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अकबर के प्रारम्भिक सुधार
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पूरा नाम | जलालउद्दीन मुहम्मद अकबर |
जन्म | 15 अक्टूबर सन 1542 (लगभग) |
जन्म भूमि | अमरकोट, सिन्ध (पाकिस्तान) |
मृत्यु तिथि | 27 अक्टूबर, सन 1605 (उम्र 63 वर्ष) |
मृत्यु स्थान | फ़तेहपुर सीकरी, आगरा |
पिता/माता | हुमायूँ, मरियम मक़ानी |
पति/पत्नी | मरीयम-उज़्-ज़मानी (हरका बाई) |
संतान | जहाँगीर के अलावा 5 पुत्र 7 बेटियाँ |
शासन काल | 27 जनवरी, 1556 - 27 अक्टूबर, 1605 ई. |
राज्याभिषेक | 14 फ़रवरी, 1556 कलानपुर के पास गुरदासपुर |
युद्ध | पानीपत, हल्दीघाटी |
राजधानी | फ़तेहपुर सीकरी आगरा, दिल्ली |
पूर्वाधिकारी | हुमायूँ |
उत्तराधिकारी | जहाँगीर |
राजघराना | मुग़ल |
मक़बरा | सिकन्दरा, आगरा |
संबंधित लेख | मुग़ल काल |
मुग़ल विस्तार का सबसे बड़ा भाग अकबर के शासनकाल (1556-1605 ई.) के दौरान निपुण हुआ। वर्तमान भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तराधिकारि जहाँगीर, शाहजहाँ और औरंगज़ेब द्वारा इस साम्राज्य को अगले सौ साल के लिए प्रमुख शक्ति के रूप में बनाया रखा गया था। पहले छह सम्राट, जिन्होंने दोनों "विधि सम्मत" और "रेल्" शक्तियों का आनंद लिया, उन्हें आमतौर पर सिर्फ एक ही नाम से उल्लेख करते हैं, एक शीर्षक जो प्रत्येक महाराज द्वारा अपने परिग्रहण पर अपनाई जाती थी। अकबर ने कतिपय महत्वपूर्ण नीतियों को शुरू किया था, जैसे की धार्मिक उदारवाद (जज़िया कर का उन्मूलन), साम्राज्य के मामलों में हिन्दुओं को शामिल करना और राजनीतिक गठबंधन/हिन्दू राजपूत जाति के साथ विवाह, जो कि उनके वातावरण के लिए अभिनव थे।
प्रारम्भिक सुधार
अकबर ने अपने राज्य में कई सुधार किए थे। मुग़लकालीन शासन व्यवस्था में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। उसके समय में किए गए कुछ सुधार इस प्रकार से हैं-
- युद्ध में बन्दी बनाये गये व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को दास बनाने की परम्परा को तोड़ते हुए अकबर ने दास प्रथा पर 1562 ई. से पूर्णतः रोक लगा दी।
- प्रारंभ में अकबर ‘हरम दल’ के प्रभाव में था। इस दल के प्रमुख सदस्य- धाय माहम अनगा, जीजी अनगा, अदहम ख़ाँ, मुनअम ख़ाँ, शिहाबुद्दीन अहमद ख़ाँ थे। जब तक अकबर ने इस दल के प्रभाव में काम किया, तब तक के शासन को ‘पेटीकोट सरकार’ व ‘पर्दा शासन’ भी कहा जाता है।
- अगस्त, 1563 ई. में अकबर ने विभिन्न तीर्थ स्थलों पर लगने वाले ‘तीर्थ यात्रा कर’ की वसूली को बन्द करवा दिया।
- मार्च, 1564 ई. में अकबर ने ‘जज़िया कर’, जो ग़ैर-मुस्लिम जन से व्यक्ति कर के रूप में वसूला जाता था, को बन्द करवा दिया।
- 1571 ई. में अकबर ने फ़तेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया।
- 1583 ई. में अकबर ने एक नया कैलेण्डर 'इलाही संवत' जारी किया।
- अकबर ने सती प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया, विधवा विवाह को प्रोत्साहित किया।
- लड़कों के विवाह की न्यूनतम आयु 16 वर्ष तथा लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित की गई।
महत्त्वपूर्ण कार्य
वर्ष | कार्य |
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1562 ई. | दास प्रथा का अन्त |
1562 ई. | अकबर की ‘हरमदल’ से मुक्ति |
1563 ई. | तीर्थ यात्रा कर समाप्त |
1564 ई. | जज़िया कर समाप्त |
1565 ई. | धर्म परिवर्तन पर पाबंदी |
1571 ई. | फ़तेहपुर सीकरी की स्थापना |
1571 ई. | राजधानी आगरा से फ़तेहपुर सीकरी स्थानान्तरित |
1575 ई. | इबादत खाने की स्थापना |
1578 ई. | इबादत खाने में सभी धर्मों का प्रवेश |
1579 ई. | ‘मज़हर’ की घोषणा |
1582 ई. | ‘दीन-ए-इलाही’ की घोषणा |
1582 ई. | सूर्य पूजा व अग्नि पूजा का प्रचलन कराया |
1583 ई. | इलाही संवत् की स्थापना |
अकबर के प्रारम्भिक सुधार |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख