"कोवलम तट तिरुअनंतपुरम": अवतरणों में अंतर
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तिरुअनंतपुरम की यात्रा कोवलम बीच देखे बिना अधूरी है। यह शहर से 16 कि.मी. दक्षिण की ओर स्थित है। कोवलम अपने आप में संपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह [[भारत]] के उन गिने-चुने सागर तटों में से एक है जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर पहचान रखते हैं। कोवलम समुद्र तट की सुंदरता किसी को बांध लेने में सक्षम है। [[चित्र:Kovalam.jpg|left|250px|thumb|कोवलम, [[केरल]]<br /> Kovalam, Kerala]] छोटी सी खाड़ी के समान रेतीला तट, बलखाती समुद्री लहरें, कतार से लगी छतरियों के नीचे विश्राम करते सैलानी, तट के छोर पर नज़र आता लाइट हाउस, पीछे की ओर लहराते ताड़ के वृक्षों के झुरमुट, छोटे-छोटे सफ़ेद बादलों से | तिरुअनंतपुरम की यात्रा कोवलम बीच देखे बिना अधूरी है। यह शहर से 16 कि.मी. दक्षिण की ओर स्थित है। कोवलम अपने आप में संपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह [[भारत]] के उन गिने-चुने सागर तटों में से एक है जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर पहचान रखते हैं। कोवलम समुद्र तट की सुंदरता किसी को बांध लेने में सक्षम है। [[चित्र:Kovalam.jpg|left|250px|thumb|कोवलम, [[केरल]]<br /> Kovalam, Kerala]] छोटी सी खाड़ी के समान रेतीला तट, बलखाती समुद्री लहरें, कतार से लगी छतरियों के नीचे विश्राम करते सैलानी, तट के छोर पर नज़र आता लाइट हाउस, पीछे की ओर लहराते ताड़ के वृक्षों के झुरमुट, छोटे-छोटे सफ़ेद बादलों से सज़ा नीला आसमान-सब कुछ एक मुक़म्मल तस्वीर जैसा लगता है। समुद्री हवाओं के झोंके और लहरों का जबरदस्त शोर कुछ पल में ही एहसास करा देता है कि हम कोई तस्वीर नहीं बल्कि वास्तविक दृश्य देख रहे हैं। वास्तव में कोवलम बीच संसार के सुंदरतम समुद्र तटों में से एक है। शाम के समय तो एक अलग ही दृश्य नज़र आता है, जब सनसेट पॉइंट पर खड़े लोग समुद्र में समाते सूर्य को देखते हैं। | ||
====<u>अर्द्धचंद्राकार खाड़ियाँ</u>==== | ====<u>अर्द्धचंद्राकार खाड़ियाँ</u>==== | ||
यह मनमोहक तट तीन छोटी-छोटी अर्द्धचंद्राकार खाड़ियों के रूप में विभाजित है, जिनके किनारों पर छोटे-छोटे चट्टानी टीले स्थित हैं। दक्षिणी छोर के ऊँचे टीले पर एक लाइट हाउस है। यहाँ पर अधिकतर विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है। ठंडे देशों से आए इन लोगों को कोवलम का उन्मुक्त वातावरण बहुत रास आता है। कोवलम तट पर सुबह के समय मछुआरों की गतिविधियाँ भी देखने को मिलती हैं। पहले यह मछुआरों का छोटा सा गाँव होता था। | यह मनमोहक तट तीन छोटी-छोटी अर्द्धचंद्राकार खाड़ियों के रूप में विभाजित है, जिनके किनारों पर छोटे-छोटे चट्टानी टीले स्थित हैं। दक्षिणी छोर के ऊँचे टीले पर एक लाइट हाउस है। यहाँ पर अधिकतर विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है। ठंडे देशों से आए इन लोगों को कोवलम का उन्मुक्त वातावरण बहुत रास आता है। कोवलम तट पर सुबह के समय मछुआरों की गतिविधियाँ भी देखने को मिलती हैं। पहले यह मछुआरों का छोटा सा गाँव होता था। |
07:19, 3 मार्च 2011 का अवतरण
तिरुअनंतपुरम | तिरुअनंतपुरम पर्यटन | तिरुअनंतपुरम ज़िला |
- केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में कई पर्यटन स्थल हैं जिनमें से एक कोवलम तट हैं।
- कोवलम का समुद्र तट, तिरुअनंतपुरम का सबसे महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
- रेतीले तटों पर नारियल के पेड़ों और ख़ूबसूरत लैगून से सजे ये बीच पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- कोवलम बीच के पास तीन और तट भी हैं जिनमें से दक्षिणतम छोर पर स्थित लाइट हाउस बीच सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
- यह विश्व के सबसे अच्छे तटों में से एक है।[1]
- यहाँ सूर्य की किरणों के बदलते कोणों के साथ ही पानी रंग बदलता सा लगता है। इसे देखना भी एक अलग अनुभव है।
विशेषता
तिरुअनंतपुरम की यात्रा कोवलम बीच देखे बिना अधूरी है। यह शहर से 16 कि.मी. दक्षिण की ओर स्थित है। कोवलम अपने आप में संपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह भारत के उन गिने-चुने सागर तटों में से एक है जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर पहचान रखते हैं। कोवलम समुद्र तट की सुंदरता किसी को बांध लेने में सक्षम है।
छोटी सी खाड़ी के समान रेतीला तट, बलखाती समुद्री लहरें, कतार से लगी छतरियों के नीचे विश्राम करते सैलानी, तट के छोर पर नज़र आता लाइट हाउस, पीछे की ओर लहराते ताड़ के वृक्षों के झुरमुट, छोटे-छोटे सफ़ेद बादलों से सज़ा नीला आसमान-सब कुछ एक मुक़म्मल तस्वीर जैसा लगता है। समुद्री हवाओं के झोंके और लहरों का जबरदस्त शोर कुछ पल में ही एहसास करा देता है कि हम कोई तस्वीर नहीं बल्कि वास्तविक दृश्य देख रहे हैं। वास्तव में कोवलम बीच संसार के सुंदरतम समुद्र तटों में से एक है। शाम के समय तो एक अलग ही दृश्य नज़र आता है, जब सनसेट पॉइंट पर खड़े लोग समुद्र में समाते सूर्य को देखते हैं।
अर्द्धचंद्राकार खाड़ियाँ
यह मनमोहक तट तीन छोटी-छोटी अर्द्धचंद्राकार खाड़ियों के रूप में विभाजित है, जिनके किनारों पर छोटे-छोटे चट्टानी टीले स्थित हैं। दक्षिणी छोर के ऊँचे टीले पर एक लाइट हाउस है। यहाँ पर अधिकतर विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है। ठंडे देशों से आए इन लोगों को कोवलम का उन्मुक्त वातावरण बहुत रास आता है। कोवलम तट पर सुबह के समय मछुआरों की गतिविधियाँ भी देखने को मिलती हैं। पहले यह मछुआरों का छोटा सा गाँव होता था।
होटलों का निर्माण
पर्यटन आकर्षण के रूप में इसकी पहचान 1930 में हुई, 1930 के दशक में यहाँ हिप्पियों का हुजूम आने लगा, तब इसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली और यहाँ कई छोटे-बड़े होटलों का निर्माण हुआ था। आज यहाँ छोटे होटलों से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेसॉर्ट और रेस्टोरेंट भी हैं। यहाँ कई देशों के व्यंजन एवं सी फूड आसानी से मिलते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 21 अक्टूबर, 2010।
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