शिल्पी गोयल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
{[[अशोक]] का सबसे छोटा स्तम्भ कौन सा है? | {[[अशोक]] का सबसे छोटा स्तम्भ कौन सा है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +रुम्मिनदेई | ||
-मास्की | -मास्की | ||
-निगलीवा | -निगलीवा | ||
पंक्ति 42: | पंक्ति 42: | ||
-पाणिनि की अष्टाध्यायी | -पाणिनि की अष्टाध्यायी | ||
-बृहत्कथामंजरी | -बृहत्कथामंजरी | ||
|| [[भारत]] में धार्मिक ग्रन्थों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह [[हिन्दू धर्म]] ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक ग्रन्थ है। अर्थशास्त्र ग्रन्थ के रचनाकार कौटिल्य हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[अर्थशास्त्र]] | || [[भारत]] में धार्मिक ग्रन्थों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह [[हिन्दू धर्म]] ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक ग्रन्थ है। अर्थशास्त्र ग्रन्थ के रचनाकार [[कौटिल्य]] हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[अर्थशास्त्र]] | ||
{[[अशोक]] का सबसे लम्बा स्तम्भ लेख निम्न में से कौन सा था? | {[[अशोक]] का सबसे लम्बा स्तम्भ लेख निम्न में से कौन सा था? | ||
पंक्ति 54: | पंक्ति 54: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गुप्तचर | -गुप्तचर | ||
+गूढ़ | +गूढ़ पुरुष | ||
-संस्था एवं संचार | -संस्था एवं संचार | ||
-खोजी | -खोजी | ||
पंक्ति 73: | पंक्ति 73: | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
{[[सातवाहन|सातवाहनों]] ने आरम्भिक दिनों में अपना शासन कहाँ शुरू किया? | {[[सातवाहन|सातवाहनों]] ने आरम्भिक दिनों में अपना शासन कहाँ से शुरू किया? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[महाराष्ट्र]] | +[[महाराष्ट्र]] | ||
पंक्ति 79: | पंक्ति 79: | ||
-प्रतिष्ठान | -प्रतिष्ठान | ||
-[[आन्ध्र प्रदेश]] | -[[आन्ध्र प्रदेश]] | ||
||महाराष्ट्र प्राचीन 16 महाजनपदों में अश्मक या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आसपास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक]] के शिलालेख भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे जो महाराष्ट्र राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[महाराष्ट्र]] | ||महाराष्ट्र प्राचीन 16 महाजनपदों में अश्मक या अस्सक का स्थान आधुनिक [[अहमदनगर]] के आसपास का माना जाता है। सम्राट [[अशोक]] के शिलालेख भी [[मुंबई]] के निकट पाए गए हैं। [[महाराष्ट्र]] के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. 230 से 225 ई.) थे जो महाराष्ट्र राज्य के संस्थापक थे। उन्होंने अपने पीछे बहुत से साहित्यिक, कलात्मक तथा पुरातात्विक प्रमाण छोड़े हैं। उनके शासनकाल में मानव जीवन के हर क्षेत्र में भरपूर प्रगति हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[महाराष्ट्र]] | ||
{[[सातवाहन वंश]] का संस्थापक कौन था? | {[[सातवाहन वंश]] का संस्थापक कौन था? | ||
पंक्ति 102: | पंक्ति 95: | ||
-सुशर्मा | -सुशर्मा | ||
-नारायण | -नारायण | ||
{[[अशोक]] द्वारा निर्मित [[सांची]] के [[स्तूप]] का आकार किस वंश के शासकों ने दुगुना करवाया? | {[[अशोक]] द्वारा निर्मित [[सांची]] के [[स्तूप]] का आकार किस वंश के शासकों ने दुगुना करवाया? | ||
पंक्ति 129: | पंक्ति 115: | ||
-[[यवन]] राजा [[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] द्वारा | -[[यवन]] राजा [[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] द्वारा | ||
-[[पहलव]] राजा गोन्दोफिर्नस द्वारा | -[[पहलव]] राजा गोन्दोफिर्नस द्वारा | ||
+[[शक]] राजा | +[[शक]] राजा रुद्रदामन द्वारा | ||
-[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा | -[[कुषाण]] राजा [[कनिष्क]] द्वारा | ||
पंक्ति 135: | पंक्ति 121: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] | -[[मिलिंद (मिनांडर)|मिनाण्डर]] | ||
- | -रुद्रदामन | ||
+गोन्दोफिर्नस | +गोन्दोफिर्नस | ||
-[[कनिष्क]] | -[[कनिष्क]] | ||
पंक्ति 157: | पंक्ति 143: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[कुषाण|कुषाणों]] ने | +[[कुषाण|कुषाणों]] ने | ||
-हिन्द- | -हिन्द-यवनों ने | ||
-ईरानियों ने | -ईरानियों ने | ||
-[[शक|शकों]] ने | -[[शक|शकों]] ने | ||
पंक्ति 191: | पंक्ति 177: | ||
-[[गुप्त वंश|गुप्तों]] का | -[[गुप्त वंश|गुप्तों]] का | ||
||युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम का कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[कुषाण]] | ||युइशि लोगों के पाँच राज्यों में अन्यतम का कुएई-शुआंगा था। 25 ई. पू. के लगभग इस राज्य का स्वामी कुषाण नाम का वीर पुरुष हुआ, जिसके शासन में इस राज्य की बहुत उन्नति हुई। उसने धीरे-धीरे अन्य युइशि राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-: [[कुषाण]] | ||
{किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी? | {किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी? | ||
पंक्ति 206: | पंक्ति 191: | ||
-[[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के | -[[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के | ||
-[[चाँदी]] के सिक्के | -[[चाँदी]] के सिक्के | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
13:09, 14 मार्च 2011 का अवतरण
इतिहास
|