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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{अकबर का सबसे अंतिम विजय अभियान था? | {[[अकबर]] का सबसे अंतिम विजय अभियान था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मालवा विजय | -मालवा विजय | ||
-गुजरात विजय | -गुजरात विजय | ||
+असीरगढ़ विजय | +असीरगढ़ विजय | ||
- | -हल्दी घाटी का युद्ध | ||
{शिवाजी को 'राजा' की उपाधि किसने प्रदान की थी? | {शिवाजी को 'राजा' की उपाधि किसने प्रदान की थी? | ||
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-महाराजा जयसिंह ने | -महाराजा जयसिंह ने | ||
{किस मराठा शासक के शासककाल को पेशावाओं के शासनकाल के नाम से जाना जाता है। | {किस मराठा शासक के शासककाल को [[पेशावर|पेशावाओं]] के शासनकाल के नाम से जाना जाता है। | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-राजाराम | -राजाराम | ||
-शिवानी | -शिवानी | ||
+शाहू | +[[शाहू]] | ||
-शभ्भाजी | -शभ्भाजी | ||
||'''शाहू''', जिसे 'शिवाजी द्वितीय' के नाम से भी जाना जाता है, छत्रपति [[शिवाजी]] का पौत्र तथा [[शम्भुजी]] और येसुबाई का पुत्र था। शाहू, शम्भुजी का उत्तराधिकारी था, जिसने [[राजाराम शिवाजी|राजाराम]] और [[ताराबाई]] के पुत्र शिवाजी तृतीय को अपनी अधीनता स्वीकार करने के लिये विवश किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहू]] | |||
{किसे [[जहाँगीर]] ने 'खान' की उपाधि से सम्मानित किया? | {किसे [[जहाँगीर]] ने 'खान' की उपाधि से सम्मानित किया? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | +[[विलियम हॉकिंस]] | ||
-सर टामस रो | -सर टामस रो | ||
-एडवर्ड टेरी | -एडवर्ड टेरी | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{[[ | {[[नालन्दा विश्वविद्यालय]] किसलिए विश्व प्रसिद्ध था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-चिकित्सा विज्ञान | -चिकित्सा विज्ञान | ||
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-इत्सिंग | -इत्सिंग | ||
+मेगास्थनीज | +मेगास्थनीज | ||
-फाह्यान | -[[फाह्यान]] | ||
{मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था? | {मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था? | ||
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-[[कंबन]] | -[[कंबन]] | ||
{' | {'रामचरित' की रचना किसने की थी? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[कालिदास]] | -[[कालिदास]] | ||
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-पांठ्य | -पांठ्य | ||
-चेर | -चेर | ||
-पल्लव | -[[पल्लव वंश|पल्लव]] | ||
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+[[एकेश्वरवाद]] | +[[एकेश्वरवाद]] | ||
-बहुदेववाद | -बहुदेववाद | ||
-अनीश्वरवाद | -[[अनीश्वरवाद]] | ||
-अद्वैतवाद | -अद्वैतवाद | ||
||व्यावहारिक जीवन में एकेश्वरवाद''' की प्रधानता होते हुए भी पारमार्थिक और आध्यात्मिक अनुभूति की दृष्टि से इसका पर्यवसान अद्वैतवाद में होता है-अद्वैतवाद अर्थात् मानव के व्यक्तित्व का विश्वात्मा में पूर्ण विलय। जागतिक सम्बन्ध से एकेश्वरवाद के कई रूप हैं, जो निम्न हैं-{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एकेश्वरवाद]] | ||व्यावहारिक जीवन में एकेश्वरवाद''' की प्रधानता होते हुए भी पारमार्थिक और आध्यात्मिक अनुभूति की दृष्टि से इसका पर्यवसान अद्वैतवाद में होता है-अद्वैतवाद अर्थात् मानव के व्यक्तित्व का विश्वात्मा में पूर्ण विलय। जागतिक सम्बन्ध से एकेश्वरवाद के कई रूप हैं, जो निम्न हैं-{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एकेश्वरवाद]] |
13:05, 1 अगस्त 2011 का अवतरण
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