"बुर्गुला रामकृष्ण राव": अवतरणों में अंतर
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===कॅरियर=== | ===कॅरियर=== | ||
बुर्गुला रामकृष्ण राव 'हैदराबाद सामाजिक सम्मेलन' के सचिव रहे तथा 'हैदराबाद सुधार समिति' एवं 'हैदराबाद राजनैतिक सम्मेलन' के सदस्य रहे। [[1938]] में उन्हें राज्य कांग्रेस का कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। [[1937]] में वे प्यूपिल्स कन्वेंशन के सचिव निर्वाचित हुए। वे तीन वर्षो तक [[आन्ध्र प्रदेश]] [[कांग्रेस]] के अध्यक्ष रहे। उन्होंने ‘[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]’ में सक्रिय भाग लिया और कई बार जेल गये। आन्ध्र प्रदेश सरकार में वे [[1950]]-[[1952]] तक राजस्व एवं शिक्षामंत्री रहे। [[1952]]-[[1956]] तक वे हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री रहे। | बुर्गुला रामकृष्ण राव 'हैदराबाद सामाजिक सम्मेलन' के सचिव रहे तथा 'हैदराबाद सुधार समिति' एवं 'हैदराबाद राजनैतिक सम्मेलन' के सदस्य रहे। [[1938]] में उन्हें राज्य कांग्रेस का कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। [[1937]] में वे प्यूपिल्स कन्वेंशन के सचिव निर्वाचित हुए। वे तीन [[वर्ष|वर्षो]] तक [[आन्ध्र प्रदेश]] [[कांग्रेस]] के अध्यक्ष रहे। उन्होंने ‘[[भारत छोड़ो आन्दोलन]]’ में सक्रिय भाग लिया और कई बार जेल गये। आन्ध्र प्रदेश सरकार में वे [[1950]]-[[1952]] तक राजस्व एवं शिक्षामंत्री रहे। [[1952]]-[[1956]] तक वे हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री रहे। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
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बुर्गुला रामकृष्ण राव
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पूरा नाम | बुर्गुला कृष्ण राव |
जन्म | 13 मार्च, 1899 |
जन्म भूमि | महबूबनगर, आंध्र प्रदेश |
मृत्यु | 15 सितम्बर, 1967 |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | कांग्रेस |
पद | राज्यपाल (उत्तर प्रदेश, केरल); मुख्यमंत्री, (हैदराबाद राज्य) |
कार्य काल | 1 जुलाई, 1960 से 15 अप्रैल 1962 तक |
विद्यालय | फर्ग्यूसन कॉलेज, पूना तथा मुंबई विश्वविद्यालय |
विशेष योगदान | बुर्गुला रामकृष्ण राव ने ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में सक्रिय भाग लिया और कई बार जेल गये। |
संबंधित लेख | मुख्यमंत्री, राज्यपाल |
अन्य जानकारी | बुर्गुला रामकृष्ण राव 'हैदराबाद सामाजिक सम्मेलन' के सचिव रहे तथा 'हैदराबाद सुधार समिति' एवं 'हैदराबाद राजनैतिक सम्मेलन' के सदस्य रहे। |
अद्यतन | 17:05, 18 अक्टूबर 2016 (IST)
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बुर्गुला रामकृष्ण राव (अंग्रेज़ी: Burgula Ramakrishna Rao, जन्म-13 मार्च, 1899, महबूबनगर, आंध्र प्रदेश; मृत्यु- 15 सितम्बर, 1967) आंध्र प्रदेश के राजनैतिक नेता थे। वे 6 मार्च, 1952 से 31 अक्टूबर, 1956 तक हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री रहे।[1]
शिक्षा
इन्होंने 1923 में पूना के फर्ग्यूसन कॉलेज और मुंबई विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। 1924 में उन्होंने हैदराबाद में वकालत शुरू की।
कॅरियर
बुर्गुला रामकृष्ण राव 'हैदराबाद सामाजिक सम्मेलन' के सचिव रहे तथा 'हैदराबाद सुधार समिति' एवं 'हैदराबाद राजनैतिक सम्मेलन' के सदस्य रहे। 1938 में उन्हें राज्य कांग्रेस का कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। 1937 में वे प्यूपिल्स कन्वेंशन के सचिव निर्वाचित हुए। वे तीन वर्षो तक आन्ध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्होंने ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में सक्रिय भाग लिया और कई बार जेल गये। आन्ध्र प्रदेश सरकार में वे 1950-1952 तक राजस्व एवं शिक्षामंत्री रहे। 1952-1956 तक वे हैदराबाद राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
राज्यपाल
1956 में उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वे इस पद पर 1960 तक रहे, उसके बाद 1 जुलाई, 1960 को उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वे इस पद पर 15 अप्रैल 1962 तक कार्यरत रहे।
निधन
डॉ.बुर्गुला कृष्ण राव की निधन 15 सितम्बर, 1967 को हुआ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ डॉ. बारागुला रामाकृष्णा राव (हिंदी) upgovernor.gov.in। अभिगमन तिथि: 05 अक्टूबर, 2016।
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |