"देवनन्दि पूज्यपाद": अवतरणों में अंतर
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*ये तार्किक, वैयाकरण, कवि और स्तुतिकार हैं। | *ये तार्किक, वैयाकरण, कवि और स्तुतिकार हैं। | ||
*तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी विशद व्याख्या सर्वार्थसिद्धि में इनकी दार्शनिकता और तार्किकता अनेक स्थलों पर उपलब्ध होती है। | *तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी विशद व्याख्या सर्वार्थसिद्धि में इनकी दार्शनिकता और तार्किकता अनेक स्थलों पर उपलब्ध होती है। |
14:20, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
आचार्य देवनन्दि पूज्यपाद
- आचार्य देवनन्दि-पूज्यपाद विक्रम सम्वत की छठीं और ईसा की पाँचवीं शती के बहुश्रुत विद्वान् हैं।
- ये तार्किक, वैयाकरण, कवि और स्तुतिकार हैं।
- तत्त्वार्थसूत्र पर लिखी गयी विशद व्याख्या सर्वार्थसिद्धि में इनकी दार्शनिकता और तार्किकता अनेक स्थलों पर उपलब्ध होती है।
- इनका एक न्याय-ग्रन्थ 'सार-संग्रह' रहा है, जिसका उल्लेख आचार्य वीरसेन ने किया है और उनमें दिये गये नयलक्षण को धवला-टीका में उद्धृत किया है।
- जैनेन्द्रव्याकरण, समाधिशतक, इष्टोपदेश, निर्वाणभक्ति आदि अनेक रचनाएँ भी इन्होंने लिखी हैं।