"सईद जाफ़री के संवाद": अवतरणों में अंतर
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[[सईद जाफ़री]] [[बॉलीवुड]] के ऐसे अभिनेता हैं, जो फ़िल्म की पहचान न होते हुए भी लोगों के लिए एक बड़ी हस्ती हैं। इनकी अदाकारी का लोहा हर कोई मानता है। कई फ़िल्मों के कुछ ऐसे किरदार, जो शायद अहमियत भी न रखते हों, इन्होंने उसे निभा कर दर्शकों के दिल को छू लिया। इनके कुछ संवाद जो दर्शकों के दिल के करीब हैं, उनके ऐसे ही कुछ प्रमुख संवाद यहाँ दिए गये हैं | [[सईद जाफ़री]] [[बॉलीवुड]] के ऐसे अभिनेता हैं, जो फ़िल्म की पहचान न होते हुए भी लोगों के लिए एक बड़ी हस्ती हैं। इनकी अदाकारी का लोहा हर कोई मानता है। कई फ़िल्मों के कुछ ऐसे किरदार, जो शायद अहमियत भी न रखते हों, इन्होंने उसे निभा कर दर्शकों के दिल को छू लिया। इनके कुछ संवाद जो दर्शकों के दिल के करीब हैं, उनके ऐसे ही कुछ प्रमुख संवाद यहाँ दिए गये हैं<ref>{{cite web |url=https://www.gazabpost.com/saeed-jaffrey-s-birth-day/ |title=सईद जाफ़री बॉलीवुड की पहचान |accessmonthday= 30 जून|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=www.gazabpost.com|language=हिंदी }}</ref>- | ||
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हम | |||
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"ये कैड़ा क़ानून... | |||
हम ग़रीबों को इंसाफ़ | |||
दिलाने के लिए नहीं... | दिलाने के लिए नहीं... | ||
बल्कि अमीरों की | बल्कि अमीरों की | ||
सहूलियत के लिए है" - 'नसीब' | सहूलियत के लिए है" - 'नसीब' | ||
"इंसान पैसों से | "इंसान पैसों से | ||
नहीं, परवरिश | नहीं, परवरिश | ||
से बड़ा होता है" - 'राजा की आयेगी बारात' | से बड़ा होता है" - 'राजा की आयेगी बारात' | ||
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"आजकल मार से | "आजकल मार से | ||
नहीं, माल से काम | नहीं, माल से काम | ||
चलता है।" - 'हीरो | चलता है।" - 'हीरो हीरालाल' | ||
"बाज़ारू चीजों से घर | "बाज़ारू चीजों से घर | ||
सजाया जाता है... | सजाया जाता है... | ||
बसाया नहीं" - 'राम तेरी गंगा मैली' | बसाया नहीं" - 'राम तेरी गंगा मैली' | ||
"जिसे मैंने जिगर का टुकड़ा | |||
समझा, उसने मेरे जिगर के | |||
टुकड़े-टुकड़े कर दिए... | |||
जिसे आँख का तारा समझा, | |||
उसने काजल बनकर मेरा | |||
पूरा मुँह काला कर दिया" - ‘दिल’ | |||
“तुम हमारी सारी दौलत | |||
लूटकर ले जाते हमें | |||
गम नहीं होता, तुमने | |||
हमारे परिवार का प्यार | |||
और विश्वास लूटा है... | |||
ख़ून किया हमारी भावनाओं का” - ‘आशिक आवारा’ | |||
“अपने ज़ुल्म की ताकत पर | |||
इतना नाज़ न करना... | |||
क्योंकि तुम्हारी नापाक | |||
हस्ती को नेस्तनाबूत करने | |||
वाला पैदा हो चुका है” - ‘अजूबा’ | |||
“कुत्ता भी लाख बुरा हो... | |||
वफ़ादारी नहीं छोड़ता” - ‘राम तेरी गंगा मैली’ | |||
“आज तूने दुआ देने वाले | |||
की भी बद्दुआ ले ली... | |||
अब तुझे कोई | |||
माफ़ नहीं करेगा” - ‘अंगरक्षक’ | |||
“पीतल पर सोने का | |||
पानी चढ़ाने से... | |||
पीतल सोना नहीं | |||
बन जाता” - ‘निश्चय’ | |||
“जो मज़ा अपने बेटे | |||
को जवान होते देखने | |||
में आता है... | |||
वो अपनी जवानी में | |||
भी नहीं आता” - ‘मासूम’ | |||
ये दस्तरख़ान एक | |||
ऐसी जगह है... | |||
जहाँ दो इंसान रोटियाँ | |||
तोड़ते हैं और दिल जोड़ते हैं” - ‘जान’ | |||
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13:04, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
सईद जाफ़री के संवाद
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जन्म | 8 जनवरी, 1929 |
जन्म भूमि | पंजाब, व्रिटिश भारत |
मृत्यु | 15 नवंबर, 2015 |
मृत्यु स्थान | लंदन, यूनाइटेड किंगडम |
अभिभावक | पिता- हामिद हुसैन जाफ़री |
पति/पत्नी | मधुर जाफ़री, जेनीफर सोरेल |
संतान | पुत्रियां- जिआ, मीरा और सकीना जाफ़री |
कर्म-क्षेत्र | अभिनय |
मुख्य फ़िल्में | 'गांधी' (1982) 'शतरंज के खिलाड़ी' (1978), ‘हिना’ (1991), ‘राम तेरी गंगा मेली’ (1985), 'दिल', 'घर हो तो ऐसा', 'राजा की आएगी बारात'। |
शिक्षा | स्नातकोत्तर |
विद्यालय | मिंटो सर्किल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, कैथोलिक विश्वविद्यालय, अमेरिका |
पुरस्कार-उपाधि | पद्मश्री (2016) |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म | ‘द मैन हू वुड बी किंग’, ‘डेथ ऑन द नील’, ‘स्फिनिक्स’, ‘द ज्वैल इन द क्राउन’, ‘ए पैसेज टू इंडिया’, ‘द डिसीवर्स’, ‘आफ्टर मिडनाइट’, ‘ऑन विंग्स ऑफ़ फायर’। |
अद्यतन | 17:06, 29 जून 2017 (IST)
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सईद जाफ़री बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता हैं, जो फ़िल्म की पहचान न होते हुए भी लोगों के लिए एक बड़ी हस्ती हैं। इनकी अदाकारी का लोहा हर कोई मानता है। कई फ़िल्मों के कुछ ऐसे किरदार, जो शायद अहमियत भी न रखते हों, इन्होंने उसे निभा कर दर्शकों के दिल को छू लिया। इनके कुछ संवाद जो दर्शकों के दिल के करीब हैं, उनके ऐसे ही कुछ प्रमुख संवाद यहाँ दिए गये हैं[1]-
"ये कैड़ा क़ानून...
हम ग़रीबों को इंसाफ़
दिलाने के लिए नहीं...
बल्कि अमीरों की
सहूलियत के लिए है" - 'नसीब'
"इंसान पैसों से
नहीं, परवरिश
से बड़ा होता है" - 'राजा की आयेगी बारात'
"आजकल मार से
नहीं, माल से काम
चलता है।" - 'हीरो हीरालाल'
"बाज़ारू चीजों से घर
सजाया जाता है...
बसाया नहीं" - 'राम तेरी गंगा मैली'
"जिसे मैंने जिगर का टुकड़ा
समझा, उसने मेरे जिगर के
टुकड़े-टुकड़े कर दिए...
जिसे आँख का तारा समझा,
उसने काजल बनकर मेरा
पूरा मुँह काला कर दिया" - ‘दिल’
“तुम हमारी सारी दौलत
लूटकर ले जाते हमें
गम नहीं होता, तुमने
हमारे परिवार का प्यार
और विश्वास लूटा है...
ख़ून किया हमारी भावनाओं का” - ‘आशिक आवारा’
“अपने ज़ुल्म की ताकत पर
इतना नाज़ न करना...
क्योंकि तुम्हारी नापाक
हस्ती को नेस्तनाबूत करने
वाला पैदा हो चुका है” - ‘अजूबा’
“कुत्ता भी लाख बुरा हो...
वफ़ादारी नहीं छोड़ता” - ‘राम तेरी गंगा मैली’
“आज तूने दुआ देने वाले
की भी बद्दुआ ले ली...
अब तुझे कोई
माफ़ नहीं करेगा” - ‘अंगरक्षक’
“पीतल पर सोने का
पानी चढ़ाने से...
पीतल सोना नहीं
बन जाता” - ‘निश्चय’
“जो मज़ा अपने बेटे
को जवान होते देखने
में आता है...
वो अपनी जवानी में
भी नहीं आता” - ‘मासूम’
ये दस्तरख़ान एक
ऐसी जगह है...
जहाँ दो इंसान रोटियाँ
तोड़ते हैं और दिल जोड़ते हैं” - ‘जान’
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ सईद जाफ़री बॉलीवुड की पहचान (हिंदी) www.gazabpost.com। अभिगमन तिथि: 30 जून, 2017।