"सत्यमेव जयते": अवतरणों में अंतर
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सत्यमेव जयते [[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है जिसका अर्थ सत्य की ही विजय होती है। यह वक्य [[देवनागरी लिपि]] में अंकित है। सत्यमेव जयते वाक्य [[मुण्डकोपनिषद]] के इस [[श्लोक]] से लिया गया है:- | '''सत्यमेव जयते''' [[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है जिसका अर्थ सत्य की ही विजय होती है। यह वक्य [[देवनागरी लिपि]] में अंकित है। सत्यमेव जयते वाक्य [[मुण्डकोपनिषद]] के इस [[श्लोक]] से लिया गया है:- | ||
<poem>सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पंथा विततो देवयानः। | <blockquote><poem>सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पंथा विततो देवयानः। | ||
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र सत्सत्यस्य परमं निधानम्॥<ref>मुण्डकोपनिषद् तृतीय मुण्डक श्लोक 6</ref> </poem> | येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र सत्सत्यस्य परमं निधानम्॥<ref>[[मुण्डकोपनिषद|मुण्डकोपनिषद्]] तृतीय मुण्डक श्लोक 6</ref></poem></blockquote> | ||
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12:09, 10 अक्टूबर 2011 का अवतरण
सत्यमेव जयते भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है जिसका अर्थ सत्य की ही विजय होती है। यह वक्य देवनागरी लिपि में अंकित है। सत्यमेव जयते वाक्य मुण्डकोपनिषद के इस श्लोक से लिया गया है:-
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पंथा विततो देवयानः।
येनाक्रमन्त्यृषयो ह्याप्तकामा यत्र सत्सत्यस्य परमं निधानम्॥[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मुण्डकोपनिषद् तृतीय मुण्डक श्लोक 6