"चन्दवार": अवतरणों में अंतर
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*[[उत्तर प्रदेश]] में [[कन्नौज]] और [[इटावा]] के मध्य चन्दवार स्थित है। | *[[उत्तर प्रदेश]] में [[कन्नौज]] और [[इटावा]] के मध्य चन्दवार स्थित है। | ||
*यहाँ कन्नौज नरेश [[जयचन्द्र]] और [[मुहम्मद ग़ोरी]] की सेनाओं के बीच | *यहाँ कन्नौज नरेश [[जयचन्द्र]] और [[मुहम्मद ग़ोरी]] की सेनाओं के बीच सन् 1194 ई. में घमासान युद्ध हुआ था, जिसमें जयचन्द मारा गया और राजपूतों की पराजय हुई। | ||
*ग़ोरी ने आगे बढ़कर [[बनारस]] को लूटा और जयचन्द के राज्य के सभी पाँच प्रमुख ठिकानों पर अधिकार कर लिया। लेकिन कन्नौज पर अधिकार न कर सका। | *ग़ोरी ने आगे बढ़कर [[बनारस]] को लूटा और जयचन्द के राज्य के सभी पाँच प्रमुख ठिकानों पर अधिकार कर लिया। लेकिन कन्नौज पर अधिकार न कर सका। | ||
*इस युद्ध का यह प्रभाव हुआ कि [[भारत]] में साम्राज्य संस्थापन का ग़ोरी का संकल्प पूरा होना सुनिश्चित हो गया। | *इस युद्ध का यह प्रभाव हुआ कि [[भारत]] में साम्राज्य संस्थापन का ग़ोरी का संकल्प पूरा होना सुनिश्चित हो गया। |
14:06, 6 मार्च 2012 का अवतरण
- उत्तर प्रदेश में कन्नौज और इटावा के मध्य चन्दवार स्थित है।
- यहाँ कन्नौज नरेश जयचन्द्र और मुहम्मद ग़ोरी की सेनाओं के बीच सन् 1194 ई. में घमासान युद्ध हुआ था, जिसमें जयचन्द मारा गया और राजपूतों की पराजय हुई।
- ग़ोरी ने आगे बढ़कर बनारस को लूटा और जयचन्द के राज्य के सभी पाँच प्रमुख ठिकानों पर अधिकार कर लिया। लेकिन कन्नौज पर अधिकार न कर सका।
- इस युद्ध का यह प्रभाव हुआ कि भारत में साम्राज्य संस्थापन का ग़ोरी का संकल्प पूरा होना सुनिश्चित हो गया।
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