"बॉब क्रिस्टो का फ़िल्मी सफ़र": अवतरणों में अंतर
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बॉब क्रिस्टो का फ़िल्मी सफ़र
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पूरा नाम | रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो |
प्रसिद्ध नाम | बॉब क्रिस्टो |
जन्म | 1938 |
जन्म भूमि | सिरका |
मृत्यु | 20 मार्च, 2011 |
मृत्यु स्थान | बैंगलोर |
पति/पत्नी | नरगिस |
संतान | पुत्र- सुनील और दोरियस |
कर्म भूमि | मुंबई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेता |
मुख्य फ़िल्में | कालिया (1981), मर्द (1985), नास्तिक (1983), कुर्बानी (1980), |
प्रसिद्धि | खलनायक अभिनेता |
अन्य जानकारी | बॉब क्रिस्टो परवीन बॉबी से मिलने के लिए भारत आए थे लेकिन उन्हें संजय खान की फ़िल्म अब्दुल्ला में ब्रेक मिल गया। |
अद्यतन | 05:25, 10 जून 2017 (IST) |
बॉब क्रिस्टो हिंदी फ़िल्मो में खलनायक या ब्रिटिश अफसर की भूमिका में नजर आते थे। इन्होंने खलनायक अभिनेता के रूप में लोगों का दिल जीता है।
पहली फ़िल्म
बॉब क्रिस्टो भारत में जानी-मानी अभिनेत्री परवीन बॉबी से मिलने आये थे और वह यही के होकर रह गए। बॉब क्रिस्टो को पहला ब्रेक संजय खान द्वारा निर्मित फिल्म 'अब्दुल्ला' (1980) में बतौर खलनायक मिला। जिसमें उनके अभिनय की खूब तारीफ की गयी। इसके बाद बॉब ने भारत में ही रुकने का निर्णय किया। दो दशको तक करीब 200 हिंदी फ़िल्मों में मुख्य खलनायक या उसके सहायक के किरदार में अभिनय करते नजर आये। बॉब क्रिस्टो ने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फ़िल्मों में भी काम किया। बॉब को ज्यादा बड़े रोल नहीं मिले लेकिन फिर भी वह अपनी पहचान गढने में कामयाब रहे। इन्होंने उस दौर में सुपर स्टार अमिताभ बच्चन से लेकर तमिल स्टार रजनीकांत के साथ काम किया।
प्रसिद्ध डायलॉग
फिल्म 'मिस्टर इंडिया' (1987) का मिस्टर वोल्कोट वाला किरदार आज भी लोगो की जेहन में है, जिसमें उनके द्वारा बोला गया डॉयलाग 'जय बजरंग बली' व 'सॉरी बजरंग बली' पर उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी।
बॉब क्रिस्टो की श्रेष्ठ फ़िल्में
फ़िल्मों में बॉब क्रिस्टो की भूमिका को काफ़ी सराहा गया। इस नयी सदी में इन्होंने कुछ गिनी चुनी फ़िल्में की थी।
- अब्दुल्ला (1980)
- कुर्बानी (1980)
- कालिया (1981)
- नास्तिक (1983)
- मर्द (1985)
- गिरिफ्तार (1985)
- मिस्टर इंडिया (1987)
- गुमराह (1993)
- प्रेम (1995)
- वीर सावरकर (2001)
- कसम (2001)
- अमन के फ़रिश्ते (2003)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ