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'''क़ानून-ए-हुमायूँनी''' ऐतिहासिक पुस्तक है। [[मुग़ल काल]] में इस पुस्तक की रचना | '''क़ानून-ए-हुमायूँनी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Qanun-i-Humayuni'') ऐतिहासिक पुस्तक है। [[मुग़ल काल]] में इस पुस्तक की रचना [[ख्वांद मीर]] ने की थी।<br /> | ||
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*इस किताब में लेखक ने [[हुमायूँ]] की जबर्दस्त चापलूसी की है, जिससे वह [[ग्वालियर]] में मिला था। | *इस किताब में लेखक ने [[हुमायूँ]] की जबर्दस्त चापलूसी की है, जिससे वह [[ग्वालियर]] में मिला था। | ||
*लेखक द्वारा हुमायूँ को "सिकंदर-ए-आजम" की उपाधि प्रदान की गई थी। | *लेखक द्वारा हुमायूँ को "सिकंदर-ए-आजम" की उपाधि प्रदान की गई थी। | ||
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19:16, 25 अप्रैल 2021 के समय का अवतरण
क़ानून-ए-हुमायूँनी (अंग्रेज़ी: Qanun-i-Humayuni) ऐतिहासिक पुस्तक है। मुग़ल काल में इस पुस्तक की रचना ख्वांद मीर ने की थी।
- इस किताब में लेखक ने हुमायूँ की जबर्दस्त चापलूसी की है, जिससे वह ग्वालियर में मिला था।
- लेखक द्वारा हुमायूँ को "सिकंदर-ए-आजम" की उपाधि प्रदान की गई थी।
इन्हें भी देखें: मुग़लकालीन शिक्षा एवं साहित्य, बाबरनामा, अकबरनामा एवं आइना-ए-अकबरी
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