"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 412": अवतरणों में अंतर
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{धर्मशास्त्रों में [[ | {धर्मशास्त्रों में [[वैशाख]] ([[अप्रैल]]-[[मई]]) माह में कौन-से धार्मिक अनुष्ठान तथा पवित्र समझी जाने वाली प्रतिज्ञा की अत्यधिक सराहना की गई है? | ||
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-गरीबों को भिक्षा देना। | -गरीबों को भिक्षा देना। | ||
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-विद्वान [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को कम्बल देना। | -विद्वान [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को कम्बल देना। | ||
-मन्नत पूर्ण होने पर छोटे-छोटे मंदिर बनवाना। | -मन्नत पूर्ण होने पर छोटे-छोटे मंदिर बनवाना। | ||
||'वैशाख' भारतीय काल गणना के अनुसार [[हिन्दू]] [[वर्ष]] का दूसरा [[माह]] है। इस मास के कुछ महत्त्वपूर्ण [[व्रत]], जैसे [[अक्षय तृतीया]] आदि होते हैं। [[अक्षय तृतीया]] व्रतानुष्ठान पर्व [[वैशाख]] के [[शुक्ल पक्ष]] की तृतीया को मनाया जाता है। [[पद्म पुराण]] का कथन है कि वैशाख मास में प्रात: स्नान का महत्त्व [[अश्वमेध यज्ञ]] के समान है। इसके अनुसार [[शुक्ल पक्ष]] की [[सप्तमी]] को [[गंगा]] का पूजन करना चाहिए। वैशाख शुक्ल [[सप्तमी]] को [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] का जन्म हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वैशाख]] | |||
{'केशव', 'नारायण' और 'माधव' रूप किससे उत्पन्न हैं? | {'केशव', 'नारायण' और 'माधव' रूप किससे उत्पन्न हैं? | ||
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-[[प्रद्युम्न]] | -[[प्रद्युम्न]] | ||
-[[अनिरुद्ध]] | -[[अनिरुद्ध]] | ||
||[[चित्र:Vishnu-1.jpg|border|80px|right|विष्णु]]'विष्णु' [[हिन्दू धर्म]] के अनुसार परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। [[पुराण|पुराणों]] में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है। त्रिमूर्ति के अन्य दो भगवान [[शिव]] और [[ब्रह्मा]] को माना गया है। जहाँ ब्रह्मा को विश्व का सृजन करने वाला माना गया है, वहीं शिव को संहारक माना गया है। सम्पूर्ण जीवों के आश्रय होने के कारण [[विष्णु|भगवान श्रीविष्णु]] ही नारायण कहे जाते हैं। सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्रीविष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व विष्णु की शक्ति से ही संचालित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विष्णु]] | |||
{हिंसा का विरोध करने तथा [[धर्म]] का उपदेश देने के लिए ईश्वर ने कौन-सा [[अवतार]] लिया था? | {हिंसा का विरोध करने तथा [[धर्म]] का उपदेश देने के लिए ईश्वर ने कौन-सा [[अवतार]] लिया था? | ||
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-[[वामन अवतार|वामन]] | -[[वामन अवतार|वामन]] | ||
-[[नृसिंह अवतार|नृसिंह]] | -[[नृसिंह अवतार|नृसिंह]] | ||
||[[चित्र:Buddha-3.jpg|border|80px|right|बुद्ध]]'बुद्ध' संसार प्रसिद्ध [[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक माने जाते हैं। बौद्ध धर्म [[भारत]] की श्रमण परम्परा से निकला [[धर्म]] और [[दर्शन]] है। आज बौद्ध धर्म सारे संसार के चार बड़े धर्मों में से एक है। इसके अनुयायियों की संख्या दिन-प्रतिदिन आज भी बढ़ रही है। इस धर्म के संस्थापक [[बुद्ध]] राजा शुद्धोदन के पुत्र थे और इनका जन्म स्थान [[लुम्बिनी]] नामक ग्राम था। वे छठवीं से पाँचवीं शताब्दी ईसा पूर्व तक जीवित थे। उनके गुज़रने के बाद अगली पाँच शताब्दियों में बौद्ध धर्म पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैल गया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बुद्ध]] | |||
{कौन-सी नदियाँ [[अगस्त्य|ऋषि अगस्त्य]] की पत्नी [[लोपामुद्रा]] का संदेश [[गोदावरी नदी]] को देती हैं? | {कौन-सी नदियाँ [[अगस्त्य|ऋषि अगस्त्य]] की पत्नी [[लोपामुद्रा]] का संदेश [[गोदावरी नदी]] को देती हैं? | ||
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-[[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और [[ताप्ती नदी|ताप्ती]] | -[[नर्मदा नदी|नर्मदा]] और [[ताप्ती नदी|ताप्ती]] | ||
+[[तमसा नदी|तमसा]] और मुरला | +[[तमसा नदी|तमसा]] और [[मुरला नदी|मुरला]] | ||
-[[गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] | -[[गंगा]] और [[यमुना नदी|यमुना]] | ||
-[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[कावेरी नदी|कावेरी]] | -[[कृष्णा नदी|कृष्णा]] और [[कावेरी नदी|कावेरी]] | ||
||'तमसा' [[रामायण]] की एक प्रसिद्ध नदी का नाम है, जिसे आजकल ‘टौंस’ कहते हैं। '[[बाल काण्ड वा. रा.|रामायण बालकांड]]' के अनुसार यहां [[वाल्मीकि]] का आश्रम था। [[प्रयाग]] से [[चित्रकूट]] जाते समय [[राम|श्रीरामचंद्र जी]] यहां आए थे। [[तमसा नदी]] के तट पर ही [[वाल्मीकि]] ने [[निषाद]] द्वारा मारे जाते हुए क्रोंच को देखकर करुणार्द्र स्वरों में अनजाने में ही [[संस्कृत]] लोकिक साहित्य के प्रथम [[श्लोक]] की रचना की थी, जिससे [[रामायण]] की कथा का सूत्रपात हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमसा नदी]], [[मुरला नदी]] | |||
{[[गोदावरी नदी|गोदावरी]] के तट पर प्रसिद्ध [[पंचवटी]] के चारों ओर कौन-सी [[पर्वतमाला]] स्थित है? | {[[गोदावरी नदी|गोदावरी]] के तट पर प्रसिद्ध [[पंचवटी]] के चारों ओर कौन-सी [[पर्वतमाला]] स्थित है? | ||
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-प्रश्रवण | -प्रश्रवण | ||
-[[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य]] | -[[विंध्य पर्वतमाला|विंध्य]] | ||
||[[चित्र:Godavari-River.jpg|border|100px|right|गोदावरी नदी]]'गोदावरी नदी' [[भारत]] की प्रसिद्ध नदी है। यह नदी [[दक्षिण भारत]] में [[पश्चिमी घाट पर्वत श्रेणी|पश्चिमी घाट]] से लेकर [[पूर्वी घाट पर्वत श्रेणी|पूर्वी घाट]] तक प्रवाहित होती है। [[गोदावरी नदी]] की लंबाई लगभग 900 मील है। यह नदी [[नासिक]] त्रयंबक गाँव की पृष्ठवर्ती पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है। मुख्य रूप से नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर है। ऊपरी हिस्से में नदी की चौड़ाई एक से दो मील तक है, जिसके बीच-बीच में बालू की भित्तिकाएँ हैं। [[समुद्र]] में मिलने से 60 मील पहले ही नदी बहुत ही सँकरी उच्च दीवारों के बीच से बहती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गोदावरी नदी]] | |||
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06:47, 27 जनवरी 2020 के समय का अवतरण
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश
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