"गणेश स्तुति": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "लायक " to "लायक़ ")
पंक्ति 7: पंक्ति 7:


सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक़


मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |

12:18, 6 अप्रैल 2011 का अवतरण

गणेश

ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम् |
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम् ||

गाइये गणपति जगवंदन |
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

सिद्धी सदन गजवदन विनायक |
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक़ ॥

मोदक प्रिय मृद मंगल दाता |
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥

मांगत तुलसीदास कर जोरे |
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥

इन्हें भी देखें: गणेश, गणेश चालीसा, गणेश जी की आरती, गणेश जी की कथा एवं गणेश चतुर्थी

संबंधित लेख