"प्रयोग:लक्ष्मी3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 50: | पंक्ति 50: | ||
-ऐल्फा सेंटाराइ | -ऐल्फा सेंटाराइ | ||
+[[सूर्य तारा]] | +[[सूर्य तारा]] | ||
-[[चन्द्र | -[[चन्द्र ग्रह|चन्द्र तारा]] | ||
||[[चित्र:Sun-part.gif|सूर्य|100px|right]][[सूर्य]] या सूरज हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। वह हमें रोशनी और गर्मी देता है, जिससे यह धरती रहने के लिए एक सुखद और रौशन जगह बनती हैं। सूरज के बिना धरती बिल्कुल ठंडी और अंधेरी होती। यहाँ कोई पशु-पक्षी और पेड़-पौधे नहीं होते, क्योंकि पेड़-पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए सूरज के [[प्रकाश]] की जरूरत होती है। क्योंकि जानवर पौधे खाते हैं या दूसरे जानवरों को खाते हैं, जो कि पौधों पर ही निर्भर हैं। मतलब यह कि सूरज के बिना पौधे जिन्दा नहीं रह सकते और पौधों के बिना जानवर जी नहीं सकते।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]] | ||[[चित्र:Sun-part.gif|सूर्य|100px|right]][[सूर्य]] या सूरज हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। वह हमें रोशनी और गर्मी देता है, जिससे यह धरती रहने के लिए एक सुखद और रौशन जगह बनती हैं। सूरज के बिना धरती बिल्कुल ठंडी और अंधेरी होती। यहाँ कोई पशु-पक्षी और पेड़-पौधे नहीं होते, क्योंकि पेड़-पौधों को अपना भोजन बनाने के लिए सूरज के [[प्रकाश]] की जरूरत होती है। क्योंकि जानवर पौधे खाते हैं या दूसरे जानवरों को खाते हैं, जो कि पौधों पर ही निर्भर हैं। मतलब यह कि सूरज के बिना पौधे जिन्दा नहीं रह सकते और पौधों के बिना जानवर जी नहीं सकते।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]] | ||
पंक्ति 64: | पंक्ति 64: | ||
-[[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली]] | -[[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली]] | ||
-[[सतपुड़ा पर्वतश्रेणी|सतपुड़ा]] | -[[सतपुड़ा पर्वतश्रेणी|सतपुड़ा]] | ||
+[[अजंता]] | +[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] | ||
-[[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि पहाड़ी]] | -[[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि पहाड़ी]] | ||
||पहाड़ियों में निर्मित [[अजंता की गुफाएं]] [[बौद्ध धर्म]] द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्पकला और चित्रकला से ओतप्रोत है, जो मानवीय [[इतिहास]] में [[कला]] के उत्कृष्ट ज्ञान और अनमोल समय को दर्शाती हैं। [[बौद्ध]] तथा [[जैन धर्म]] सम्प्रदाय द्वारा बनाई गई ये गुफाएं सजावटी रूप से तराशी गई हैं। फिर भी इनमें एक शांति और अध्यात्म झलकता है तथा ये दैवीय ऊर्जा और शक्ति से भरपूर हैं। दूसरी शताब्दी डी. सी. में आरंभ करते हुए और छठवीं शताब्दी ए. डी. में जारी रखते हुए [[महाराष्ट्र]] में [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]] शहर से लगभग 107 किलो मीटर की दूरी पर अजंता की ये गुफाएं पहाड़ को काट कर विशाल घोड़े की नाल के आकार में बनाई गई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अजंता]] | ||पहाड़ियों में निर्मित [[अजंता की गुफाएं]] [[बौद्ध धर्म]] द्वारा प्रेरित और उनकी करुणामय भावनाओं से भरी हुई शिल्पकला और चित्रकला से ओतप्रोत है, जो मानवीय [[इतिहास]] में [[कला]] के उत्कृष्ट ज्ञान और अनमोल समय को दर्शाती हैं। [[बौद्ध]] तथा [[जैन धर्म]] सम्प्रदाय द्वारा बनाई गई ये गुफाएं सजावटी रूप से तराशी गई हैं। फिर भी इनमें एक शांति और अध्यात्म झलकता है तथा ये दैवीय ऊर्जा और शक्ति से भरपूर हैं। दूसरी शताब्दी डी. सी. में आरंभ करते हुए और छठवीं शताब्दी ए. डी. में जारी रखते हुए [[महाराष्ट्र]] में [[औरंगाबाद महाराष्ट्र|औरंगाबाद]] शहर से लगभग 107 किलो मीटर की दूरी पर अजंता की ये गुफाएं पहाड़ को काट कर विशाल घोड़े की नाल के आकार में बनाई गई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] | ||
{निम्नलिखित में से सबसे बड़ा [[ग्रह]] कौन-सा है? | {निम्नलिखित में से सबसे बड़ा [[ग्रह]] कौन-सा है? | ||
पंक्ति 95: | पंक्ति 95: | ||
+[[अरावली पर्वतमाला]] | +[[अरावली पर्वतमाला]] | ||
-[[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि]] | -[[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरि]] | ||
{[[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] ने [[भारत]] में अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ पर स्थापित की थी? | {[[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] ने [[भारत]] में अपनी प्रथम फैक्ट्री कहाँ पर स्थापित की थी? |
05:44, 20 मई 2011 का अवतरण
भूगोल
|