"आरती संग्रह": अवतरणों में अंतर

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* [[गायत्री माता की आरती]]  
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* [[भैरव चालीसा]]
* [[संतोषी चालीसा]]
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* [[राम चालीसा]]  
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* [[गंगा चालीसा]]   
* [[गंगा चालीसा]]   
* [[गंगा माता जी की आरती]]   
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* [[भैरव जी की आरती]]
* [[साईं चालीसा]]
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* [[हनुमान बजरंग बाण]]
* [[हनुमान बजरंग बाण]]
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* [[बद्री नाथ जी की आरती]]   
* [[बद्री नाथ जी की आरती]]   
* [[केदार नाथ जी की आरती]]  
* [[केदार नाथ जी की आरती]]  
* [[युगलकिशोर जी की आरती]]
* [[श्याम चालीसा]]
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* [[संकटमोचन हनुमानाष्टक]]
* [[संकटमोचन हनुमानाष्टक]]
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* [[अन्नपूर्णा देवी की आरती]]
* [[अन्नपूर्णा देवी की आरती]]
* [[विन्ध्येश्वरी माता की आरती]]
* [[विन्ध्येश्वरी माता की आरती]]
* [[वैष्णो माता की आरती]]
* [[शीतला चालीसा]]
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09:50, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण

पूजा के अंत में हम सभी भगवान की आरती करते हैं। आरती पूजन के अन्त में इष्टदेवता की प्रसन्नता के हेतु की जाती है। इसमें इष्टदेव को दीपक दिखाने के साथ उनका स्तवन तथा गुणगान किया जाता है। यह एक देवता के गुणों की प्रशंसा गीत है। आरती आम तौर पर एक पूजा या भजन सत्र के अंत में किया जाता है। यह पूजा समारोह के एक भाग के रूप में गाया जाता है।

चालीसा एवं आरती संग्रह


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