No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
+[[जस्ता]] | +[[जस्ता]] | ||
-[[मैंगनीज]] | -[[मैंगनीज]] | ||
||जस्ता प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। यह संयुक्त अवस्था में विभिन्न अयस्कों के रूप में पाया जाता है। यह जिंक ब्लैड और कैलामाइन अयस्क के रूप में प्रचुर मात्रा में मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जस्ता]] | ||[[चित्र:Zinc.jpg|right|100px|जस्ता]]जस्ता प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। यह संयुक्त अवस्था में विभिन्न अयस्कों के रूप में पाया जाता है। यह जिंक ब्लैड और कैलामाइन अयस्क के रूप में प्रचुर मात्रा में मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जस्ता]] | ||
{महासागरीय एवं महाद्वीपीय परतों में किसके आधार पर अंतर पाया जाता है? | {महासागरीय एवं महाद्वीपीय परतों में किसके आधार पर अंतर पाया जाता है? | ||
पंक्ति 94: | पंक्ति 94: | ||
-इण्डोनेशिया | -इण्डोनेशिया | ||
+[[श्रीलंका]] | +[[श्रीलंका]] | ||
||भारतीय पौराणिक काव्यों में श्रीलंका का वर्णन [[लंका]] के रूप में किया गया है। इतिहासकारों में इस बात की आम धारणा थी कि, [[श्रीलंका]] के आदिम निवासी और दक्षिण [[भारत]] के आदि मानव एक ही थे। सोलहवीं सदी में यूरोपीय शक्तियों ने [[श्रीलंका]] में अपना व्यापार स्थापित किया। बाद के दिनों में यह देश [[चाय]], रबड़, चीनी, कॉफ़ी, दालचीनी सहित अन्य मसालों का निर्यातक बन गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीलंका]] | ||[[चित्र:View-Of-Assam.jpg|right|100px|चाय के बाग़]]भारतीय पौराणिक काव्यों में श्रीलंका का वर्णन [[लंका]] के रूप में किया गया है। इतिहासकारों में इस बात की आम धारणा थी कि, [[श्रीलंका]] के आदिम निवासी और दक्षिण [[भारत]] के आदि मानव एक ही थे। सोलहवीं सदी में यूरोपीय शक्तियों ने [[श्रीलंका]] में अपना व्यापार स्थापित किया। बाद के दिनों में यह देश [[चाय]], रबड़, चीनी, कॉफ़ी, दालचीनी सहित अन्य मसालों का निर्यातक बन गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीलंका]] | ||
{निम्न में से कौन-सी नदी प्रारम्भ में 'अरूण नदी' के नाम से जानी जाती थी? | {निम्न में से कौन-सी नदी प्रारम्भ में 'अरूण नदी' के नाम से जानी जाती थी? |
13:33, 19 जुलाई 2011 का अवतरण
भूगोल
|