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||[[चित्र:A-Veiw-Of-Darjeeling.jpg|border|right|100px|दार्जिलिंग]]'दार्जिलिंग' [[पश्चिम बंगाल]] का सुदूर उत्तरी हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर [[भारत]] में [[कोलकाता]] से 491 किलोमीटर [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]] में स्थित है। [[दर्जिलिंग]] शहर क़रीब 2,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। दार्जिलिंग, तिब्बती शब्द 'दोर्जी' से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है- 'अनमोल पत्थर'। धार्मिक दृष्टि से 'दोर्जी' का अर्थ है- 'इन्द्र देवता का बज्र'। इसलिये इसे 'थण्डा बोल्ट' भी कहा जाता है। दार्जिलिंग ज़िले का दूसरा महकमा खरसांग (कर्सियांग) है जो कभी 'सफ़ेद आर्किड' एक प्रकार का फूल जिसका स्थानीय नाम सुनखरी के लिए प्रसिद्ध है। [[दार्जिलिंग]] की यात्रा का एक ख़ास आकर्षण हरे भरे [[चाय]] के बागान हैं। कई देशों में निर्यात होने वाली दार्जिलिंग की चाय सबको खूब भाती है।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दार्जिलिंग]]
||[[चित्र:A-Veiw-Of-Darjeeling.jpg|border|right|100px|दार्जिलिंग]]'दार्जिलिंग' [[पश्चिम बंगाल]] का सुदूर उत्तरी हिस्सा है, जो पूर्वोत्तर [[भारत]] में [[कोलकाता]] से 491 किलोमीटर [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]] में स्थित है। [[दार्जिलिंग]] शहर क़रीब 2,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। दार्जिलिंग, तिब्बती शब्द 'दोर्जी' से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है- 'अनमोल पत्थर'। धार्मिक दृष्टि से 'दोर्जी' का अर्थ है- 'इन्द्र देवता का बज्र'। इसलिये इसे 'थण्डा बोल्ट' भी कहा जाता है। दार्जिलिंग ज़िले का दूसरा महकमा खरसांग (कर्सियांग) है जो कभी 'सफ़ेद आर्किड' एक प्रकार का फूल जिसका स्थानीय नाम सुनखरी के लिए प्रसिद्ध है। [[दार्जिलिंग]] की यात्रा का एक ख़ास आकर्षण हरे भरे [[चाय]] के बागान हैं। कई देशों में निर्यात होने वाली दार्जिलिंग की चाय सबको खूब भाती है।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[दार्जिलिंग]]
-[[उटकमंड]]
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-[[शिलांग]]
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