका है जब इसरो ने [[ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान|पीएसएलवी-C34]] के जरिए उपग्रहों को अलग-अलग ऊंचाई पर छोड़ा है। जो 20 उपग्रह छोड़े गए हैं उनमें 17 कमर्शियल हैं। | |||
====17 सैटेलाइट विदेशी, तीन स्वदेशी==== | |||
पीएसएलवी-C34 की लॉन्चिंग [[सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र]] के दूसरे लॉन्च पैड से श्रीहरिकोटा में की गई। भारतीय समय के अनुसार पीएसएलवी C-34 की लॉन्चिंग 22 जून को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर की गई। पीएसएलवी सी-34 के 20 सैटेलाइटों में से 17 कमर्शियल सैटेलाइट हैं। यानी 17 सैटेलाइट दूसरे देशों के हैं जिन्हें भेजने के लिए इसरो ने उन देशों से फीस ली है। इसके अलावा दो सैटेलाइट देश के दो शिक्षा संस्थानों के हैं। इस लॉन्चिंग में एक सैटेलाइट कॉर्टोसैट 2 सीरीज का इसरो का अपना है। इन 20 उपग्रहों का कुल वज़न 1288 किलोग्राम था, लेकिन उनमें अकेले कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह का वजन ही 727.5 किलोग्राम है। यह उपग्रह देश में हो रहे वानस्पतिक या भूगर्भीय बदलावों पर बारीकी से नज़र रख सकेगा। मिशन को खास बनाने वाली एक और अहम बात यह है कि बाकी दो सैटलाइट [[चेन्नई]] की सत्यभामा यूनिवर्सिटी और [[पुणे]] के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग के छात्रों ने तैयार किए हैं। | |||
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | |||
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/opinion/editorial/isro-has-set-a-new-record/articleshow/52868954.cms नवभारत टाइम्स] | |||
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-launches-20-sattelite-from-sriharikota-in-andhra-pradesh-1-875095.html आजतक] | |||
*[http://www.patrika.com/news/bangalore/isro-launches-increase-1330982/ पत्रिका डॉट कॉम] | |||
*[http://khabar.ndtv.com/news/file-facts/in-record-launch-isro-flies-20-satellites-into-space-10-facts-1421899 एनडीटीवी इंडिया] | |||
*[http://www.haribhoomi.com/news/india/achhi-khabaren/isro-20-satellite-launched/42660.html हरिभूमि] | |||
==साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीता ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब== | |||
[[चित्र:Saina-Nehwal-2.jpg|thumb|[[साइना नेहवाल]]]] | [[चित्र:Saina-Nehwal-2.jpg|thumb|[[साइना नेहवाल]]]] | ||
; | ; 12 जून, 2016, रविवार | ||
[[ | [[भारत]] की स्टार [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी साइना नेहवाल ने [[12 जून]], [[2016]] रविवार को एक बार फिर कमाल करते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज पर क़ब्ज़ा कर लिया। साइना का साल का यह पहला खिताब है। साइना ने दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है। इससे पहले [[2014]] में भी उन्होंने यह खिताब जीता था। यह पहला मौका है जब पहली बार किसी खिलाड़ी ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है। सिडनी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में साइना ने चीन की सुन यू को 11-21, 21-14, 21-19 से हराया। 7.5 लाख डॉलर की इनामी राशि के टूर्नामेंट के फाइनल में साइना ने शुरुआत में लड़खड़ाने के बाद शानदार वापसी की। 70 मिनट तक चले इस मुकाबले में साइना ने अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना जीत का रेकॉर्ड और मजबूत किया। इससे पहले शनिवार को साइना ने चौथी वरीयता प्राप्त यिहान वांग को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें पायदान पर मौजूद साइना ने शनिवार को सिडनी में खेले गए मुकाबले में चीन की यिहान वांग को 21-8, 21-12 से हराया था। साइना पिछले साल 2 अप्रैल, 2015 को विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। उसने अगस्त में जकार्ता में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वह नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर के फाइनल में भी पहुंची लेकिन इसके बाद चोट के कारण उसका फॉर्म गिर गया। इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन, बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप में वह सेमीफाइनल में हारी। उसने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गईं। | ||
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें==== | ||
*[http:// | *[http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/saina-nehwal-becomes-australian-open-super-series-champion/articleshow/52712505.cms नवभारत टाइम्स] | ||
*[http:// | *[http://abpnews.abplive.in/sports/saina-clinches-second-australian-open-title-392653/ एबीपी न्यूज] | ||
*[http:// | *[http://www.patrika.com/news/other-sports/saina-nehwal-wins-australian-open-super-series-title-1321699/ पत्रिका डॉट कॉम] | ||
== | *[http://khabar.ndtv.com/news/sports/saina-nehwal-beats-sun-yu-of-china-to-win-womens-singles-title-in-australian-open-super-series-2016-1418141 एनडीटीवी इंडिया] | ||
[[चित्र: | ==भारत की अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी, लॉन्च किया स्वदेशी स्पेस शटल== | ||
; | [[चित्र:Rlv.jpg|thumb|250px|RLV-TD अर्थात रीयूजेबल लॉन्च वीइकल- टेक्नॉलजी डेमॉनस्ट्रेटर]] | ||
[[ | ; सोमवार, 23 मई, 2016 | ||
[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान]] (ISRO) ने सोमवार [[23 मई]], [[2016]] को [[आंध्र प्रदेश]] के [[श्रीहरिकोटा]] स्पेस सेंटर से पूरी तरह से [[भारत]] में बने स्पेस शटल RLV-TD को लॉन्च किया। अमेरिकी स्पेस शटल जैसा दिखने वाला ये शटल फिलहाल प्रयोग की स्थिति में है और अपने असली साइज से 6 गुना छोटा है। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के डायरेक्टर के सिवन के अनुसार, ‘RLV-TD का मुख्य लक्ष्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह पहुंचाना और फिर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करना है। शटल को एक ठोस रॉकेट मोटर से ले जाया जाएगा। नौ मीटर लंबे रॉकेट का वजन 11 टन है।' इस परीक्षण के बाद इसको पूरी तरह से तैयार होने में करीब दस वर्ष तक का समय लग जाएगा। ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लागत कम करने, विश्वसनीयता कायम रखने और मांग के अनुरूप अंतरिक्ष में पहुंच बनाने के लिए एक साझा हल है। यह पहली बार है, जब इसरो ने पंखों से युक्त किसी यान का प्रक्षेपण किया है। यह यान बंगाल की खाड़ी में तट से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर उतरा। [[भारत के प्रधानमंत्री]] [[नरेन्द्र मोदी]] ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष शटल RLV-टीडी की लॉन्चिंग हमारे वैज्ञानिकों के मेहनती प्रयासों का परिणाम है। गतिशीलता और समर्पण के साथ जो हमारे वैज्ञानिकों और इसरो ने पिछले कुछ सालों में काम किया है, वह असाधारण और बहुत ही प्रेरणादायक है। | |||
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | ||
*[http://www. | *[http://www.isro.gov.in/technology-development-programmes/reusable-launch-vehicle-technology-demonstration-program-rlv-td ISRO] | ||
*[http:// | *[http://www.livehindustan.com/news/national/article1-10-facts-about-india-first-space-shuttle-rlv-td-535209.html हिन्दुस्तान लाइव] | ||
*[http://www. | *[http://aajtak.intoday.in/story/isro-launches-rlv-td-fully-made-in-india-space-shuttle-1-870346.html आजतक] | ||
*[http:// | *[http://www.patrika.com/news/science-tech/isro-launches-first-reusable-made-in-india-space-shuttle-1304427/ पत्रिका डॉट कॉम] | ||
*[http:// | *[http://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/bangalore/chennai/India-launches-its-own-space-shuttle-ISROs-RLV-TD-on-Monday/articleshow/52392860.cms नवभारत टाइम्स] | ||
== | ====दक्षिण अफ़्रीका में तमिल विद्वान कंडासामी कुप्पुसामी का निधन ==== | ||
[[चित्र: | ; 14 मई, 2016, शनिवार | ||
[[दक्षिण अफ़्रीका]] की सरकार को माध्यमिक स्कूलों में भाषा के तौर पर तमिल पढ़ाने के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभाने वाले [[कंडासामी कुप्पुसामी]] का 14 मई, 2016 शनिवार को 103 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। कुप्पुसामी ने एक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और उस काल में भारतीय शिक्षा विभाग में स्कूलों के प्रथम निरीक्षक बने जब व्यवस्था में रंगभेद नीति मौजूद थी। कुप्पुसामी साउथ अफ्रीकन-तमिल फेडरेशन के संस्थापक सदस्य थे और सबसे अधिक समय तक इसके सदस्य रहे। | |||
====समाचार निम्न स्रोत पर पढ़ें==== | |||
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें | *[http://www.samacharjagat.com/news/international/Indian-Tamil-scholar-Kuppusamy-Kandasamy-died-in-South-Africa-57141 समाचार जगत डॉट कॉम] | ||
*[http://www.livehindustan.com/news/ | ====63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा; मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन और कंगना रानौत हुए सम्मानित==== | ||
*[http:// | ; 3 मई, 2016, मंगलवार | ||
*[http://www. | [[चित्र:Manoj-Kumar-Dada-Sahab-Falke-Award.jpg|thumb|[[मनोज कुमार]] को [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]]]] | ||
राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] ने [[3 मई]], [[2016]] [[मंगलवार]] को 63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में पुरस्कार वितरित किए। इस बार के समारोह में हिन्दी फ़िल्मों और सितारों का जलवा रहा। [[अमिताभ बच्चन]] को पीकू के लिए जबकि कंगना रानौत को तनु वेडस मनु रिटर्न्स के लिए क्रमश: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। वयोवृद्ध अभिनेता [[मनोज कुमार]] को [[दादा साहब फाल्के पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।<br /> | |||
मनोज कुमार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार हासिल करने वाले 47वें कलाकार हैं। यह सम्मान [[भारतीय सिनेमा]] क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार है। उन्हें पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण कमल, दस लाख रुपए नकद और एक शॉल भेंट की गई। उन्हें पूरब और पश्चिम, उपकार और [[क्रांति (1981 फ़िल्म)|क्रांति]] जैसी देशभक्ति फ़िल्मों के लिए जाना जाता है। मनोज कुमार ने इस मौके पर राष्ट्रपति को साईं बाबा की क्रिस्टल की प्रतिमा भेंट की। <br /> | |||
अमिताभ बच्चन विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में अपने बेटे [[अभिषेक बच्चन]], बहू [[ऐश्वर्या राय बच्चन]], पत्नी [[जया बच्चन]] और बेटी श्वेता नंदा के साथ पहुंचे थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के तौर पर रजत कमल और 50,000 रुपये दिए गए। अमिताभ बच्चन का यह चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है। उन्होंने 1990 में अग्निपथ, 2005 में ब्लैक और 2009 में 'पा' के लिए यह पुरस्कार जीता था।<br /> | |||
कंगना रानौत का यह तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। इससे पहले वह फैशन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और साल 2015 में 'क्वीन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं। उन्हें रजत कमल और 50,000 रुपये की नकद राशि दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय स्वरूप को दर्शाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए फ़िल्मकारों की प्रशंसा की। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हम बहिष्कार में विश्वास नहीं करते। हम हमेशा समावेश में विश्वास करते हैं। उन्होंने एकता में अनेकता के भारतीय स्वरूप को दिखाने के लिए भारतीय सिनेमा से पूर्व से लेकर वर्तमान में जुड़े सभी लोगों का आभार प्रकट किया। | |||
;सम्मानित होने वाले विजेताओं की सूची | |||
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेता : अमिताभ बच्चन (पीकू) | |||
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: कंगना रनौत (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स) | |||
* सर्वश्रेष्ठ निर्देशक : संजय लीला भंसाली (बाजीराव मस्तानी) | |||
* सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म : दम लगा के हईशा | |||
* सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म : बाहुबली (निर्देशक- एसएस राजामौली) | |||
* सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फ़िल्म निर्देशक : नीरज घायवन (मसान) | |||
* सर्वश्रेष्ठ कोरियॉग्राफ़र : रेमो डिसूजा (बाजीराव मस्तानी) | |||
* सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी : सुदीप चटर्जी (बाजीराव मस्तानी) | |||
* सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले : जूही चतुर्वेदी (पीकू), हिमांशु शर्मा (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स) | |||
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*[http://www.livehindustan.com/news/entertainment/article1-president-pranab-mukherjee-63rd-national-film-awards-hindi-films-531442.html हिन्दुस्तान लाइव] | |||
*[http://khabar.ndtv.com/news/filmy/amitabh-bachchan-kangana-ranaut-collect-national-film-awards-1402377 एनडीटीवी इंडिया] | |||
*[http://khabar.rajasthannews1.com/2016/05/amitabh-bachchan-kangna-ranaut-gets-national-film-and-manoj-kumar-gets-dadasaheb-phalke-award.html राजस्थान न्यूज ] | |||
*[http://www.jagran.com/entertainment/bollywood-manoj-kumar-awarded-dadasaheb-phalke-award-13961735.html जागरण डॉट कॉम] | |||
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14:10, 9 मई 2021 के समय का अवतरण
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- वर्ष 2016 के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
सिंधु ने जीता चाइना ओपन ख़िताब
- 20 नवंबर, 2016
रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित करने के बाद पीवी सिंधु ने चाइना ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में चीन की सुन यू को तीन गेम तक चले मुकाबले में हराकर पहला सुपर सीरीज ख़िताब अपने नाम किया। यह खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर क़ब्ज़ा किया था। सिंधु से पहले अब तक भारत की साइना नेहवाल और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था। सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया। किसी बड़े टूर्नामेंट में यह लगातार तीसरे साल हुआ है, जब कोई भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल खेली है, जबकि इनमें आमतौर पर चीनी खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है। साल 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन 2015 में वह रनर अप रहीं थीं। इस प्रकार पीवी सिंधु चाइना ओपन जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं।
- समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण
- 8 नवंबर, 2016
8 नवंबर, 2016 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 500 और 1000 के नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद किए जाने की घोषणा की। यानी 9 नवंबर से कुछ तय जगहों (पेट्रोल पंप, अस्पताल, रेलवे स्टेशन इत्यादि) को छोड़कर देश में कहीं भी 500 और 1000 के नोटों से लेन-देन पर रोक लग गई। इन जगहों पर भी इन नोटों के प्रयोग को तय समय सीमा (अब 24 नवंबर) तक ही इजाजत दी गई है। जिन लोगों के पास 500 और 1000 के नोट पड़े हैं वो उन्हें 30 दिसंबर तक देश के किसी भी बैंक या डाकघर में जाकर बदल सकते हैं या अपने खातों में जमा कर सकते हैं। सरकार ने पुराने नोटों की जगह 500 और 2000 के नए नोट जारी किए हैं जो लोगों को बैंकों और एटीएम के माध्यम से मिलने शुरू हो गए हैं। हालांकि लेन-देन के पूरी तरह सामान्य होने में कुछ हफ्ते और लगेंगे। इस फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरबीआई के वर्तमान गवर्नर उर्जित पटेल का समर्थन हासिल है। उर्जित पटेल ने पीएम मोदी के फैसले को “बहुत साहसिक कदम” बताया है। हालांकि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन विमुद्रीकरण को कालाधन बाहर लाने के लिए ज्यादा कारगर नहीं मानते हैं। कई अन्य विशेषज्ञों ने भी इस कदम पर सवाल उठाए हैं। भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता के प्रोफेसर अभिरूप सरकार के अनुसार कालाधन रखने वाले ज्यादातर लोग अपने पैसे विदेशी बैंकों में रखते हैं इसलिए देश में विमुद्रीकरण करने से ज्यादा बड़े मछलियों का कुछ नहीं बिगड़ेगा। आरबीआई के अनुसार 31 मार्च 2016 तक भारत में 16.42 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट बाज़ार में थे जिसमें से करीब 14.18 लाख रुपये 500 और 1000 के नोटों के रूप में थे। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार कुल देश में तब तक मौजूद कुल 9026 करोड़ नोटों में करीब 24 प्रतिशत नोट (करीब 2203 करोड़ रुपये) ही प्रचलन में थीं।[1]
भारत ने कबड्डी विश्व कप जीता
- 22 अक्टूबर, 2016
अहमदाबाद के द एरेना बाय ट्रांसस्टेरिडया में खेले गए कबड्डी विश्वकप के फाइनल में शनिवार 22 अक्टूबर, 2016 को मेजबान भारत ने ईरान को नौ अंकों के अंतर से हराकर खिताब पर क़ब्ज़ा जमाया। मौजूदा चैम्पियन भारत ने ईरान को 38-29 से मात देते हुए लगातार तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीम इंडिया को जीत पर बधाई दी। भारत की जीत के हीरो दिग्गज रेडर अजय ठाकुर रहे। अजय ने पहले हाफ तक पीछे चल रही भारत को लगातार सफल रेड डालते हुए न सिर्फ बराबरी दिलाई, बल्कि अहम समय पर भारत को मजबूत किया। उन्होंने कुल 12 अंक हासिल किए। एक समय ईरान ने अपने मज़बूत डिफेंस और ज़ोरदार हमले के दम पर मध्यांतर तक 18-13 की बढ़त बना ली थी। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में तब सन्नाटा पसरा हुआ था। ईरान के अबुल फ़ज़ल, मेराज शेख़ और ग़ुलाम अब्बास अपने रेड पर लगातार प्वाइंट अर्जित कर भारत पर दबाव बना रहे थे। लेकिन जैसे ही दूसरा हॉफ शुरू हुआ, अजय ठाकुर ने ईरान के मिराज़ को आउट कर भारत भेजा और भारतीय खेमे में नया जोश पैदा किया। इसके बाद भारतीय टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारत ने दो बार ईरान को ऑल आउट किया। कबड्डी का पूरा लेख पढ़ें
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पैरा ओलंपिक 2016 में भारत के अब तक कुल 4 पदक हुए
- 14 सितंबर, 2016 बुधवार
- दीपा मलिक ने शॉट पुट में जीता रजत, भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनी
भारत की दीपा मलिक ने तब इतिहास रचा जब वह रियो में गोला फेंक एफ-53 में रजत पदक जीतकर पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाले देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी। दीपा ने अपने छह प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ 4.61 मीटर गोला फेंका और यह रजत पदक हासिल करने के लिए पर्याप्त था। दीपा को इस उपलब्धि के लिए हरियाणा सरकार ने एक योजना के तहत चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की।
- भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने जीता स्वर्ण पदक, तोड़ा अपना ही विश्व रिकॉर्ड
पैरालंपिक खेलों में भारत ने एक और पदक हासिल कर लिया है। भाला फेंक में देवेन्द्र झाझरिया ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक में यह उनका दूसरा स्वर्ण पदक है। 12 साल पहले 2004 एथेंस पैरालंपिक में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। देवेंद्र ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ ये पदक हासिल किया। देवेंद्र ने 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। एथेंस पैरालंपिक में उन्होंने 62.15 मीटर जेवलिन फेंका था, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था। इस पदक के साथ ही रियो पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या 4 हो गई है, जिसमें 2 स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य है।
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रियो पैरा ओलंपिक में मरियप्पन थांगवेलू ने स्वर्ण पदक और वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता
- 10 सितंबर, 2016 शनिवार
रियो के पैरा ओलंपिक 2016 (शारीरिक रूप से अक्षम खिलाड़ियों के बीच कराई जाने वाली स्पर्धा) में मरियप्पन थंगावेलु ने भारत के लिए इस साल ऊंची कूद में पहला गोल्ड जीता है। उनके अलावा टी4 ऊंची कूद में वरुण भाटी ने कांस्य पदक जीता है। देश का नाम रोशन करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों को न सिर्फ राजनीतिक बल्कि खेल जगत और बॉलीवुड से भी शुभकामनाएं मिली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमिताभ बच्चन, आमिर खान, अनुष्का शर्मा समेत कई अभिनेताओं और खिलाड़ियों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “भारत खुश है। रियो पैरालम्पिक में मरियप्पन को स्वर्ण जीतने और भाटी को कांस्य पदक जीतने पर बधाई।”
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इसरो ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, लॉन्च किए 20 उपग्रह
- बुधवार, 22 जून, 2016
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 22 जून, 2016 को एक साथ 20 उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इससे पहले 2008 में उसने एक साथ 10 उपग्रह लॉन्च किए थे, जो उसका अब तक का रेकॉर्ड था। संख्या के अलावा जो एक और बात इस उपलब्धि को खास बनाती है, वह है मल्टी पॉइंट डिलिवरी। इससे पहले इसरो ने जब एकाधिक उपग्रह लॉन्च किए तो वे एक ही ऊंचाई पर छोड़े गए थे। यानी वे एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी रखते हुए कमोबेश एक जैसी ही ऑरबिट में घूमते थे। यह पहला मौका है जब इसरो ने पीएसएलवी-C34 के जरिए उपग्रहों को अलग-अलग ऊंचाई पर छोड़ा है। जो 20 उपग्रह छोड़े गए हैं उनमें 17 कमर्शियल हैं।
17 सैटेलाइट विदेशी, तीन स्वदेशी
पीएसएलवी-C34 की लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से श्रीहरिकोटा में की गई। भारतीय समय के अनुसार पीएसएलवी C-34 की लॉन्चिंग 22 जून को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर की गई। पीएसएलवी सी-34 के 20 सैटेलाइटों में से 17 कमर्शियल सैटेलाइट हैं। यानी 17 सैटेलाइट दूसरे देशों के हैं जिन्हें भेजने के लिए इसरो ने उन देशों से फीस ली है। इसके अलावा दो सैटेलाइट देश के दो शिक्षा संस्थानों के हैं। इस लॉन्चिंग में एक सैटेलाइट कॉर्टोसैट 2 सीरीज का इसरो का अपना है। इन 20 उपग्रहों का कुल वज़न 1288 किलोग्राम था, लेकिन उनमें अकेले कार्टोसैट-2 सीरीज उपग्रह का वजन ही 727.5 किलोग्राम है। यह उपग्रह देश में हो रहे वानस्पतिक या भूगर्भीय बदलावों पर बारीकी से नज़र रख सकेगा। मिशन को खास बनाने वाली एक और अहम बात यह है कि बाकी दो सैटलाइट चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी और पुणे के कॉलेज ऑफ इंजिनियरिंग के छात्रों ने तैयार किए हैं।
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साइना नेहवाल ने दूसरी बार जीता ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब
- 12 जून, 2016, रविवार
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने 12 जून, 2016 रविवार को एक बार फिर कमाल करते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज पर क़ब्ज़ा कर लिया। साइना का साल का यह पहला खिताब है। साइना ने दूसरी बार इस खिताब को अपने नाम किया है। इससे पहले 2014 में भी उन्होंने यह खिताब जीता था। यह पहला मौका है जब पहली बार किसी खिलाड़ी ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है। सिडनी में खेले गए ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल में साइना ने चीन की सुन यू को 11-21, 21-14, 21-19 से हराया। 7.5 लाख डॉलर की इनामी राशि के टूर्नामेंट के फाइनल में साइना ने शुरुआत में लड़खड़ाने के बाद शानदार वापसी की। 70 मिनट तक चले इस मुकाबले में साइना ने अपनी चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना जीत का रेकॉर्ड और मजबूत किया। इससे पहले शनिवार को साइना ने चौथी वरीयता प्राप्त यिहान वांग को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें पायदान पर मौजूद साइना ने शनिवार को सिडनी में खेले गए मुकाबले में चीन की यिहान वांग को 21-8, 21-12 से हराया था। साइना पिछले साल 2 अप्रैल, 2015 को विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। उसने अगस्त में जकार्ता में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। वह नवंबर में चाइना ओपन सुपर सीरिज प्रीमियर के फाइनल में भी पहुंची लेकिन इसके बाद चोट के कारण उसका फॉर्म गिर गया। इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन, बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप में वह सेमीफाइनल में हारी। उसने एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता और जून में इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरिज में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच गईं।
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भारत की अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी, लॉन्च किया स्वदेशी स्पेस शटल
- सोमवार, 23 मई, 2016
भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (ISRO) ने सोमवार 23 मई, 2016 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से पूरी तरह से भारत में बने स्पेस शटल RLV-TD को लॉन्च किया। अमेरिकी स्पेस शटल जैसा दिखने वाला ये शटल फिलहाल प्रयोग की स्थिति में है और अपने असली साइज से 6 गुना छोटा है। विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के डायरेक्टर के सिवन के अनुसार, ‘RLV-TD का मुख्य लक्ष्य पृथ्वी की कक्षा में उपग्रह पहुंचाना और फिर वायुमंडल में दोबारा प्रवेश करना है। शटल को एक ठोस रॉकेट मोटर से ले जाया जाएगा। नौ मीटर लंबे रॉकेट का वजन 11 टन है।' इस परीक्षण के बाद इसको पूरी तरह से तैयार होने में करीब दस वर्ष तक का समय लग जाएगा। ISRO के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लागत कम करने, विश्वसनीयता कायम रखने और मांग के अनुरूप अंतरिक्ष में पहुंच बनाने के लिए एक साझा हल है। यह पहली बार है, जब इसरो ने पंखों से युक्त किसी यान का प्रक्षेपण किया है। यह यान बंगाल की खाड़ी में तट से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर उतरा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष शटल RLV-टीडी की लॉन्चिंग हमारे वैज्ञानिकों के मेहनती प्रयासों का परिणाम है। गतिशीलता और समर्पण के साथ जो हमारे वैज्ञानिकों और इसरो ने पिछले कुछ सालों में काम किया है, वह असाधारण और बहुत ही प्रेरणादायक है।
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दक्षिण अफ़्रीका में तमिल विद्वान कंडासामी कुप्पुसामी का निधन
- 14 मई, 2016, शनिवार
दक्षिण अफ़्रीका की सरकार को माध्यमिक स्कूलों में भाषा के तौर पर तमिल पढ़ाने के लिए राजी करने में अहम भूमिका निभाने वाले कंडासामी कुप्पुसामी का 14 मई, 2016 शनिवार को 103 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। कुप्पुसामी ने एक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और उस काल में भारतीय शिक्षा विभाग में स्कूलों के प्रथम निरीक्षक बने जब व्यवस्था में रंगभेद नीति मौजूद थी। कुप्पुसामी साउथ अफ्रीकन-तमिल फेडरेशन के संस्थापक सदस्य थे और सबसे अधिक समय तक इसके सदस्य रहे।
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63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा; मनोज कुमार, अमिताभ बच्चन और कंगना रानौत हुए सम्मानित
- 3 मई, 2016, मंगलवार
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 3 मई, 2016 मंगलवार को 63वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में पुरस्कार वितरित किए। इस बार के समारोह में हिन्दी फ़िल्मों और सितारों का जलवा रहा। अमिताभ बच्चन को पीकू के लिए जबकि कंगना रानौत को तनु वेडस मनु रिटर्न्स के लिए क्रमश: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता एवं सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। वयोवृद्ध अभिनेता मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मनोज कुमार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार हासिल करने वाले 47वें कलाकार हैं। यह सम्मान भारतीय सिनेमा क्षेत्र का सबसे बड़ा पुरस्कार है। उन्हें पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण कमल, दस लाख रुपए नकद और एक शॉल भेंट की गई। उन्हें पूरब और पश्चिम, उपकार और क्रांति जैसी देशभक्ति फ़िल्मों के लिए जाना जाता है। मनोज कुमार ने इस मौके पर राष्ट्रपति को साईं बाबा की क्रिस्टल की प्रतिमा भेंट की।
अमिताभ बच्चन विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में अपने बेटे अभिषेक बच्चन, बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, पत्नी जया बच्चन और बेटी श्वेता नंदा के साथ पहुंचे थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के तौर पर रजत कमल और 50,000 रुपये दिए गए। अमिताभ बच्चन का यह चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है। उन्होंने 1990 में अग्निपथ, 2005 में ब्लैक और 2009 में 'पा' के लिए यह पुरस्कार जीता था।
कंगना रानौत का यह तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। इससे पहले वह फैशन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और साल 2015 में 'क्वीन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं। उन्हें रजत कमल और 50,000 रुपये की नकद राशि दी गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारतीय स्वरूप को दर्शाने वाली फ़िल्म बनाने के लिए फ़िल्मकारों की प्रशंसा की। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि हम बहिष्कार में विश्वास नहीं करते। हम हमेशा समावेश में विश्वास करते हैं। उन्होंने एकता में अनेकता के भारतीय स्वरूप को दिखाने के लिए भारतीय सिनेमा से पूर्व से लेकर वर्तमान में जुड़े सभी लोगों का आभार प्रकट किया।
- सम्मानित होने वाले विजेताओं की सूची
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता : अमिताभ बच्चन (पीकू)
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: कंगना रनौत (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स)
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक : संजय लीला भंसाली (बाजीराव मस्तानी)
- सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म : दम लगा के हईशा
- सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म : बाहुबली (निर्देशक- एसएस राजामौली)
- सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फ़िल्म निर्देशक : नीरज घायवन (मसान)
- सर्वश्रेष्ठ कोरियॉग्राफ़र : रेमो डिसूजा (बाजीराव मस्तानी)
- सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी : सुदीप चटर्जी (बाजीराव मस्तानी)
- सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले : जूही चतुर्वेदी (पीकू), हिमांशु शर्मा (तनु वेड्स मनु रिटर्न्स)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जानिए क्या है विमुद्रीकरण, क्यों लेती हैं सरकारें इसका फैसला और अब तक भारत में कब-कब ऐसा हुआ है? (हिन्दी) जनसत्ता डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 20 नवंबर, 2016।