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05:52, 2 अप्रैल 2011 का अवतरण
- ख़ान ए ख़ाना के नाम से प्रसिद्ध यह मक़बरा अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना का है, जो मुग़ल बादशाह अकबर एवं जहाँगीर के शासनकाल के प्रतिभाशाली एवं प्रसिद्ध दरबारी थे।
- अब्दुर्रहीम खानखाना कई भाषाओं के ज्ञाता थे एवं रहीम के नाम से रचित उनके दोहे हिन्दी साहित्य में बिशिष्ट स्थान रखते हैं।
- ख़ान ए ख़ाना मक़बरे का निर्माण अब्दुर्रहीम खानखाना के द्वारा अपनी बेगम की याद में करवाया गया था, जिनकी मृत्यु 1598 ई. में हो गयी थी। बाद में स्वयं अब्दुर रहीम को 1627 ई. में उनके मृत्यु के पश्चात् इसी मक़बरे में दफनाया गया।
- रहीम की क़ब्र स्मारक के केन्दीय कक्ष में स्थित है।
- ख़ान ए ख़ाना मक़बरा योजना एवं वास्तुगत शैली में हुमायूँ के मक़बरे से काफ़ी समानता रखता है। यह पुर्वानुमान करना कठिन है कि यह मक़बरा भी हुमायूँ के मक़बरे की तरह चाहरदीवारी युक्त बगीचे के मध्य में स्थित रहा होगा यद्यपि वर्तमान में यह चारों तरफ से बगीचे से घिरा है।
- इसमें प्रयुक्त संगमरमर के पत्थर एवं अन्य बहुमूल्य पत्थरों को उत्तर मुग़ल काल में निकल लिया गया एवं उनका प्रयोग सफदरजंग के मक़बरे के निर्माण में किया गया।
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