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राष्ट्रीय परीक्षण सेवा संक्षिप्त नाम- एनटीएस; (अंग्रेज़ी: National Testing Service) केन्द्रीय भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर की एक योजना है, जो 2006-2007 में शुरू की गयी थी। इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2006-2007 के दौरान अनुमोदित किया गया था।
उद्देश्य
राष्ट्रीय परीक्षण सेवा के उद्देश्य निम्नानुसार हैं-
- शुरुआत में तीन भारतीय भाषाओं अर्थात हिन्दी, उर्दू और तमिल में परीक्षण और मूल्यांकन के मूल सिद्धांतों को शामिल करके भारतीय भाषाओं के लिए एक विस्तृत पैकेज का विकास करना।
- पाठ्यक्रमों के स्तरों पर अंतर-भाषा तुलनीयता के लिए मानदण्ड और मानक तैयार करना।
- प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक, स्नातक, स्नातकोत्तर और अनुसंधान (टीओईएफएल और जीआरई की तरह) शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर कम से कम एक मुख्य भारतीय भाषा में मानकीकृत परीक्षणों का कम से कम एक सेट उपलब्ध कराना।
- शिक्षा के प्रत्येक स्तर में विभिन्न भाषाओं में श्रेणीबद्ध पाठ्यक्रमों को विकसित करने और व्यक्तित्व परीक्षण और अधिक वैज्ञानिक पद्धति में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए शैक्षिक और वित्तीय सहायता देना।
- कम से कम एक मुख्य भारतीय भाषा में परीक्षण और मूल्यांकन के संबंध में शिक्षण मॉड्यूल विकसित करना।
- शिक्षकों, शिक्षुओं और विशेषीकृत कार्यबल को शामिल करके अपेक्षित डाटा एकत्रित करना और उसे प्रलेखबद्ध करना।
- विश्वविद्यालय पूर्व, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तरों पर लगभग 2000 अलग-अलग व्यक्तियों को शामिल करके सुव्यवस्थित रूप से प्रशिक्षित जनशक्ति संसाधन के एक समूह का सृजन करना।
- राष्ट्रीय परीक्षण सेवा के तत्काल लाभार्थियों में राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग आदि एजेंसियां और राज्य स्तर पर ऐसी ही संस्थाएं, केन्द्रीय/राज्य शिक्षा बोर्ड, विश्वविद्यालय/कॉलेज/स्कूल, शिक्षक और भाषाओं के शिक्षु आदि शामिल होंगे।
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