"सदर मंज़िल भोपाल": अवतरणों में अंतर
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'''सदर मंजिल''' [[मध्य प्रदेश]] के [[भोपाल]] शहर में [[शौकत महल भोपाल|शौकत महल]] के निकट बनी हुई है। | |||
*वर्ष 1898 ई. में सदर मंजिल की शानदार इमारत का निर्माण तत्कालीन नवाब | *वर्ष [[1898]] ई. में सदर मंजिल की शानदार इमारत का निर्माण तत्कालीन नवाब शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था। | ||
*भोपाल स्थित अनोखा सदर मंजिल शामला की पहाडियों पर 200 एकड के क्षेत्र में फैला हुआ है। | *भोपाल स्थित अनोखा सदर मंजिल शामला की पहाडियों पर 200 एकड के क्षेत्र में फैला हुआ है। | ||
*सदर मंजिल जिस स्थान पर बनी है, उसे प्रागैतिहासिक काल से संबंधित माना जाता है। | *सदर मंजिल जिस स्थान पर बनी है, उसे प्रागैतिहासिक काल से संबंधित माना जाता है। | ||
*वर्ष 1901 ई. में नवाब शाहजहां बेगम की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र पुत्री नवाब | *वर्ष [[1901]] ई. में नवाब शाहजहां बेगम की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र पुत्री नवाब सुल्तानजहां बेगम जब नवाब भोपाल बनी तब उन्होंने सदर मंजिल को रियासत के दरबार हॉल के रूप में परिवर्तित कर दिया था। | ||
* | *इस मंजिल में [[भारत]] के विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति की झलक देखी जा सकती है। | ||
* | *यहाँ की [[वास्तुकला]] देखने लायक़ है। | ||
*सदर मंजिल की पच्चीकारी [[दिल्ली]] के लाल क़िला स्थित | *सदर मंजिल की पच्चीकारी [[दिल्ली]] के [[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]] स्थित दीवाने ख़ास के अनुरूप है। | ||
*अनेक ब्रिटिश वायसराय और देश की स्वतंत्रता के बाद महत्त्वपूर्ण राज नेताओं का यहाँ आगमन होता रहा है। | *अनेक ब्रिटिश वायसराय और देश की स्वतंत्रता के बाद महत्त्वपूर्ण राज नेताओं का यहाँ आगमन होता रहा है। | ||
*वर्ष 1953 में स्वर्गीय डॉ. शंकर दयाल शर्मा के मुख्यमंत्रित्व काल में इस दरबार हॉल में भोपाल शहर की नगर पालिका स्थापित की गई थी। *कहा जाता है कि भोपाल के शासक सदर मंजिल का इस्तेमाल पब्लिक हॉल के रूप में करते थे। | *वर्ष [[1953]] में स्वर्गीय डॉ. शंकर दयाल शर्मा के मुख्यमंत्रित्व काल में इस दरबार हॉल में भोपाल शहर की नगर पालिका स्थापित की गई थी। | ||
*कहा जाता है कि भोपाल के शासक सदर मंजिल का इस्तेमाल पब्लिक हॉल के रूप में करते थे। | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}} |
09:29, 11 जुलाई 2012 का अवतरण
सदर मंजिल मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में शौकत महल के निकट बनी हुई है।
- वर्ष 1898 ई. में सदर मंजिल की शानदार इमारत का निर्माण तत्कालीन नवाब शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था।
- भोपाल स्थित अनोखा सदर मंजिल शामला की पहाडियों पर 200 एकड के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- सदर मंजिल जिस स्थान पर बनी है, उसे प्रागैतिहासिक काल से संबंधित माना जाता है।
- वर्ष 1901 ई. में नवाब शाहजहां बेगम की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र पुत्री नवाब सुल्तानजहां बेगम जब नवाब भोपाल बनी तब उन्होंने सदर मंजिल को रियासत के दरबार हॉल के रूप में परिवर्तित कर दिया था।
- इस मंजिल में भारत के विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति की झलक देखी जा सकती है।
- यहाँ की वास्तुकला देखने लायक़ है।
- सदर मंजिल की पच्चीकारी दिल्ली के लाल क़िला स्थित दीवाने ख़ास के अनुरूप है।
- अनेक ब्रिटिश वायसराय और देश की स्वतंत्रता के बाद महत्त्वपूर्ण राज नेताओं का यहाँ आगमन होता रहा है।
- वर्ष 1953 में स्वर्गीय डॉ. शंकर दयाल शर्मा के मुख्यमंत्रित्व काल में इस दरबार हॉल में भोपाल शहर की नगर पालिका स्थापित की गई थी।
- कहा जाता है कि भोपाल के शासक सदर मंजिल का इस्तेमाल पब्लिक हॉल के रूप में करते थे।