"गौड़": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
09:02, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- गौड़ प्राचीन लखनौती बंगाल का मध्ययुगीन नाम था।
- कहा जाता है कि इस प्रदेश से प्रचुर मात्रा में गुड़ का निर्यात होने के कारण इसे गौड़ कहा जाता था।
- बाणभट्ट के हर्षचरित में गौड़ के नरेश शशांक का उल्लेख है।
- नवीं-दसवीं शताब्दी में उस स्थान पर पाल राजाओं का आधिपत्य था।
- सेन वंश के शासनकाल (12वीं शताब्दी) में बंगाल की राजधानी लखनौती थी।
- मुग़ल में हुमायूँ ने बंगाल की राजधानी गौड़ पर कुछ वर्षों के लिए अधिकार कर लिया था, परंतु अफ़गानों ने तुरंत ही उसे वहाँ से बाहर निकाल दिया।
- सन 1576 ई. में दो वर्ष के संघर्षपूर्ण घटना-चक्र के पश्चात बंगाल मुग़ल साम्राज्य का एक सूबा बना दिया गया।
- गौड़ में समय-समय पर कई इमारतों का निर्माण हुआ, जिनमें हिन्दू मन्दिर एवं मस्जिदें हैं।
- इस मध्ययुगीन नगर के अब केवल खण्डहर ही शेष हैं।
- बंगाल की साहित्यिक अनुश्रुतियों के अनुसार गौड़ अथवा लक्षणावती का राजा आदिसूर था।
|
|
|
|
|