"बंबिल (बॉम्बे डक)": अवतरणों में अंतर

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*उत्तर [[भारत]] में पाई जाने वाली हार्पेडॉन्टिडे कुल की [[मछली]], जिसका खाद्य मछली के रूप में व्यापक उपयोग होता है।
*उत्तर [[भारत]] में पाई जाने वाली हार्पेडॉन्टिडे कुल की [[मछली]], जिसका खाद्य मछली के रूप में व्यापक उपयोग होता है।
*बंबिल (बॉम्बे डक) सुखाकर मसाला बनाया जाता है।
*बंबिल (बॉम्बे डक) सुखाकर मसाला बनाया जाता है।
*बॉम्बे डक 41 सेमी की लंबाई तक बढ़ सकती है और यह धुसर, पारभासी स्लेटी या भूरे रंग की होती है और इसके शरीर पर छोटे, गहरे रंग की चित्तियाँ होती हैं।  
*बॉम्बे डक 41 सेमी की लंबाई तक बढ़ सकती है और यह धुसर, पारभासी स्लेटी या [[भूरा रंग|भूरे रंग]] की होती है और इसके शरीर पर छोटे, गहरे रंग की चित्तियाँ होती हैं।  
*इसका मुँह काफ़ी बड़ा, पूंछ चिरी हुई और अंसपेशी तथा श्रोणी के पंख बड़े होते हैं।
*इसका मुँह काफ़ी बड़ा, पूंछ चिरी हुई और अंसपेशी तथा श्रोणी के पंख बड़े होते हैं।
*बंबिल (बॉम्बे डक) जाति की कई प्रजातियाँ अफ़्रीका से ऑस्ट्रेलिया और न्यूगिनी तक पाई जाती हैं।
*बंबिल (बॉम्बे डक) जाति की कई प्रजातियाँ अफ़्रीका से ऑस्ट्रेलिया और न्यूगिनी तक पाई जाती हैं।

17:55, 15 जुलाई 2011 का अवतरण

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  • उत्तर भारत में पाई जाने वाली हार्पेडॉन्टिडे कुल की मछली, जिसका खाद्य मछली के रूप में व्यापक उपयोग होता है।
  • बंबिल (बॉम्बे डक) सुखाकर मसाला बनाया जाता है।
  • बॉम्बे डक 41 सेमी की लंबाई तक बढ़ सकती है और यह धुसर, पारभासी स्लेटी या भूरे रंग की होती है और इसके शरीर पर छोटे, गहरे रंग की चित्तियाँ होती हैं।
  • इसका मुँह काफ़ी बड़ा, पूंछ चिरी हुई और अंसपेशी तथा श्रोणी के पंख बड़े होते हैं।
  • बंबिल (बॉम्बे डक) जाति की कई प्रजातियाँ अफ़्रीका से ऑस्ट्रेलिया और न्यूगिनी तक पाई जाती हैं।


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