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'''जसहर चरिउ''' [[जैन साहित्य]] के महाकवि [[पुष्पदंत]] का ग्रंथ है।
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* महाकवि पुष्पदंत के दो आश्रयदाता थे। प्रथम [[राष्ट्रकूट वंश]] के [[कृष्ण तृतीय|महाराजाधिराज कृष्णराज (तृतीय)]] के महामात्य भरत और दूसरे महामात्य भरत के पुत्र नन्न, जो आगे चल कर महामात्य नन्न हुए। इन्हीं दोनों के प्रोत्साहन से महाकवि पुष्पदंत ने अनेक ग्रंथों की रचना की।
*जसहर चरिउ (यशोधर चरित्र) ग्रंथ नन्न की प्रेरणा से लिखा गया।  
* जसहर चरिउ (यशोधर चरित्र) ग्रंथ नन्न की प्रेरणा से लिखा गया।  
*इसमें चार संधियाँ हैं।  
*इसमें चार संधियाँ हैं।  
*इस ग्रंथ में यशोधर नामक पुरुष का चरित्र कहा गया है।  
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11:43, 4 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

जसहर चरिउ जैन साहित्य के महाकवि पुष्पदंत का ग्रंथ है।

  • महाकवि पुष्पदंत के दो आश्रयदाता थे। प्रथम राष्ट्रकूट वंश के महाराजाधिराज कृष्णराज (तृतीय) के महामात्य भरत और दूसरे महामात्य भरत के पुत्र नन्न, जो आगे चल कर महामात्य नन्न हुए। इन्हीं दोनों के प्रोत्साहन से महाकवि पुष्पदंत ने अनेक ग्रंथों की रचना की।
  • जसहर चरिउ (यशोधर चरित्र) ग्रंथ नन्न की प्रेरणा से लिखा गया।
  • इसमें चार संधियाँ हैं।
  • इस ग्रंथ में यशोधर नामक पुरुष का चरित्र कहा गया है।
  • यह एक खंड काव्य है और यह भी 'णाय कुमार चरिउ' के समान सुन्दर है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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